बीकानेर। प्राइवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) द्वारा समर्थित निजी स्कूलों के प्रस्तावित राजस्थान बंद और बोर्ड कार्यालय के घेराव और धरने को बीकानेर सहित पूरे राजस्थान से बहुत ही शानदार सहयोग मिल रहा है। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि गुरुवार को स्कूल क्रांति संघ जयपुर, राजस्थान प्राइवेट एज्यूकेशन एसोसिएशन अजमेर सहित राज्य के अनेक संगठनों द्वारा निजी स्कूलों की विभिन्न मांगों के लिए अजमेर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन और घेराव तथा निजी स्कूलों में प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया गया है। पैपा के बीकानेर संयोजक घनश्याम साध ने बताया कि बीकानेर जिले में बहुत ही अच्छा समर्थन सभी निजी स्कूलों द्वारा मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी निजी स्कूलों द्वारा गुरुवार को संपूर्ण अवकाश कर सरकार की दमनकारी और दोगली नीतियों का विरोध किया जाएगा। साध ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़, श्रीकोलायत, खाजूवाला, दंतौर, पूगल तथा बीकानेर की लगभग 550 स्कूलों में संपर्क कर गुरुवार को स्कूल में पूर्ण हड़ताल कर सरकार के विरोध हेतु सहमति ली। समन्वयक खैरीवाल ने कहा कि गैर सरकार शिक्षण संस्थाओं के साथ सरकार द्वारा लगातार भेदभाव किया जा रहा है। सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ निम्न मांगों के लिए यह एक दिवसीय हड़ताल और बोर्ड कार्यालय के घेराव का आयोजन किया जा रहा है-
1. अव्यावहारिक फीस एक्ट को वापस लिया जाए और सरकार स्वयं ही न्यूनतम और अधिकतम फीस संरचना स्कूल कैडर के मुताबिक निर्धारित करे।
2. गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के स्टाफ के पुलिस वेरीफिकेशन और मनोवैज्ञानिक टेस्ट की बाध्यता समाप्त की जाए।
3. बात-बात पर मान्यता समाप्त की धमकी दी जानी बंद की जाए।
4. सरकारी स्कूलों और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों में भेदभाव समाप्त कर प्राईवेट स्कूलों के बच्चों को भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाले समस्त प्रोत्साहन दिया जाए।
5. आरटीई का पुनर्भुगतान वर्तमान सत्र की फीस के तहत किया जाए।
6. आरटीई के गत 5 सत्रों की बकाया राशि का एरियर तुरंत दिया जाए।
7. आरटीई संबंधी वाजिब समस्याओं का समाधान तुरंत प्रभाव से किया जाए।
8. एक देश – एक पाठ्यक्रम लागू किया जाए।
9. 5 वीं और 8 वीं बोर्ड परीक्षाओं का औचित्य समझाया जाए।
10. बोर्ड परीक्षाओं में समानता, निष्पक्षता और पारदर्शिता लागू की जाए।
11. बोर्ड परीक्षाओं में सरकारी और निजी स्कूलों के टीचर्स की समान ड्यूटी (50-50) लगाई जाए।
12. सरकारी शिक्षण संस्थाओं में निजी शिक्षण संस्थाओं के टीचर्स की ड्यूटी तथा निजी शिक्षण संस्थाओं में सरकारी टीचर्स की ड्यूटी लगाई जाए।
13. बोर्ड मैरिट पुन: शुरू की जाए।
14. बोर्ड परीक्षाओं में केंद्रीय मूल्यांकन (टेबल चैकिंग) प्रणाली लागू की जाए।
15. बगैर टीसी प्रवेश प्रक्रिया बंद की जाए।