जयपुर। भाजपा ने विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों के नामों पर मंथन पूरा कर पैनल तय कर लिया है। दिल्ली में एक नवम्बर को होने वाली बैठक में पैनल पर अंतिम मुहर लगेगी तथा उसके बाद ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जाएगी। दिल्ली भेजें जाने वाले पैनल में नामों पर चर्चा के लिए लगातार दूसरे दिन जयपुर में निजी होटल में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, चुनाव प्रभारी व केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और चुनाव प्रबन्धन समिति के संयोजक गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित कोर कमेटी के नेताओं ने एक-एक विधानसभा सीट के लिए जातीगत, राजनीतिक समीकरण और सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पैनल तैयार किया। इस दौरान कुछ सीटों पर सिंगल नाम वहीं अधिकांश सीटों पर तीन-तीन नाम और कुछ सीटों पर पांच पांच नामों का पैनल बनाया गया है।
वरिष्ठों की सीट सेफ मंथन में वरिष्ठï तथा लगातार अपनी सीट से जीत रहे नेताओं का एक ही नाम आगे किया गया है। इसमें अधिकांश मंत्रिमंडल के सदस्यों की सीटें शामिल हैं। इसके अलावा जिन सीटों पर भाजपा पहले मजबूत स्थिति में रही लेकिन इस बार सर्वे तथा रायशुमारी में नाम सामने आने के बाद उन सीटों पर दो से तीन नाम पैनल में डाले गए हैं। इसके अलावा विवाद वाली कुछ सीटों पर पांच नाम तक शामिल किए गए हैं। इन सीटों पर अंतिम निर्णय केन्द्रीय चुनाव समिति ही करेगी। पैनल तय किए जाने के बाद अब भाजपा मुख्यालय पर पहली सूची को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि प्रदेश में नामांकन का कार्य 12 नवम्बर से शुरू होंगे ऐसे में पहली सूची 10 या 11 नवम्बर को जारी की होगी। इसके बाद अन्य सूचियां जारी होगी। पहली सूची में 100 से अधिक सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकती है।
राज्यमंत्री धनसिंह रावत पर आई यह मुसीबत, मार ली पैरों पर कुल्हाडी
जयपुर। मंत्री धन सिंह रावत आचार संहिता के उल्लंघन मामले में फंस गए हैं। धार्मिक भाषण दिए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद निर्वाचन विभाग ने कार्रवाई करते हुए रावत के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर बांसवाडा में रिटर्निंग अधिकारी पूजा पार्थ ने कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज करवाई है। हाल ही में बांसवाडा में उदयपुर मार्ग पर नवशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया था। वायरल वीडियो में सम्मेलन को संबोधित करते हुए रावत कार्यकर्ताओं से कहते नजर आ रहें हैं कि राजस्थान में जितने भी हिंदू हैं उन सभी हिंदुओं को एकजुट होकर बीजेपी को वोट देना है। अगर कांग्रेस के साथ जुड़ कर सारे मुस्लिम मतदान कर सकते हैं, तो सारे हिंदू बीजेपी के साथ जा सकते हैं और प्रचंड बहुमत से बीजेपी को जिता सकते हैं। इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री भवानी जोशी, जिलाध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी, सभापति मंजुबाला पुरोहित सहित ,कई पदाधिकारी मौजूद थे। इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी बांसवाड़ा भगवती प्रसाद कलाल ने रावत को नोटिस देकर 3 दिन में जवाब मांगा था, लेकिन रावत ने जिला निर्वाचन अधिकारी के नोटिस का जवाब नहीं दिया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार के निर्देशानुसार रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है।
नाथद्वारा के महेश प्रताप भाजपा की शरण में
