पदमाराम कुलरिया परिवार द्वारा सीलवा में चल रही है श्री रामकथा
नोखा। आज के युग में धीरे धीरे बच्चों में संस्कार समाप्त होते जा रहे है ऐसे में भारत जैसी पावन धरा पर संस्कारों में कमी आए तो चिंता का विषय है क्योंकि व्यक्ति अपने प्रारब्ध को स्वीकार नहीं करता है। यह कहना था रविवार को नोखा के समीप सीलवा गांव में गौ सेवी पदमाराम कुलरिया की ढाणी पदम पैलेस में चल रही श्रीराम कथा में संत मुरलीधरजी महाराज का। मुरलीधर महाराज ने कहा कि व्यक्ति को अपने संस्कार कभी नहीं भूलने चाहिए तथा बच्चों में खुद में अच्छे संस्कार के लिए रामचरित्र मानस का अध्ययन करना चाहिए। उन्होने कहा मनुष्य के जीवन में कई बार मन में व्यथा होती उसको भी मिटाने के उपाय रामचरित मानस में है। उन्होने कहा कि मनुष्य को कभी भी अपने पद का अंहकार नहीं करना चाहिए। मनुष्य जीवन में कोई तन से दु:खी है, कोई मन से दु:खी है, कोई धन से दु:खी है तो इन सभी का समाधान ह,ै हरि कथा जिसमें प्रभु का नाम स्मरण करने से सभी दु:ख दुर हो जाते है। रविवार को कथा के दुसरे दिन सती व शंकर कथा में मुरलीधर महाराज ने बताया कि शंकर का सती के पीहर में राजा दक्ष द्वारा यज्ञ के आयोजन में अपमान वो सह नहीं सकी और सती नें अपने प्राण त्यागने कथा का विस्तार से वर्णन किया तथा बाद में पार्वती जन्म से शंकर के साथ विवाह की कथा का विस्तार से वर्णन किया।
रामकथा में क्षमाराम जी महाराज का हुआ प्रवचन मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिकता जरूरी इसके बिना जीवन में कुछ भी नही है यह कहना तथा कथा में पंहुचे सींथल पीठाधीश्वर क्षमारामजी महाराज का। क्षमाराम जी महाराज ने कहा मनुष्य के जीवन जीने का सार रामायण में है उन्होने कहा रामायण में परिवार, समाज व राजा के सभी गुणो का वर्णन है इसलिए जीवन में कभी भी कोई कठिनाई हो तो रामायण का अध्ययन कर लेना चाहिए सारी समस्या दूर हो जाती है। उन्होने कहा कि भगवान के घर मे किसी प्रकार का जात पात भेद भाव नही है यहां किसी प्रकार का जाति बंधन भी नहीं है। राम कथा का मनुष्य के श्रवण मात्र से कल्याण हो जाता है।
श्रद्धालुओं से भर गया विशाकाय पांडाल यहां पदमाराम कुलरिया की ढाणी पदम पैलेस में चल रही श्रीराम कथा के दुसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से पंडाल खचाखच भर गया। कथा में नोखा के अलावा बीकानेर, नापासर, नागौर व आस पास के कई गांवो से भारी सं या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही जिससे विशालकाय बनाया गया पंाडाल भी छोटा लगने लगा है।
रामचरित मानस का किया पूजन रविवार को कथा प्रार भ से पूर्व रामचरित मानस का पूजन गौसेवी पदमाराम कुलरिया, उगमाराम, देवाराम, मघाराम, कानाराम,शंकर,धर्म, सुरेश, नरेश, पुखराज, पुष्पा, लक्ष्मी व मुन्नी आदि ने रामचरित मानस का पूजन किया।
इनका हुआ स मान कथा के दुसरे दिन के विश्राम के बाद अतिथियों को संत मुरलीधर महाराज ने दुपटा पहनाकर स मान किया जिसमें-हीरालाल माकड़ श्रीबालाजी, हनुमान सुथार, सीताराम सुथार नापासर, मूलाराम सुथार, हरजीराम, राधाकिसन,लालचंद, रामप्रताप, श्याम झंवर, भंवरलाल जांगीड़, रामचंद्र सुथार, दीपाराम सरपंच केड़ली, मदनलाल सुथार, गायड़दान, भंवरङ्क्षसह ठाकर सिलवा, विष्णु जी शर्मा, सत्यनारायण व ओमप्रकाश आदि इसके अलावा कानाराम कुलरिया ने संत महात्माओं को शॉल भेंट कर स्वागत किया।
बाबा रामदेव आज आएगे पदम पैलेश- श्रीरामकथा को अपना सानिध्य देने योगगुरू बाबा रामदेव महाराज आज पदम पैलेश में पदार्पण करेंगे।जिसको लेकर आयोजक पूरी तैयारी में जुटे हुए है।वही बाबा रामदेव के अमृत वचन सुनने के लिये क्षेत्रवाशियों में भारी उत्साह है।
कथा में आज नोखा के कई सामाजिक संगठन सहित विभिन्न समाजसेवियों ने सेवा दी। जिसमे रामकृष्ण खत्री पूर्व नगरपालिका चेयरमैन, गिरधारी पारीक, भगवाना राम सुथार, शिव मोहता, छेलूदान आसिया, प्रेमनाथ, मूलसिंह, चंपालाल साद, डॉ रामावतार पारीक,जयकरण आसिया, भारतभूषण रतनू, नारायण दास, शिवदान आसिया, छेलुसिंह भाटी सहित क्षेत्र के लोग सेवा देने लगे रहे।(PB)