राजपरिवार से जुड़े सरदारों व जागीरदारों ने लिया हिस्सा
जिस तरह 18 वर्ष की आयु होने पर मानसिंह का जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया गया। उसी अंदाज में आज सवाई पद्मनाभ सिंह का जन्मदिन मनाया गया। जयपुर राज परिवार से जुड़े लगभग 700 ताजिमी सरदार, जागीरदारों ने इस शाही समारोह में हिस्सा लिया।
जिस तरह 18 वर्ष की आयु होने पर मानसिंह का जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया गया। उसी अंदाज में आज सवाई पद्मनाभ सिंह का जन्मदिन मनाया गया। जयपुर राज परिवार से जुड़े लगभग 700 ताजिमी सरदार, जागीरदारों ने इस शाही समारोह में हिस्सा लिया।
बहिन ने किया राजतिलक
महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह के 18वें जन्मदिन पर जयपुर के सिटी पैलेस में भव्य समारोह का आयोजन हुआ। लगभग ढाई घंटे पद्मनाभ की ताजपोशी चली। पुजारियों ने पूरे विधी विधान से पूजा कराई। समारोह की शुरुआत जयपुर महाराजा के चन्द्र महल के बरामदे में आने से हुई। इसके बाद प्रायश्चित दान, छाया दान और गौ दान की रस्में हुई। दान की रस्म के बाद पद्मनाभ सिंह सीता राम द्वारा मंदिर गए जहां उन्होंने हवन किया। इस कार्यक्रम के बाद रिद्धी सिद्धी पोल पर उनकी बहन राजकुमारी गौरवी कुमारी ने उनकी आरती की।
कर सकेंगे राज परिवार के फैसले
अभी तक सभी तरह के फैसले पद्मिनी देवी ले रही थीं। राजतिलक के बाद अब उनके हस्ताक्षर कानूनी रूप से मान्य होंगे। इनको स्वतंत्र रूप से फैसले लेने का अधिकार होगा। सिटी पैलेस म्यूजियम, जयगढ़ फोर्ट, शिलामाता ट्रस्ट, अशोक क्लब, पोलो क्लब सहित सभी जगह की जिम्मेदारी भी मिलेगी। अदालती कार्रवाइयां, बैंक के खातों के लेन-देन अब पद्मनाभ के नाम से ही होंगी।
महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह के 18वें जन्मदिन पर जयपुर के सिटी पैलेस में भव्य समारोह का आयोजन हुआ। लगभग ढाई घंटे पद्मनाभ की ताजपोशी चली। पुजारियों ने पूरे विधी विधान से पूजा कराई। समारोह की शुरुआत जयपुर महाराजा के चन्द्र महल के बरामदे में आने से हुई। इसके बाद प्रायश्चित दान, छाया दान और गौ दान की रस्में हुई। दान की रस्म के बाद पद्मनाभ सिंह सीता राम द्वारा मंदिर गए जहां उन्होंने हवन किया। इस कार्यक्रम के बाद रिद्धी सिद्धी पोल पर उनकी बहन राजकुमारी गौरवी कुमारी ने उनकी आरती की।
कर सकेंगे राज परिवार के फैसले
अभी तक सभी तरह के फैसले पद्मिनी देवी ले रही थीं। राजतिलक के बाद अब उनके हस्ताक्षर कानूनी रूप से मान्य होंगे। इनको स्वतंत्र रूप से फैसले लेने का अधिकार होगा। सिटी पैलेस म्यूजियम, जयगढ़ फोर्ट, शिलामाता ट्रस्ट, अशोक क्लब, पोलो क्लब सहित सभी जगह की जिम्मेदारी भी मिलेगी। अदालती कार्रवाइयां, बैंक के खातों के लेन-देन अब पद्मनाभ के नाम से ही होंगी।