पोकरण। 2008 में हुये परिसिमन के तहत जैसलमेर जिले की नवगठित विधानसभा पोकरण इन दिनों देश-प्रदेश में सर्वाधिक चर्चित सीटों मे से एक विधानसभा सीट है जहाँ पर दुनियाभर की निगाहें टिकी है। यहाँ पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है। जहाँ कांग्रेस ने पिछले चुनाव में बुरी तरह हारे प्रत्याशी को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने 34444 मतों से रिकॉर्ड जीत दर्ज करने वाले शैतानसिंह को पुन: टिकट न देकर हिन्दू समाज के पूजनीय महंत प्रतापपुरी को टिकट देकर हिन्दू वोटो का धुर्वीकरण करने के साथ ही कांग्रेस के साले मोहम्मद की पोकरण से राजनीतिक संन्यास की तैयारी कर ली है।
प्रतापपुरी के नाम की पोकरण से भाजपा प्रत्याशी घोषणा के साथ ही कांग्रेस के सालेमोहम्मद व फकीर परिवार की राजनीति के अरमानों पर पानी फेर दिया। जैसलमेर कांग्रेस की राजनीति का धूरी और चाणक्य कहे जाने वाला फकीर परिवार इन दिनों अपने ही सताये और राजनीतिक पर काटे गये व हास्य पर धकेले नेताओं की बदले की भावना का शिकार होता प्रतीत हो रहा है। फकीर का पाकिस्तान कनेक्शन वहां के रिश्तों और वहां से होने वाले सहयोग/समर्थन तथा फतवों को लेकर हिन्दू समाज में कई तरह के डर पैदा करता है। वही फकीर परिवार की हिस्ट्रीशीट खोलने वाले आईपीएस पंकज चौधरी के तबादला करवाने और जिले की जनता का पहली बार पुलिस कार्यवाही के समर्थन में आन्दोलन को कूचलने की कार्यवाही को लेकर आज भी जैसलमेर और पोकरण की जनता भूली नही है। जैसे ही कांग्रेस के प्रत्याशी सालेमोहम्मद के नाम की घोषणा हुई और भाजपा ने महंत प्रतापपुरी को सामने उतारा। दिनोंदिन माहौल प्रतापपुरी के समर्थन में भाजपामय होता जा रहा है।
36 कौम के अलग-अलग समाज के लोग पूजनीय संत प्रतापपुरी के समर्थन में एकत्र होकर गुड़ और मिष्ठान्न से जहाँ तोल रहे हैं, वही भाजपा को इस बार पूर्ण समर्थन देने की बात कर रहे है। जैसे-जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे है वैसे-वैसे कभी कांग्रेसी समर्थक रहे समाज भी इस बार एकत्र रूप से प्रतापपुरी का समर्थन करके मत देने की बात कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस और प्रत्याशी सालेमोहम्मद बौखला गये हैं। जिसका सीधा-सीधा असर देखने को मिल रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी बड़ी जनसभाओं में भीड़ न जुटाने के डर से छोट-छोटे व्यक्तिगत सम्पर्क और डोर-टू-डोर का सहारा लेकर अपनी भारी मतों की हार को कम करने व राजनीतिक जीवन के संकट को बचाने के भरसक प्रयास करते दिख रहे हैं। वही जैसलमेर कांग्रेस प्रत्याशी रूपाराम पर भी लगातार फकीर ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जहाँ रूपाराम व उनके समर्थक पिछले विधानसभा चुनाव के अनुभव के आधार पर फकीर पर अविश्वास कर रहे हैं, वही फकीर रूपाराम का कांग्रेस में बढ़ता कद सहज रूप से स्वीकार नही करता। अत: दोनों ओर से भीतरघात की पूरी संभावना है। अपनी हार को पचाने और रूपाराम को हराने के लिए एनवक्त पर अपने समुदाय के लोगों से भाजपा के सांगसिंह के पक्ष में मतदान करने का फतवा जारी कर सकता है। वही फकीर और उससे जुड़े लोग कई सियासी चालो व खरीद-फरोख्त तथा लालच देकर मत बटोरने में लग चूके है। साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसी कई अफवाहों का सहारा लेकर हिन्दू संन्यासी के पक्ष में बढ़ रहे अपार जनसमर्थन को भेदने की नाकाम कोशिशें कर रहे हैं।
कांग्रेस से जुड़े आईटीसेल के माध्यम से हिन्दू जाति के समाजो में होते धुर्वीकरण को रोकने के लिए दुष्प्रचार व भ्रामक प्रचार को माध्यम बनाकर कैसे भी हिन्दू वोटो के धुर्वीकरण को रोकने के असफल प्रयास जारी है। कांग्रेस आईटीसेल ने फकीर की हार के अंतर को कम करने और गहराते राजनीतिक संकट और खत्म होते कैरियर को बचाने के लिए कई मनगढ़त सर्वे, एडिटिंग विडियो, बयानों को तोड़-मरोड़ पेश करने सहित तमाम भ्रामक संदेशो का सहारा लिया है ताकि सच को झूठ दिखलाकर जनता को मूर्ख बना सके और खत्म होते राजनीतिक कैरियर को बचा सकें। इसके लिए तमाम आईटीसेल और पत्रकारिता से जुड़े कुछ स्वार्थी तत्वों को लगा रखा है। जब इस प्रकार के भ्रामक और झूठ दर्शाने वाली पोस्टे सोशल मीडिया पर वायरल हुई और संन्यासी भक्त लोगों ने उनसे सम्पर्क किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। आईटीसेल और कांग्रेस को समर्थन करने वाले पत्रकारो ने बताया कि हमें इस काम के लिए कांग्रेस पार्टी से संदेश मिला है कि हमारी हार को जितना हो सके कम किया जावें , उसी अनुपात में आप लोगों को सम्मानित किया जायेगा। साथ ही ऐसे लोगों को कांग्रेस पार्टी में जोड़कर और पार्टी धर्म की दुहाई देने की बात भी वे लोग दबी जबान स्वीकार करते नजर आये। पिछले दिनों कुछ गलत विडियो के वायरल होने की बात की वजह जानी तो पता चला कि यह चुनाव की हार को कम करने की रणनीति का हिस्सा हैं। विधानसभा 2018 के इस चुनाव में मुसलमानों के धर्म गुरू और हिन्दू संन्यासी के बीच हो रहा मुकाबला भाजपा की एकतरफा जीत के रूप में परिवर्तित होने से कांग्रेस में भारी निराशा और बौखलाहट स्पष्ट दिख रही है।(PB)