जयपुर।चुनावी सीजन में पार्टी नेताओं में दल बदल का खेल जारी है। इस कडी में मंगलवार को नाथद्वारा के महेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस छोडकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। महेश प्रताप 2008 के चुनावों में पार्टी नेताओं से मतभेद के चलते भाजपा छोडकर कांग्रेस में चले गए थे और दस वर्ष बाद वे वापस भाजपा में लौट आए। महेश प्रताप राजसमंद के कोठियार के ठिकानेदार है। उनके भाजपा में आने को राजपूतों को साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में पश्चिमी राजस्थान से शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह ने भाजपा छोडी थी और उसके बाद कयास लगाए जा रहे है कि राजपूतों का बडा वर्ग भी इस बार भाजपा से नाराज है। ऐसे में महेशप्रताप को पार्टी में शामिल कर राजपूत समाज में हुए डेमेज को कंट्रोल करने का प्रयास किया गया है। महेशप्रताप पूर्व में भाजपा युवा मोर्चा के राजसमंद के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और फिलहाल वे कांग्रेस पार्टी से जिला परिषद सदस्य हैं। भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी, चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, पार्टी प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
इन जिलो में समीकरण बिगाड सकती है बेनीवाल की बोतल
जयपुर। निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने पार्टी का एलान कर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है, अब तक चुनावी संघर्ष बसपा ही त्रिकोणीय बनाती आई है लेकिन इस बार कई जिलो में बेनीवाल की बोतल तीसरी शक्ति के रूप में सामने आ सकती है। भारत वाहिनी नामक पार्टी का गठन करने वाले घनश्याम तिवाड़ी की पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘बांसुरी’ है और तिवाड़ी ने बेनीवाल की ‘किसान हुंकार रैली ‘में जाकर ‘बोतल और बांसुरी’ के सियासी मिलन को साफ़ कर दिया है। किसानों के सम्पूर्ण कर्ज माफ़ी, किसानों को मुफ्त बिजली, खाली पड़े सरकारी पदों पर नियुक्ति, दस हज़ार रुपये बेरोजगारी भत्ता लागू करने, किसान हित में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और मजबूत लोकपाल विधेयक लागू करने जैसे मुद्दों को जब- तब गर्माते रहे बेनीवाल, घनश्याम तिवाड़ी जैसे पुरानी नेताओं के सहारे सत्ता में आने का सपना तो संजो ही रहे हैं, पूरे प्रदेश में सड़कों पर टोल टेक्स ख़त्म करने जैसे वादे भी कर रहे हैं। तीसरे मोर्चे के उदय की राजस्थान में संभावनाएं न के बराबर ही है। पहले ‘सोशियल जस्टिस फ्रंट ‘के बैनर तले पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी और लोकेन्द्र सिंह कालवी ने भी ऐसा ही राजनीतिक प्रयोग 1998 के विधान सभा चुनावों में किया था। बांसुरी और बोतल’ भी चाय के प्याले में तूफ़ान बनकर न रह जाए. हालांकि, पश्चिमी राजस्थान और शेखावाटी की राजनीति में बड़ा दखल रखने वाली जाट जाति के नौजवानों के लिए जातीय गौरव बने हनुमान बेनीवाल की सोशल मीडिया पर फॉलोइंग देख लगता है कि वह कुछ नया कर सकते हैं। बेनीवाल उसी ‘जाट’ वोट बैंक में सेंधमारी की जुगत में हैं। अजमेर, अलवर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा के उप चुनाव में हार की बड़ी वजह राजे के इसी जातीय तुष्टिकरण और बेलगाम ब्यूरोक्रेसी को मानते रहे हैं, अजमेर उप चुनाव में बीजेपी की हार की एक बड़ी वजह माने गए जाट आईपीएस अधिकारी राजेंद्र सिंह को अजमेर से भी बेहतर अलवर जिले का बतौर पुलिस अधीक्षक जिम्मा दिया गया। जातीय गणित को साधने की वसुंधरा सरकार ने बीते पांच साल से कोशिश जारी रखी है, जिसके सहारे हनुमान बेनीवाल अब तक का अपना सबसे बड़ा राजनैतिक दांव खेलने जा रहे हैं। जिलों में तैनात अखिल भारतीय सेवा और राज्य सेवा के पुलिस और प्रशासनिक सेवा अधिकारीयों का आंकड़ा इस जातीय गणित को साधने की सरकारी कोशिश को उसी शिद्दत से रेखांकित कर रहा है, जिस शिद्दत से किसी जमाने में अखिलेश यादव की सरकार यादव अधिकारीयों की तैनाती के जरिए करती रही है।
कांग्रेस में इन 20 नेताओं के टिकट पर संकट
