बीकानेर। सम्मान महोत्सव, स्वास्थ्य एवं साहित्य संगम ष्ष्राष्ट्रीय कवि चैपालष्ष् की 166 वीं कड़ी ऐतिहासिक स्मृति के रूप में याद किया जाएगा। रक्षा बन्धन के विशेष पर्व पर विभिन्न विधाओं का संरक्षण किया गया अर्थात पहली बार प्रशस्ति पत्र के साथ 11 प्रतिभाओं को सम्मान दिया गया। मसलन कोई हस्ती विभिन्न विषयों पर चार बार एम.ए. किए है तो कोई जीवन पर्यन्त किसी ने शोध में ही जीवन अर्पण कर दिया है। कोई इस मरूस्थला का व्यवसाय से प्रेरित प्रोत्साहित करते हुए नऐ नऐ व्यवसाय की प्रेरणा देते है। व्यवसाय को पोषित करने 3 दशकों से मार्गदर्शक की अद्भुद सेवा दे रहा है।
होमियो पैथिक में जीवन के सार से समाज को लाभान्वित कर रहा है। तो कोई अभिनय एवं सुरिले गीतों को साधने में सर्वस्व झोंक दिया। तो कोई योग में महारत हासिल किए है चित्रकला में बीकानेर का नाम राज्य.राष्ट्रीय स्तर प्रदर्शनी लगाकर सौरभ बढ़ा रहा है ण्ण्ण् तो निरपेक्ष स्वाध्यायी की जीवन शैली अपने आप में अतिरिक्त है काई पत्रकारिता में निष्ठावान है। संस्थापक संरक्षक कवि नेमचंद गहलोत ने सभी को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य.साहित्यकारों के प्रति हमें समर्पित रहना चाहिएए साहित्यकार को समाज देश के प्रति आचरणीय भाव से सेवा करें। कार्यक्रम अध्यक्षता भवानीशंकर व्यास विनोद ने बताया आज सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं उपलब्धियों सामान्य नहीं माने इन्हीं उपलब्धियों से प्रोत्साहित होकर ये सब न केवल समाज का वरन अप्रत्यक्ष रूपेण भी देश के भी हितकारी है। मंच संचालन जुगलकिशोर पुरोहित ने किया।
इनका हुआ सम्मान-चित्रकार मूरली मनोहर के माथुर, डा. कृष्णलाल विश्नोई, डा. अजय जोशी, डा. प्रकाशचन्द्र वर्मा, कवि लीलाधर सोनी, रंगकर्मी बी. एल. नवीन, कविवर फजल मोहम्मद, श्रीगोपाल स्वर्णकार, कवि नरेश खत्री, पत्रकार कोशलेश गोस्वामी, श्रीमती कवयित्री कृष्णा वमा।(PB)