नई दिल्ली। देश के 13 वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रणब मुखर्जी के अलावा यह पुरस्कार मरणोपरांत सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख और असम प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका को दिया जाएगा। तीनों को जनवरी 2019 में इस सम्मान के लिए चुना गया था।


पांच दशक लंबा राजनीतिक जीवन
प्रणव मुखर्जी का राजनीतिक जीवन लगभग पांच दशकों का रहा। वे कांग्रेस से जुड़े रहे। इस दौरान वे इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी. वी. नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों में विभिन्न प्रमुख पदों पर रहे। उन्होंने ने 2012-2017 तक वे राष्ट्रपति पद पर रहे। इससे पहले 2009 से 2012 तक केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में भी काम किया।

प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में 11 दिसम्बर 1935 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। प्रणब मुखर्जी के पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी और माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी है। प्रणब मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में एमए के साथ साथ कानून की डिग्री भी हासिल की। वे वकील, पत्रकार और प्रोफेसर रह चुके हैं। उन्हें मानद डी.लिट उपाधि भी प्राप्त है।


देश के प्रति जताया आभार
इस सम्मान की घोषणा के बाद उन्होंने कहा था ‘मैं भारत की जनता के प्रति विनम्रता और कृतज्ञता की भावना के साथ इस सम्मान को ग्रहण करता हूं। मैंने हमेशा कहा है और फिर कह रहा हूं कि मुझे अपने महान देश के लोगों से उतना मिला है जितना मैंने दिया भी नहीं है।Ó उन्हें इसके लिए पीएम मोदी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी थी।

synthesis institute