जयपुर। कांग्रेस में प्रत्याशी चयन के मापदंडों ने दावेदारों की नींद उड़ा दी है दो बार हारे हुए दावेदारों के टिकट पर संकट गहरा गया है दिल्ली में चल रही राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में लगातार दो बार हारे हुए दावेदारों के टिकट काटने का अहम फैसला लिया गया है। बैठक में 30,000 से ज्यादा मतों से हारे दावेदारों, पूर्व सांसदों और दागी नेताओं को टिकट नहीं देने पर भी फैसला किया जा सकता है अगर नए मापदंड लागू होते हैं तो 20 से ज्यादा नेताओं के टिकट की दावेदारी पर खतरा आ सकता है। नए मापदंड में दर्जन भर पूर्व सासंद भी विधानसभा टिकट की दौड़ से बाहर हो सकते हैं, दो बार हारे हुए डॉ. चंद्रभान, बीडी कल्ला, रिछपाल मिर्धा, डॉ. सीएस बैद, रामचंद्र सराधना, आलोक बेनीवाल, जुबेर खान, संयम लोढा, ममता शर्मा, नरेन्द्र शर्मा, रमेश खिंची, दीपचंद खेडिय़ा, बनवारीलाल शर्मा, विक्रम सिंह शेखावत, लक्ष्मण मीणा, गिरीश चौधरी, गोपाल बाहेती, खुशवीर सिंह जोजावर और नईमुद्दीन गुड्डु टिकट की दौड़ से बाहर हो सकते हैं।
धौलपुर में भाजपा के जिलाध्यक्ष ने घोषित कर दिया प्रत्याशी
जयपुर। बीजेपी में एक तरफ सीएम राजे से लेकर प्रदेशाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता प्रत्याशी चयन के लिए माथापच्ची में जुटे हैं, वहीं पार्टी के धौलपुर जिलाध्यक्ष ने धौलपुर के मौजूदा विधायक को विधानसभा क्षेत्र के लिए अधिकृत प्रत्याशी बताते हुए उनके चुनाव प्रचार की जानकारी मीडिया को भेज दी इसके लिए जिलाध्यक्ष ने बाकायदा अपने लेटरहैड पर प्रत्याशी का नाम लिखकर मीडिया को भेज दिया। जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह त्यागी के देर शाम सोशल पर जारी प्रेस नोट से राजनैतिक खेमों में हलचल मच गई, जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह ने प्रेस नोट में बताया कि प्रदेश नेतृत्व द्वारा मौजूदा विधायक शोभारानी कुशवाह को धौलपुर से पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी करने के बाद आज उन्होंने अपना प्रचार शुरू कर दिया। विधायक ने आज राजपुर और चितौरा माता के दर्शन कर चुनाव प्रचार की शुरुआत कर की है, जिसमें पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता उनके साथ रहे। प्रेसनोट को लेकर पार्टी में हलचल मचने के बाद जिलाध्यक्ष त्यागी ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने तो केवल संभावना जताई थी, उसका लोगों ने अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग अर्थ लगा लिया. मैने शोभारानी कुशवाह को यह जरुर कहा था कि वे जाएं और प्रचार करें।
जमींदारा पार्टी ने ठुकराई आप, चार प्रत्याशियों की घोषणा
जयपुर। दो दिन पहले जमींदारा पार्टी की विधायक कामिनी जिंदल ने आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का खुलकर समर्थन करते हुए एक दैनिक अखबार में पूरे पेज का विज्ञापन दिया था, उसी दिन आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में अपने चुनाव अभियान का शुभारंभ करने के लिए बड़ी रैली का आयोजन किया था। इस रैली में आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ने साफ कर दिया था कि आप केवल अपने दम पर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी वह किसी से गठबंधन नहीं करेगी। विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी जमींदारा पार्टी ने अपने चार प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, जमींदारा पार्टी प्रदेश में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी गत विधानसभा चुनावों में पहली दफा चुनाव मैदान में उतरी थी और श्रीगंगानगर में दो सीटों पर जीत हासिल की थी। उनमें एक विधायक ने बाद में कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। प्रदेशाध्यक्ष उदयपाल झाझडिय़ा ने बताया कि पार्टी ने श्रीगंगानगर से कामिनी जिंदल, पीलीबंगा से नेहा मेघवाल, रायसिंह नगर से राजेश सीकरवाल और बीकानेर के लूणकरणसर से हरबंश कौर बराड़ को अपना प्रत्याशी बनाया है। शेष 16 सीटों पर भी जल्द ही उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे इनमें से कामिनी जिंदल वर्तमान में श्रीगंगानगर से विधायक हैं। गत विधानसभा चुनावों में पार्टी ने श्रीगंगानगर के साथ ही जिले की रायसिंहनगर विधानसभा सीट पर भी जीत हासिल की थी। रायसिंहनगर से पार्टी के सिंबल पर जीती सोनादेवी बावरी ने पिछले दिनों जमींदारा पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। (PB)