ओम एक्सप्रेस न्यूज बीकानेर। वरिष्ठ नागरिक समिति एवं हर्ष फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में रविन्द्र रंगमंच पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा. बसन्ती हर्ष की पुस्तक “आत्म-दीप बनें” तथा अनुदित “मूल्य मनुष्यता का” का लोकार्पण किया गया । कार्यक्रम में श्रीमती हर्ष ने अपनी काव्य रचनाएं सुनाई तथा नगर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा डा. बसन्ती हर्ष का सम्मान किया गया । कार्यक्रम में हर्ष फाउण्डेषन के षिलापट का अनावरण भी किया गया ।
कार्यकम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि डा. बसन्ती हर्ष के काव्य संग्रह “आत्म-दीप बने” की कविताएं मनुष्यता के भाव जागृत करती है । उन्होने कहा कि श्रीमती हर्ष ने राजस्थानी कथा संग्रह “मोल मिनखाचारे रो” का हिन्दी अनुवाद “मूल्य मनुष्यता का” के रूप में प्रभावी ढंग से किया है । कार्यकम अध्यक्ष विधायक डा. गोपाल जोषी ने कहा कि डा. श्रीमती हर्ष की पुस्तकों में नारी मन की संवेदनाएं उजागर हुई है । मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार भवानीषंकर व्यास विनोद ने कहा कि श्रीमती हर्ष की रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं का श्रेष्ठ संयोजन है । कार्यक्रम में विषिष्ट अतिथि राजस्थानी साहित्यकार षिवराज छंगाणी, डा. मदन सैनी ने भी अपने विचार रखे । कार्यकम में काव्यसंग्रह पर पत्रवाचन करते हुए डा. रेणुका व्यास नीलम ने कहा कि पुस्तक में 84 कविताएं वन्दना, नमन, प्राकृतिक सुषमा, नारी, परिवार, पर्व, परम्पराएं, कर्मनिष्ठा, सीख के दायरे, नैतिकता, आत्मभाव, विविध, मंगलकामना खण्डों में प्रकाषित हुई है । अनूदित पुस्तक “मूल्य मनुष्यता का” पर पत्रवाचन करते हुए डा. कृष्णा आचार्य ने कहा कि डा. श्रीमती हर्ष ने मूल पुस्तक की 16 कहानियों के मर्म को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है । कार्यकम में मूल राजस्थानी कथा संग्रह “मोल मिनखाचारे रो” की सृजक श्रीमती आनन्द कौर व्यास का सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम में डा. श्रीमती बसन्ती हर्ष ने अपनी सृजन प्रक्रिया साझा करते हुए कहा कि कविताओं के माध्यम से माता पिता की सेवा और सम्मान, नारी को पर्याप्त स्नेह और आदर मिले, युवा वर्ग में संस्कारों का संरक्षण और उत्थान का महत्व, समय और श्रम का मोल जानने का संदेष घर घर पहुंचे यही कामना है । कार्यक्रम के प्रारंभ में समिति के रामकिषोर रावत ने स्वागत उदबोधन प्रस्तुत किया । कार्यकम में लोकगायिका श्रीमती राजकुमारी मारू, सुधांषु मोहन मिश्र आलोक ने गणेष वंदना प्रस्तुत की । कवि मोहन एस. वैष्णव ने देषभक्ति रचना सुनाई । बाल कलाकार निहारिका पारीक एवं कल्याणी पारीक ने नृत्य प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम के संयोजक ज्योतिप्रकाष रंगा ने कार्यक्रम की रूपरेखा तथा अतिथियों का परिचय दिया । कार्यकम में कादम्बिनी क्लब, जनजीवन कल्याण सेवा समिति, सखा संगम के एन. डी. रंगा, चन्द्रषेखर जोषी, डा. एम. एल. व्यास, डा. अजय जोषी, अषफाक कादरी, राजाराम स्वर्णकार, गिरीराज पारीक, नेमचन्द गहलोत, ने डा. श्रीमती हर्ष का सम्मान किया ।
कार्यकम में लायन्स क्लब उडान, लायन्स क्लब मल्टीविजन, वरिष्ठ नागरिक समिति, उजास संस्था, भारत विकास परिषद, पुष्करणा महिला मण्डल, शब्दश्री संस्थान, ज्ञान फाउण्डेषन, डाक्टर लेडीज क्लब, मेडिकल प्रेक्टिषनर सोसायटी, कवि चौपाल द्वारा भी सम्मानित किया गया ।
कार्यकम में डा. ए.के. गहलोत, जगदीष हर्ष, जितेन्द्र व्यास लखावत, सुषील पुरोहित, झंवरलाल पुरोहित, डा. मोहनलाल व्यास, डा. मोहम्मद साबिर, पदमाकर व्यास, विजय कुमार पुरोहित, अविनाष हर्ष, डी. पी. शर्मा, डा. बालनारायण पुरोहित, राजीव पुरोहित, प्रकाष छंगाणी, मोहम्मद फारूख, बसन्त पुरोहित, सुरेन्द्र प्रकाष गुप्ता, डा. हरमीत सिंह, राजीव पुरोहित, चेतन आचार्य, डा. उषाकिरण सोनी, श्रीमती प्रेमा हीरेमठ, श्रीमती कांता चाडा, हीरा आचार्य, सुधा आचार्य, डा. प्रीति गुप्ता, श्रीमती प्रमिला व्यास, डा. लोकेष झा, रजिया सुल्ताना, वरिष्ठ रंगकर्मी बी. एल. नवीन, वरिष्ठ चित्रकार मुरली मनोहर के. माथुर, श्रीमती सुलोचना गोठवााल, वरिष्ठ चिकित्सक डा. धनपत कोचर, डा. सीताराम गोठवाल, मुनीन्द्र अग्निहोत्री, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष डा. सत्यप्रकार आचार्य, मोहनलाल मारू, श्री गोपाल स्वर्णकार, पत्रकार शुभू पटवा कार्यकम में साक्षी बने ।