बीकानेर। मुरली मनोहर मैदान भीनासर में महायोगी अवधूत संत श्री श्री 1008 श्री पूर्णानन्द जी महाराज की 52वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बाबा रामदेव जी की संगीतमय कथा के चुतुर्थ दिवस में बोलते हुए पं. जयप्रकाश जी महाराज ने कहा कि बिना सद्गुरु के बात नहीं बनती, चाहे हम लाख कोशिश कर ले। उन्होंने कहा कि ग्रंथ को पढऩे से प्राणी को ज्ञान प्राप्त कर लेना आसान है परन्तु सद्गुरु के बिना वो ज्ञान भी व्यर्थ हैं। कथा में महाराज ने बताया कि रामदेव जी महाराज के गुरू बालक नाथ जी है।
सद्गुरु के साथ बैठकर सत्संग करने से ही ज्ञान की प्राप्ति हुई। उन्होंने वेदों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चारों वेद में सर्वप्रथम मातृदेव भव:, पितृदेव भव:, आचार्य देव भव:, आता है। किसी भी व्यक्ति की प्रथम गुरू उसकी माँ होती है। उसके बाद उसके पिता जिन्होंने संसार में जन्म दिया जो व्यक्ति अपने जीवन में अपनी माँ-पिता एवं गुरू की सेवा करते है उनका जीवनतर जाता है धन्य हो जाता हैं।
आज प्रात: पूर्णेश्वर महादेव का रूद्राभिषेक एवं उसके बाद में 11 कुण्डिय यज्ञ में यज्ञाचार्य पं. अशोक कुमार ओझा के आचार्यत्व में मंत्रों के साथ विश्वकल्याणार्थ यजमानों ने आहुतियां दी। रात्रि को आयोजित संगीत संध्या में भी कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी।
गौरीशंकर सारड़ा ने बताया कि 18 मार्च की रात्रि को आयोजित मुख्य जागरण में जोधपुर के प्रसिद्ध गायक कलाकार गजेन्द्र राव एण्ड पार्टी द्वारा अपनी संगीतमय प्रस्तुति देंगे। आज रात्रि को स्थानीय गायक मुन्ना सरकार ने बाप जी के भजनों की प्रस्तुति दी।