प्रयागराज। आस्था के सबसे बड़े मेले कुंभ का उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आगाज हो गया है । शाही स्नान में सबसे पहले विभिन्न अखाड़ों के साधु स्नान करते हैं। सूरज की पहली किरण के साथ सबसे पहले जूना अखाड़ा शाही स्नान के लिए निकला । ढोल नगाड़ों के नागा साधुओं और संतों की टोली स्नान के लिए निकली। ऐसी मान्यता है कि संगम में एक डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और लोगों को जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है ।
शाम 4 बजे तक अखाड़ों का शाही स्नान जारी रहेगा। इसके साथ लाखों श्रद्धालु भी पतित पावनी मां गंगा और यमुना में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं । माना जा रहा है कि पहले ही दिन संगम पर लाखों लोग डुबकी लगा सकते हैं। करीब 45 दिन तक चलने वाले इस कुंभ मेले में अनुमान है कि 15 करोड़ से ज्यादा लोग आएंगे । देश ही नहीं इस कुंभ में विदेश से भी लोगों के आने का अनुमान है। 15 जनवरी से शुरू हुए ये कुंभ 4 मार्च तक चलेगा।
कड़ाके की सर्दी में अलग-अलग अखाड़ों के साधु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। हर तपस्वी की यही इच्छा होती है कि वो धर्म के सबसे बड़े मेले में संगम तट पर शाही स्नान का हिस्सा बनें। उनके लिए कुंभ ही उनके जीवन का सबसे बड़ा तीर्थ है। ऐसे में सालों बाद जब ये मौका आया तो कड़ाके की ठंड को भी मात देते हुए संन्यासियों ने शाही स्नान किया ।
पूरे धूमधाम से शोभा यात्रा निकालते हुए निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु संतों ने संगम तट पर शाही स्नान किया। केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। वह भी इस पावन पर्व पर कुंभ के शंखनाद की साक्षी बनीं ।
ये हैं 6 प्रमुख तिथियां
मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, वसन्त पंचमी, माघी पूर्णिमा, महाशिवरात्रि। पौष महीने की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। जो 2019 में 21 जनवरी को होगी इसके बाद ही माघ महीने की शुरुआत होती है। कुंभ मेले में पांचवां स्नान 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन होगा। कहते हैं कि इस दिन सभी हिंदू देवता स्वर्ग से संगम पधारे थे और इसी दिन कल्पवास व्रतधारी स्नान कर अपना व्रत पूर्ण करते हैं। इस दिन बहस्पति गुरु की भी पूजा की जाती है। कुंभ मेले का आखिरी स्नान महा शिवरात्रि के दिन होगा 4 मार्च को है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन का देवलोक में भी इंतज़ार रहता है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कुंभ मेले में अगले 45 दिनों तक देश-विदेश के 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु जुटेंगे। श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी के किनारे 3,200 एकड़ क्षेत्र में छोटा शहर बसाया गया है। यहां टेंट का किराया 2,100 रुपये से लेकर 20,000 रुपये प्रति रात तक है। इसके अलावा बड़ी संख्या में यहां पहुंचने वाले अखाड़ों और संतों के लिए डोर्मेटरी और टेंट स्टॉल लगाए गए हैं। आधिकारियों ने बताया कि कुंभ प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।(PB)