राजे के लिये रामकथा पांडाल में बैठने के लिये विशेष व्यवस्था की गई थी, लेकिन वे साधारण पंक्ति में जाकर आम श्रद्धालुओं के साथ जमीन पर ही बैठीं तथा वहीं बैठकर आध्यात्मिक रामकथा सुनी। संत मोरारी बापू ने कथा शुरू करने से पूर्व मुख्यमंत्री को आर्शीवाद देते हुये कहा कि सश्र शीर्ष पर बैठे लोगों का आम जनता के साथ बैठकर प्रवचन सुनना भारतीय संस्कृति में ही संभव है। उन्होंने कहा कि राजपीठ का व्यासपीठ के सामने बैठकर रामकथा सुनने से ही कल्याण हो जाता है।
इस अवसर पर संत मोरारी बापू ने कामां के मन्दिरों के जीर्णोद्धार हेतु 5 लाख रूपये का तुलसी दानपत्र देने की घोषणा की। इस दौरान पर्यटन राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर दीपा, सांसद श्री बहादुर सिंह कोली, विधायक श्री जगत सिंह, श्रीमती अनीता सिंह, श्री विजय बंसल, श्री बच्चूसिंह बंशीवाल, संभागीय आयुक्त श्री सुबीर कुमार, जिला कलक्टर डॉ. नरेन्द्र कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री अनिल टांक सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।