25nov-om1

ओम एक्सप्रेस न्यूज बीकानेर। गंगाशहर घड़सीसर रोड स्थित तुलसी विहार में अंजनशालाका एवं जिनमंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को खरतरगच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री जिनमणीप्रसूरीश्वरजी म.सा. के सानिध्य में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। सुबह भगवान पाश्र्वनाथ के दीक्षा कल्याणक विधान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

तत्पश्चात भक्तिमय माहौल में गंगाशहर जैन मंदिर से भव्य वरघोड़ा का आयोजन हुआ। वहीं बाद में धर्मसभा हुई और रात में भव्य जागरण का आयोजन हुआ जिसमें बाहर से आये कलाकारों और स्थानीय कलाकारों ने अपने मधुर भजनों से भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। आयोजन से जुड़े सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि सुबह 7.30 बजे खरतरगच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री जिनमणीप्रसूरीश्वरजी म.सा. के सानिध्य में विधिकारक हेमन्तभाई वेदमुथा ने विधिविधान से कार्य संपन्न करवाया। तत्पश्चात गंगाशहर जैन मंदिर से विशाल एवं भव्य वरघोड़ा निकाला गया जिसमें बैण्ड बाजों की मधुर स्वर लहरियां और ढोल-नगाड़ों की थाप के मध्य इन्द्रध्वज पर एवं शोभायात्रा पर जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।

वरघोड़ा में महिलाओं ने लाल साड़ी तो कन्याओं ने लाल चुनर ओढ़ कर सर पर कलश धारण किये वहीं पुरुषों ने श्वेत वस्त्र पहने और सर पर केसरिया व पंचरंगी पाग पहने हुए थे। वरघोड़ा में आचार्य भगवन्तश्री के साथ पन्यास प्रवर श्री पुण्डरिकरत्न जी म.सा., प्रवर्तनी साध्वीश्री शशिप्रभा म.सा., श्री कल्पलताश्रीजी, साध्वीश्री प्रियस्वर्णाजंनाश्री, साध्वीश्री पद्मप्रभाश्रीजी म.सा. सहित 30 से अधिक साधु-साध्वी शामिल हुए। वरघोड़ा में रोबीले राजस्थानी वेशभूषा में ऊंट व घोड़ों पर सवार थे। धर्मप्रेमी बंधुओं ने ‘त्रिशला नन्दन वीर की जय बोलो महावीर की, जैन धर्म की जयजयकार और चन्दन की दो चौकियां, पुष्पन के दो हार, केसर भर्यो बाटको पूजो नेम कुमारÓ के उद्घोष लगाये वहीं भगवान पाश्र्वनाथ, भगवान महावीर, दादा गुरुदेव श्री जिनकुशल सूरीश्वर जी योगीराज, श्री विजयशान्ति सूरीश्वर जी के तेलचित्र की झांकी सजी वहीं बच्चों ने उनके जीवनवृत पर सजीव झांकी प्रस्तुत की। आयोजन से जुड़े हेमन्त सिंगी ने बताया कि मुख्य बाजार गंगाशहर से गांधी चौक, बोथरा चौक, नोखा रोड होते हुए वरघोड़ा तुलसी विहार पहुंच कर धर्मसभा में परिवर्तित हो गया।

जहां पर आचार्यश्री मणीप्रभजी ने फरमाया कि जिनमंदिर के दर्शन से अतिपुण्य का उदय होता है, समस्त पापों का नाश होता है। यह मनुष्य जन्म हमें सार्थक करना है तो जीवन को कुवृत्तियों से हटाकर सद्वृतियों की ओर ले जाना होगा। इस अवसर पर जिनमंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव की बोलियों की जाजम बिछाई गई जिसमें धर्मप्रेमी बंधुओं ने एक से बढ़कर एक बोली लगाई। रात्रि में भव्य भक्तिमय विशाल जागरण कार्यक्रम हुआ जिसमें बाहर से पधारे एवं स्थानीय कलाकारों ने समधुर भजनों की प्रस्तुती दी। गायक कलाकार दिल्ली के मोह मद रियाज, जयपुर के नवरतन बच्छावत, वरिष्ठ गायक मगन कोचर, महेन्द्र कोचर एवं वसु सिंगी ने ‘आई शुभ घड़ी प्रतिष्ठा की मंगलकारी, बाजे ढोल नगाड़ा गूंजे जयकार प्यारी सुनाकर Ó माहौल भक्तिमय बना दिया।

You missed