जयपुर । मीणा और मीना को एक ही मानने और अजा व जजा आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने की पूरजोर मांगों के साथ जयपुर में मीणा समाज की आक्रोश रैली का आयोजन हुआ।
रैली को संबोधित करने के बाद अपनी तमाम मांगों पर सरकार के नाम ज्ञापन लेकर मीणा समाज के प्रतिनिधि और विधायक डॉ।किरोड़ीलाल मीणा रैली स्थल पर ही धरने पर बैठ गए। मीणा की जिद पर सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ज्ञापन लेने रैली स्थल पहुंचे।
इससे पहले मीणा-मीना विवाद को लेकर मीणा समाज की ओर से शुक्रवार को राजधानी जयपुर में आयोजित अाक्रोश रैली के दौरान फायरिंग के बाद हड़कंप मच गया। यह फायरिंग तब हुई जब विधायक डॉ। किरोड़ीलाल मीणा रैली का संबोधित कर रहे थे।
रैली के दौरान वहां मौजूद हजारों लोगों में फायरिंग के बाद हड़कंप मच गया। हालांकि रैली संयोजकों और पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। उल्लेखनीय है कि राजधानी के मानसरोवर इलाके में शिप्रापथ थाने के समीप इस रैली का आयोजन किया गया है।
बता दें कि आरक्षण मसले पर उपजे मीणा-मीना विवाद पर मीणा नेता और विधायक डॉ। किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में यह रैली निकाली जा रही है। मीणा समाज के 15 संगठन इस रैली में 5 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का दावा कर रहे हैं। राजधानी में पांच लाख लोगों की भीड़ से सड़के जाम होना लगभग तय है। साथ ही मीणा समाज की पूर्व रैली में हुड़दंग को देखते हुए इस रैली में भी हुड़दंग का अंदेशा जताया जा रहा है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन शांति व्यवस्था और यातायात को सुगम बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम करने में जुटा है।
सुबह से यातायात जाम के हालात
राजधानी में दिन की शुरुआत के साथ ही मीणा समाज के लोगों का अाना शुरू हो गया। इसके चलते मानसरोवर इलाके में सुबह से यातायात जाम के हालात बनने लगे हैं। डीसीपी ट्रैफिक हैदरअली जैदी के अनुसारर रैली के दौरान राजधानी के बाहर से आने वाले वाहनों से मानसरोवर के मध्यम मार्ग, अरावली मार्ग, वीर तेजाजी रोड, शिप्रापथ रोड पर काफी भीड़ रहेगी। ऐसे में इन रास्तों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई है।
मंत्री बोले रैली निर्थक, सर्कुलर वापस लेगी सरकार
मीना व मीणा के मामले में 30 सितम्बर, 2014 व 23 दिसम्बर, 2014 को जारी आदेशों को वापस लिया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि मीना व मीणा जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में विभाग की ओर से 30 सितम्बर, 2014 व 23 दिसम्बर, 2014 को जारी आदेशों को वापस लिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में एफेडेविट प्रस्तुत कर दिया गया है। इस मुद्दे पर मीणा समाज के लोगों के साथ बैठकर राज्य सरकार भी इन मुद्दों पर सहमत हो चुकी है। गौरतलब है मंत्री के बयान के बाद ही राजनीति गर्माई थी।
क्या है मीणा-मीना विवाद
असल में संविधान में राजस्थान की भील मीना जाति को एसटी के रूप में शामिल किया गया है। मीणा जाति को भी इसी आधार पर आरक्षण का फायदा राजस्थान में एसटी के कोटे में मिल रहा है।
इस संबंध में समता आंदोलन की Ÿ”र से कोर्ट में याचिका लगाई गई कि मीणा जाति शुरू से ही सामान्य जातियों की श्रेणी में है, लेकिन वह भील मीना जाति के आरक्षण का अवैध रूप से फायदा ले रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब भी मांगा। इसके बाद से ही यह मामला और भड़क गया।
ज्यादातर सरकारी नौकरियों में एसटी के कोटेे का सबसे ज्यादा फायदा मीणा जाति के लोगों को ही मिला है। ऐसे में ज्यादातर मीणा परिवारों में सरकारी नौकरी में एक न एक व्यक्ति शामिल है। भील मीना समाज के लोग भी इसे सही नहीं मानते। उनका कहना है कि मीणा समाज के द्वारा उनके आरक्षण के कोटे पर कब्जा कर लिया गया है, ऐसे में उनके समाज के युवकों को नौकरी में आरक्षण का फायदा नहीं मिल पा रहा।