विश्वकर्मा महापुराण कथा समापन समारोह में दी 51 हजार की राशि
ओम एक्सप्रेस न्यूज बिलाड़ा। भगवान विश्वकर्मा वास्तु सृजन देव हैं। शिल्पशास्त्र के आदिप्रवर्तक भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से पृथ्वी पर सृजन जीवित है। यह उद्गार गौसेवी पद्माराम कुलरिया ने जोधपुर के बिलाड़ा गांव में विश्वकर्मा महापुराण कथा के समापन अवसर पर कही। नोखा मूलवास के पद्माराम कुलरिया ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में जितनी भी राजधानियां थी, प्राय: सभी भगवान विश्वकर्मा की ही बनाई गई थीं। यहां तक कि सतयुग का स्वर्ग लोक, त्रेता युग की लंका, द्वापर की द्वारिका और कलयुग का हस्तिनापुर आदि विश्वकर्मा द्वारा ही रचित है। सामाजिक कार्यकर्ता कुनाल जांगिड़ ने बताया कि बाणगंगा विश्वकर्मा मंदिर में विश्वकर्मा महापुराण डांगियावास के संत शंकरलाल महाराज के सान्निध्य में चल रही कथा के इस आयोजन में समाजसेवी पद्माराम कुलरिया ने 51 हजार की राशि सामाजिक कार्यों के लिए भेंट की। जांगिड़ ने बताया कि उपस्थित समाज बन्धुओं ने गौसेवी पदमाराम कुलरिया, कानाराम कुलरिया, शंकरलाल कुलरिया का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बिलाड़ा सुथार समाज अध्यक्ष मूलचन्द सुथार, नेमाराम सुथार, रामकुमार सुथार, विकास सुथार, रामेश्वरलाल सुथार, अनिल सुथार, कमल सुथार, मनोहर सुथार, गोविन्दराम सुथार, उमा सुथार तथा कविता सुथार सहित अनेक श्रद्धालू उपस्थित रहे।