बीकानेर। रविवार को बीकानेर व्यास कॉलोनी स्थित जाम्भाणी अकादमी भवन में संगोष्ठी आयोजित की गई । संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जाम्भाणी विद्वान एवम समाजसेवी रामगोपाल तरड़ ने गुरु जम्भेश्वर जी की वाणी एवम् दर्शन पर प्रकाश डाला । श्री तरड़ ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी एकेश्वरवादी थे ।

उन्होंने परम सत्ता में कोई भेद नहीं माना था । गुरु जी का सबसे योगदान सहज दर्शन है । उन्होंने समाज को कुरूतियों ,बुराइयों और पाखण्डों से बचाने के लिये बिश्नोई पन्थ के रूप में एक आंदोलन चलाया था । बहुदेववाद को नकारते हुए जम्भेश्वर जी ने एक विसन के जप का उपदेश दिया था ।

रामगोपाल जी ने अपने वक्तव्य में आह्वान किया कि आज का युग घोर प्रदूषण और पाखण्ड का युग है इसलिये हमें गुरु जम्भेश्वर जी की शिक्षाओ का प्रचार करना चाहिये क्योंकि उनकी शिक्षा हमें सचेत करती है ।

इस अवसर पर अकादमी उपाध्यक्ष डॉ बनवारी लाल साहू ,डॉ कृष्णलाल बिश्नोई,महासचिव डॉ सुरेन्द्र खीचड़, संगठन सचिव संदीप धारणिया, सदस्य राजाराम धारणियां, मोहनलाल लोहमरोड़ , हनुमान भाम्भू, हंसराज पटवारी, अरविन्द गोदारा, बी आर डेलू, उषा गोदारा, गोरधनराम बांगड़वा, सूबेदार केहराराम, ओम बोला एडवोकेट, गायक कलाकार रामसवरूप खीचड़, मास्टर सहीराम, ओम प्रकाश गोदारा आदि साहित्य प्रेमी उपस्थित थे ।

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