बीकानेर । राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह ने गुरूवार को नाल ग्राम पंचायत के डाइयां गांव का दौरा किया और वहां आयोजित पशुपालक सम्मेलन में ग्रामवासियों से रूबरू हुए। वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए ’डाइयां’ को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जा रहा है।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा जरूरी है अत: हर एक बेटे और बेटी को पढ़ाने से ही तरक्की की राह खुलेगी और हम दुनिया की दौड़ में आगे बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि वे स्वयं गांव के और किसान के बेटे हैं अत: यहां आकर उन्हें अपनत्व महसूस होता है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को एक-एक गांव गोद लेने के निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा बताई गई समस्याओं का निराकरण करवाया जाएगा। जिला स्तर की समस्याएं दर्ज की गई है। राज्य स्तर पर समाधान होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए भी वे निर्देश देंगे। राज्यपाल ने ग्राम वासियों से एक-एक कर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने ग्रामीणों से ही गांव में शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, सडक़, परिवहन, पशुओं की संख्या और उत्पादन, शौचालयों की स्थिति तथा ग्रामीणों के जीवन स्तर के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त कीं।
राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान का युग है, जमाना तेजी से आगे बढ़ रहा है, अत: पढ़ लिखकर ही हम इस रफ्तार में शामिल हो सकते हैं। योजनाओं का लाभ अब गांवों तक भी पहुँचा है। तरक्की के लिए हमें भी अपना योगदान देना है। कुलाधिपति ने आशा जताई कि वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए डाइयां गांव में कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत की दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता से यहां भी बदलाव महसूस किया जाएगा।
समस्याओं का होगा समाधान :- राज्यपाल ने डाइयां गांव के ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं के समाधान के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अपनी प्रत्येक समस्या को प्रार्थना पत्र के द्वारा राजभवन, जयपुर भिजवाएं। एक प्रार्थना पत्र पर एक ही समस्या लिखें। जिला स्तरीय समस्याओं का यहीं समाधान होगा व जिन समस्याओं का राज्य सरकार स्तर पर समाधान होना है, उनके सम्बन्ध में मुख्यमंत्री अथवा सम्बन्धित मंत्री से चर्चा की जाएगी।
विद्यालय होगा क्रमोन्नत– ग्रामीणों ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि गांव में केवल पांचवी तक का विद्यालय है, जिससे गांव के विद्यार्थी, विशेषकर छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रही हंै। राज्यपाल ने ग्रामीणों को कहा कि ग्राम पंचायत से इस सम्बन्ध में प्रस्ताव पारित करवा, जिला कलटर के पास भिजवाया जाए, जिससे विद्यालय को क्रमोन्नत करवाया जा सके।
पशुपालक सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि रूप में शामिल पूर्व सिचांई मंत्री श्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि गांवों में शून्य खर्च आधारित अर्थव्यवस्था में पशुधन, गोचर, ओरण का खास महत्व रहा है। जनसहभागिता से ही योजनाओं और नए अनुसंधान की उपादेयता हो सकती है। गांवों को स्वावलम्बी बनाकर ही विकास पथ पर बढ़ा जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि गांव को गोद लेने की योजना से गांव का चहुँमुखी विकास हो सकेगा।
इस अवसर पर वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने स्वागत भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय योजनाबद्घ तरीके से डाइयां को एक आदर्श गांव बनाएगा, जो दूसरों के लिए प्रेरणादायी होगा। गांव का सर्वे कार्य पूरा हो गया है और पिछले दो माह से गांव में स्वच्छता, पशुचिकित्सा, पशुपालक शिविर के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये गए हैं। वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर सहित जयपुर और वल्लभनगर (उदयपुर) परिसरों द्वारा दो-दो गांवों को गोद लेकर ’स्मार्ट विलेज’ रूप में विकसित के लिए विश्वविद्यालय जनप्रतिनिधियों, प्रशासन, औद्योगिक संस्थानों तथा सम्बद्घ संस्थानों का सहयोग प्राप्त कर विकास के लिए समन्वित प्रयास करेगा।
