एसकेआरएयू: युवा महोत्सव ‘गोरबंद-2019’ आयोजित

बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का युवा महोत्सव ‘गोरबंद-2019’ शुक्रवार को विश्वविद्यालय के जिम्नेजियम हॉल में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बलराज सिंह थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य, चरित्र निर्माण है। शिक्षक-विद्यार्थी इसे समझें तथा इसके अनुसार शिक्षार्जन करें-कराएं। उन्होंने कहा छिपी प्रतिभा को निखारने में ‘गोरबंद’ जैसे आयोजन प्रभावी भूमिका निभाते हैं। ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर हों तथा विद्यार्थी, संकोच की भावना को छोड़कर इनमें भागीदारी निभाएं। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को तनावमुक्ति का माध्यम बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को पूर्ण तन्मयता से अध्ययन करने और विश्वविद्यालय के विकास में भागीदारी का आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद सागर स्थित ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम के अधिष्ठाता दाताश्री रामेश्वरानंद महाराज ने विद्यार्थियों को सफलता के पांच नियम और लक्षण बताए। उन्होंने कहा विद्यार्थी आत्ममंथन-आत्मावलोकन करते हुए अपनी कमियों को दूर करें और सफलता के पथ पर आगे बढें। उन्होंने कहा विद्यार्थी, अपने अभिभावकों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करें। उन्होंने गुरु-शिष्य परम्परा की महत्ता बताई और आज के दौर में इसकी आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि आज, कृषि का परिदृश्य बदल रहा है। इस पर कृषि विद्यार्थी नजर रखें। आज खाद्य सुरक्षा से सुरक्षित खाद्य अधिक जरूरी है। हमें इस ओर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि एसकेआरएयू ने कृषि शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। इस विश्वविद्यालय का विद्यार्थी होना गर्व की अनुभूति वाला है। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी, कल कृषि वैज्ञानिक बनेंगे। ऐसे में इनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। युवा इसे समझें और कृषि कल्याण की दिशा में कार्य करें। उन्होंने विश्वविद्यालय में अगले 15 दिनों में ‘प्लेसमेंट सेल’ गठित करने की घोषणा की।

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इससे पहले अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आई. पी. सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। निदेशक छात्र कल्याण प्रो. वीरसिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया। केंद्रीय छात्र संघ अध्यक्ष सुनील कुमार बुरड़क ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों की जानकारी दी। युवा कृषक संघ अध्यक्ष रवि जांदू ने रिक्त पदों को भरने की मांग की।

मेधावी विद्यार्थी हुए पुरस्कृत

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के पीजी-यूजी के टॉपर विद्यार्थियों, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। वहीं इकत्तीस सौ रुपये का अमित गोदारा स्मृति अवार्ड, राजस्थान प्री-पीजी टेस्ट के प्रतिभावान विद्यार्थियों, बेस्ट एनसीसी विद्यार्थियों, इंटर हाउस कॉम्पीटिशन के विजेताओं और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित प्रदर्शनी के विजेताओं को पुरस्कार दिए गए।

दिनभर हुई विभिन्न प्रतियोगिताएं

गोरबंद के तहत शुक्रवार को दिन भर समूह नृत्य, गीत, एकल अभिनय और मूक अभिनय सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह से भागीदारी निभाई। मुख्य समारोह के दौरान छात्राओं ने राजस्थानी, गुजराती और पंजाबी लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां दीं।
विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. चित्रा हेनरी ने आभार जताया। केंद्रीय छात्रसंघ संयुक्त सचिव रेखा चाहर, महासचिव निखिल पंकज आदि बतौर अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बृजेन्द्र त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. संजीता शर्मा, गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. दीपाली धवन, निदेशक अनुसंधान डॉ. एस एल गोदारा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. ए. के. शर्मा, कृषि अनुसंधान केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पीएस शेखावत, विशेषाधिकारी डॉ. राजेश शर्मा सहित विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर, शैक्षणिक-अशैक्षणिक स्टाफ, विद्यार्थी मौजूद रहे।

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