कोलायत। देवउठनी एकादशी से मंगला शंखवादन ध्वजारोहण के साथ प्रारंभ हुए पंचदिवसीय कोलायत का कार्तिक पूर्णिमा मेला परवान पर चढऩे लगा है। साधू-संतों के धूणे जागृत होने के साथ महर्षि कपिल मुनि की तपोस्थली मानो चेतन हो चुकी है। आसपास व दूरदराज से श्रद्धालुओं का आगमन भी हो रहा है। विभिन्न समुदायों की धर्मशालाएं खचाखच भर गई है। धर्म आयोजनों की धूम है। कोलायत मुख्यालय पर मथुरा, वृंदावन ऋषिकेश, हरिद्वार से संत महात्माओं का लगातार आगमन हो रहा है।
जिनकी योग व तपस्या की मुद्राएं भक्तों को सहज आकर्षित कर रही है। चुनावी आचार संहिता प्रभावी होने के कारण राजनीतिक गतिविधियां तो यहां नहीं हो रही पर एसडीएम व अन्य प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारी सुरक्षा की दृष्टि से पूरी निगाह रख रहे है। ग्राम पंचायत कोलायत के सरपंच श्री देवीसिंह रावलोत अपनी टीम के साथ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी सुविधा उपलध करा रहे है। ग्राम पंचायत ने मेले के दौरान सफाई, लाईट, पानी, दूषित जल निकासी आदि के पूरे प्रबंध किये है। अस्थाई दुकानें लगी है। विशेषकर खाने पीने मिठाई आदि की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ है। वैसे सोमवार को मेले का आगाज होने के साथ बीकानेर से जीपों, कारों, थ्री व्हीलर, मिनी बस आदि से दर्शनार्थी आ रहे है कुछ तो कपिल सरोवर में स्नान, पूजा अर्चना, मंदिरों में दर्शन कर लौट रहे है तो कुछ पूर्णिमा तक यहीं रूकेंगे। बढ़े हुए ट्रेफिक से दिन में कई बार जाम लग जाता है। लेकिन सदर बाजार, मुख्य घाट, तहसील प्रांगण, झझू, चौराहे तक यातायात पुलिस कर्मी तैनात नहीं किए गए है। स्थानीय जनता दुकानदारों ने त्रयोदशी से पूर्णिमा तक मुख्य बाजार में वाहनों का प्रवेश रोकने की मांग की। साथ ही दुकानों के आगे लगे पाटे व सामान हटवाने की मांग की। मेले में बुधवार तक राजस्थान पर्यटन विभाग ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयेजन किया गया।(PB)