सुनी जन समस्याएं– राज्यपाल ने उपस्थित ग्रामीणों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि वे मंच तक आकर अपनी- अपनी समस्याएं व्यितगत रूप से बताएं।
पानी की समस्या– गांव के निवासी भवानीशंकर ने बताया कि यहां पानी की दिकत है, सूरजभान ने बताया कि गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित नहर टूटी हुई है, इसके माध्यम से गांव को पानी दिया जा सकता है।
शैक्षणिक समस्या– कविता ने गांव के स्कूल को क्रमोन्नत करवाने की मांग की तो लक्ष्मण ने स्कूल में बिजली नहीं होने की समस्या बताई। स्कूल की अध्यापिका कांता ने बताया कि इस क्षेत्र के बच्चे यहां स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय से जुड़ नहीं पा रहे हैं। वर्तमान में यहां 87 बच्चे अध्ययनरत हंै, जिनमें 43 बालिकाएं हैं। अध्यापक जुगल किशोर ने विद्यालय में पोषाहार के सम्बन्ध में आ रही दिकत से अवगत कराया।
सडक़ की समस्या– नरपत सिंह ने बताया कि डाइयां गांव पास के मुख्य गांवों से सडक़ से जुड़ा हुआ नहीं है तथा पिछले दस वर्षों से यहां बस सुविधा भी नहीं है। शांति ने बताया कि तेज बारिश में गांव के पास स्थित तलाई की पाल टूटने का खतरा रहता है, जिससे घरों को नुकसान होने की आशंका बनी रहती है। तेज बारिश के समय गांव के सभी रास्ते भी पानी भराव के कारण बंद हो जाते हंै।
चिकित्सा सुविधा– कृष्णा व मोडे खां ने गांव में चिकित्सा सुविधा न होने से हो रही परेशानी बताई। कृष्णा ने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधा न होने से महिलाओं को प्रसव के समय बहुत परेशानी होती है।
ढाणियों की समस्याएं– मोहम्मद उमर व फखरूदीन ने तेलियों की ढाणी में टूट चुकी सडक, बिजली की समस्या तथा पानी का हौद न होने की समस्याओं से राज्यपाल को अवगत कराया। सगतसिंह ने जीवन सिंह ढाणी में पानी, बिजली व विद्यालय सम्बन्धी समस्याएं बताईं।
खोला जाए पशु चिकित्सालय– चोरूलाल ने नाल गांव में पशु चिकित्सालय न होने से ग्रामीणों को हो रही परेशानी से अवगत कराया।
पानी की होगी टेस्टिंग– इंसाफ अली ने अपने खेत पर पानी के लिए सोलर प्लांट लगाने की अनुमति चाही, इस पर कुलपति ने कहा कि अगर यहां किसी कुएं में मीठा पानी है, तो उसकी टेस्टिंग कराई जाएगी, योंकि यहां भूमिगत जल खारा है।
राज्यपाल ने प्रारम्भ में दीप प्रज्जवलित कर दो दिवसीय पशुपालक सम्मेलन का शुभारम्भ किया। ग्रामीणों ने राज्यपाल और पूर्व सिचांई मंत्री को साफा पहनाकर, शॉल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। पंचायत समिति की प्रधान राधा देवी सियाग ने कहा कि अब डाइयां गांव का भाग्योदय हो रहा है। नाल गांव की सरपंच सुनीता सुराणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
पशुपालन प्रदर्शनी का उद्घाटन
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह ने डाइयां गांव में राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का विधिवत् उद्घाटन किया। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने हाइड्रोपोनिस तकनीक से सेवण घास की पौध, पशु मिनरल-मिसचर, हरा चारा संरक्षण के लिए साइलो बैग तकनीक, भेड़-बकरी के बालों से बने उत्पादों तथा अन्य पशुचिकित्सा तकनीक की जानकारी दी। प्रदर्शनी में एमू का अंडा (करीब 450 ग्राम) कौतूहल का विषय बना रहा। प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय की गतिविधियों और अनुसंधान को रंगीन चित्रों, पैनल, मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर राज्यपाल के विशेषाधिकारी अजय शंकर पांडे, जिला कलटर पूनम, पुलिस अधीक्षक संतोष चालके, अतिरित जिला कलटर (प्रशासन) हरिप्रसाद पिपरालिया,वेटरनरी विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, कुलसचिव, वित्तनियंत्रक सहित डीन-डायरेटर, शिक्षकगण व विद्यार्थी भी उपस्थित थे।