बाड़मेर। जैनाचार्य, राष्ट्रसंत प.पू. गुणसागर सूरिश्वर म.सा की 30वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में आचार्यश्री कवीन्द्रसागर सूरिश्वर म.सा., मुनिराज मनितप्रभसागर म.सा. तथा साध्वीश्री गुरूमैया सुरंजनाश्री म.सा आदि ठाणा की पावन निश्रा में भव्य व विशाल वरघोड़ा आयोजित हुआ । वहीं वरघोड़े के साथ ही स्थानीय गुणसागर सूरि साधना भवन में रविवार से त्रि-दिवसीय महोत्सव का आगाज हुआ। श्री अचलगच्छ जैन युवक परिषद के अध्यक्ष मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि अचलगच्छ जैन संघ के परम उपकारी, गुरूदेव, राष्ट्रसंत गुणसागर सूरिश्वर म.सा. की 30वीं पुण्यतिथि की स्मृति में श्री अचलगच्छ जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के तत्वावधान में त्रि-दिवसीय महोत्सव के दौरान रविवार को स्मृति वरघोड़ा साधना भवन से रवाना होकर जैन न्याति नोहरे की गली, रामा चैक, महाबार रोड़, चैहटन रोड़ रेल्वे फाटक, सार्वजनिक श्मशान घाट गौशाला, सुखसागर नगर, ढ़ाणी बाजार, पीपली चैक से होते हुए पुन: साधना भवन पहुंचा । गुणसागर सूरिश्वर स्मृति वरघोड़ा में ढ़ोल-ढ़माकों, बैण्ड-बाजों के साथ गुणसागर सूरि रथ, गगनचुम्बी जैन ध्वज लिए युवाओं, रक्षा मालू के नेतृत्व में पाठशाला के बच्चों, पुरूष मण्डलों, महिला-मण्डलों एवं बड़ी संख्या में जैन समाज के गणमान्य नागरिकों, महिला-पुरूषों ने भाग लिया ।
वरघोड़े के पुन: साधना भवन पहुंचने पर राष्ट्रसंत प. पू. गुणसागर सूरिश्वर म.सा की स्मृति में गुणानुवाद सभा का आयोजन हुआ । जहां साधु-साध्वी भगवन्तों ने मांगलिक प्रवचन देते हुए राष्ट्रसंत प. पू. गुणसागर सूरिश्वर म.सा की स्मृतियों पर प्रकाश डाला । आचार्यश्री कवीन्द्रसागर सूरिश्वर म.सा. ने कहा कि राष्ट्रसंत प. पू. गुणसागर सूरिश्वर म.सा मेरे परमा उपकारी व गुरूदेव रहे । वे सच में गुणों की खान थे अर्थात् गुणसागर सूरिश्वर गुणों की खान का दूसरा नाम थे । गुणानुवाद सभा में मुनिराज मनितप्रभसागर म.सा. ने कहा कि जिनशासन में एक से बढ़कर एक अणगार, सधु-साध्वी हुए जिन्होंनें ने भगवान महावीर की परम्परा को आगे बढ़ाया । साध्वी सुरंजनाश्री ने कहा कि राष्ट्रसंत गुणसागर सूरिश्वर म.सा. की 30वीं पुण्यतिथि पर हम सब स्वयं में जैनत्व की भावना जगाएं और स्वयं को औ अधिक अच्छा बनाएं । वहीं श्री अचलगच्छ जैन युवक परिषद, श्री चिन्तामणि समर्पित गु्रप व सनराईज जैन पाठशाला की ओर से संयुक्त रूप से राष्ट्रसंत प. पू. गुणसागर सूरिश्वर म.सा. पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया । गुणानुवाद सभा में अचलगच्छ जैनश्री संघ के अध्यक्ष हनुमानदास बोहरा, एड़वोकेट जेठमल जैन, बछराज वडेरा, बी.डी. मालू, भूरचन्द बोहरा, चिन्तामणदास कोटडिय़ा ,पारसमल गोठी, सम्पतराज वड़ेरा, बाबुलाल वड़ेरा, वेदमल बोहरा, गौतमचन्द सिंघवीं, पुखराज सिघवी, मांगीलाल गोठी, जेठमल जैन, महेश सिंघवीं, रमेश बोहरा, मुकेश बोहरा, संजय श्रीश्रीमाल, पवन वड़ेरा, दिनेश भंसाली, राकेश बोथरा, दिनेश बोहरा, जोगेन्द्र वड़ेरा, गौरव बोहरा, मोती सिंघवीं, रक्षा मालू सहित पाश्र्व जैन मण्डल, कुशल भक्ति मण्डल, श्री पाश्र्व चिन्तामणि बहु मण्डल, श्री आर्यगुण समयश्री बालिका मण्डल, जैन सोशियल गु्रप, चिन्तामणि समर्पित गु्रप सहित विभिन्न मण्डलों व संस्थाओं तथा जैन समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।
मोक्षधाम गौशाला में जीवदया कार्यक्रम हुआ आयोजित
अचलगच्छ जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के अध्यक्ष हनुमानदास बोहरा ने बताया कि राष्ट्रसंत प. पू. गुणसागर सूरिश्वर म.सा की 30वीं पुण्यतिथि की स्मृति में रविवार को साधना भवन से अखण्ड वर्षीतप आराधक, तपस्वीरत्न, आचार्य भगवन्त कवीन्द्रसागर सूरिश्वर म.सा. आदि साधु-साध्वी भवगन्तों की पावन व मंगलकारी निश्रा में मोक्षधाम गौशाला में गायों, पक्षियों एवं जीवों के कल्याण को लेकर जीवदया कार्यक्रम आयोजित हुआ । कार्यक्रम में साधु-साध्वी भगवन्तों ने जीवन में जीवदया व अहिंसा की भावना को और अधिक बढ़ाने का संदेश देते हुए जीओ और जीने दो के सिद्धान्त पर जीवन जीने की बात कही । जहां साधु-साध्वी भगवनतों की पावन निश्रा में जैन समाज के बालक-बालिकाओं, युवाओं व महिला-पुरूषों ने गायों को हरा चारा, गुड़ व दाला खिलाया तथा मोक्षधाम के पंछियों व अन्य जीवों को बिस्कुट, चने, जलेबी आदि खिलाई गई ।(PB)