जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर जिले के किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार को फायरिंग के अभ्यास के दौरान मोर्टार (निशाना साधने का हथियार) में ब्लास्ट हो गया। इसमें सीमा सुरक्षा बल के तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि चार जवान घायल हो गए। घायल जवानों को एयरलिफ्ट से जोधपुर ले जाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
बल के राजस्थान सीमान्त महानिरीक्षक बी.आर.मेघवाल ने बताया कि फायरिंग रेंज में जवानों द्वारा मोर्टार फायरिंग का अभ्यास किया जा रहा था कि दोपहर एक बजे अचानक मोर्टार फटने से तीन जवानों की मौके पर ही मौत हो गई तथा चार अन्य घायल हो गये, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें वायुसेना के हेलीकॉप्टर से जैसलमेर एवं जोधपुर सेना के अस्पताल ले जाया गया है। बल ने घटना की जांच के आदेश दिये है। पीड़ित जवान सीमा सुरक्षा बल की 161वीं वाहिनी के हैं।
राजस्थान में भूकंप के झटके, नागौर में था भूकंप का केंद्र
राजस्थान में शुक्रवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 रही। जयपुर के ग्रामीण क्षेत्र में भूकंप के झटकों से कुछ मकानों में दरारें आई, हालांकि जनहानि होने की अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी दिनों में भूगर्भीय हलचल होने पर आफ्टर शॉक आने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप का केंद्र नागौर के नावां में रहा है। अजमेर स्थित भूकंपमापी केंद्र ने बताया कि जमीन में भूकंप की गहराई दस किमी रही। भूकंप का केंद्र 27.1 डिग्री उत्तर व 75.5 डिग्री पूर्व रहा है। जयपुर जिले के दूदू, मौजमाबाद पंचायत क्षेत्र में कुछ मकानों में दरारें आने की सूचना मिली है हालांकि कम तीव्रता वाले भूकंप के झटकों से फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नही है।
किशनगढ़-रेनवाल कस्बे में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके 10-12 सेकण्ड तक महसूस किए गए। स्थानीय महेश कुमार,लालाराम, सुरजाराम, मोहन लाल, रामसहाय ने बताया कि भूकंप के झटकों से लोगों में भय व्याप्त हो गया और वो घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल कस्बे में किसी अप्रिय घटना होने की पुष्टि नहीं हुई है।
सुरक्षित जोन में जयपुर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम विज्ञान केंद्र ने भूकंप की तीव्रता के आकलन के अनुसार जयपुर जिले को सिस्मिक जोन द्वितीय में रखा है जिसमें जमीन में भूकंपीय हलचलों की समीक्षा के अनुसार जयपुर व आस पास के जिलों में कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके आने की संभावना कम होने पर सुरक्षित जोन माना गया है। हालांकि राजधानी दिल्ली और अलवर एनसीआर क्षेत्र को भूगर्भीय हलचल के अनुसार असुरक्षित जोन में रखा गया है।