जयपुर। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने राजस्थान में राज्यसभा उपचुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन-पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे सहित प्रमुख कांग्रेसी नेता भी मौजूद रहे। उधर, भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने का निर्णय लिया है । राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने आलाकमान के हवाले से इसकी पुष्टि की है।
डॉ. मनमोहन सिंह ने नामांकन-पत्र के चार सेट विधानसभा सचिव के समक्ष प्रस्तुत किए । विधानसभा में संख्या बल के लिहाज से उनका चुना जाना तय माना जा रहा है। उन्होंने राज्यसभा की जिस सीट के लिए नामांकन-पत्र दाखिल किया है, वह सीट भाजपा के मदन लाल सैनी के निधन के कारण रिक्त हुई है। देश के 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। वह आसाम से पांच बार राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके है । मंगलवार को नामांकन-पत्र दाखिल करने के बाद विधानसभा भवन में पत्रकारों से बात करते हुए मनमोहन सिंह ने राजस्थान को विशेष दर्जा दिलाने के लिए प्रयास करने की बात कही ।
गहलोत,पायलट और बसपा विधायक बने प्रस्तावक
मनमोहन सिंह ने नामांकन-पत्र के चार सेट किए हैं। इनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ ही कांग्रेस के 40 विधायकों और बसपा के सभी छह विधायकों ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए हैं। 200 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 198 विधायक हैं। दो विधायकों के सांसद निर्वाचित होने के बाद सीट रिक्त हैं।
198 विधायकों में से कांग्रेस को 121 विधायकों समर्थन हासिल हैं। इनमें कांग्रेस के विधायकों की संख्या 100 है। बसपा के छह, रालोद के एक और 12 निर्दलीय विधायकों ने मनमोहन सिंह का समर्थन किया है। भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों ने भी वोटिंग की जरूरत पडऩे पर मनमोहन सिंह का समर्थन करने की बात कही है । विधानसभा में भाजपा के 73 और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 2 विधायक है । इस तरह से 75 विधायकों का मनमोहन सिंह के खिलाफ जाना तय है ।