बीकानेर । श्री संगीत भारती एवं श्री तोलाराम हंसराज डागा चेरीटेबल ट्रस्ट के सन्युक्त तत्वावधान में हंशा गेस्ट हाउस गंगाशहर में संगीत मनीषी डो.जयचन्द्र शर्मा स्मृति संगीतोत्सव 2018 प्रारम्भ हुआ। समारोह का उद्घाटन करते हुए चिंत्क, आलोचक, कवि डॉ.नन्दकिशोर आचार्य ने कहा कि संगीत में सृष्टि के आनन्द की अनुभूति है । उन्होंने कहा कि संगीत हमें अर्थोत्तर उत्कृष की ओर ले जाता है । डॉ. आचार्य ने संगीत मनीषी डॉ.जयचन्द्र शर्मा की संगीत साधना को रेखांकित करते हुए कहा कि कथक नृत्य में डॉ.शर्मा का शोध उल्लेखनीय है । कार्यक्रम में अध्यक्ष भवानीशंकर व्यास “विनोद” ने कहा कि डॉ.जयचन्द्र शर्मा ने संगीत और साहित्य के मध्य अटूट सम्बन्ध स्थापित किया ।
उन्होंने कहा कि डॉ.शर्मा ने संगीत पर पुस्तकें, नृत्य नाटिकाएं, समीक्षाएं लिखकर आलोचना से जोडा । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मंडल रेल प्रबन्धक अनिलकुमार दुबे ने कहा कि यदि हमने अपने शास्त्रीय संगीत को नहीं बचाया तो वह आज के शोरगुल में गायब हो जाएगा । श्री संगीत भारती के निदेशक डॉ.मुरारी शर्मा ने आयोजन के उद्धेश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की पीढी को अपनी विरासत से जोडना आवश्यक है । कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने डॉ.जयचन्द्र शर्मा के व्यक्तित्व-कृतित्व पर पत्र वाचन किया ।
लेखक अशफाक कादरी ने संगीतोत्सव की 13 वर्ष की स्वर यात्र पर प्रकाश डाला । ट्रस्ट के अध्यक्ष हंसराज डागा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संगीत मनीषी डॉ.जयचन्द्र शर्मा के आदर्शों को अपनाना चाहिए । वरिष्ठ पत्रकार लूणकरण छाजेड ने धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम में सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा, चन्द्रशेखर जोशी, कामेश्वरप्रसाद सहल, नीरज दैया, फिल्मकार मंजूर अली चन्दवानी, ऋषिकुमार अग्रवाल, नागेश्वर जोशी, हनुमान कच्छावा, अकबर खान, डॉ.ओम कुबेरा, मनोज कामरा ने अतिथियों का स्वागत किया । इस अवसर पर आयोजित 14 वीं अखिल भारतीय संगीत कला प्रतियोगिता में साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत प्रतियोगिता में लोपामुद्रा आचार्य और मोनिका प्रजापत ने गीत प्रस्तुत किए । कार्यक्रम में वरिष्ठ सारंगीवादक उस्ताद रज्जब अली, निर्णायक व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा, कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी, संगीतज्ञ हेमंत भट्ट का सम्मान किया गया । संगीतोत्सव के अंतर्गत शाम को भातखंडे संगीत समारोह में जयपुर के जयकुमार जवडा ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी इनके साथ तबले पर पं.परमेश्वरलाल कथक, गायन में सांवरलाल कथक ने संगत की जिन्हें डॉ.जयचन्द्र शर्मा अवार्ड से नवाजा गया ।
सितार पर किशन कथक ने शानदार प्रस्तुति से दर्शको6 का मेनेजर मोह लिया । इन्हें भी डॉ.जयचन्द्र शर्मा अवार्ड प्रदान किया गया । नृत्य नाटिका “पंचवटी” का मंचन श्री संगीत भारती के कलाकारों द्वारा किया गया । कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार द्वारा लिखित नृत्य नाटिका में परिकल्पना एवं निर्देशन-डॉ.मुरारी शर्मा नृत्य निर्देशन डॉ.कल्पना शर्मा संगीत एवं प्रकाश लक्ष्मीनारायण सोनी, पार्श्व स्वर रंगकर्मी आनन्द वी. आचार्य एवं राजाराम स्वर्णकार के थे । कार्यक्रम में कोशिका लाटा, देवयानी, मोनिका, रेशु माथुर, मानसीसिंह, जयश्री, विदुषी, आयुषी, वर्षा, उत्सवी, धान्या आदि कलाकारों ने नृत्याभिनय किया । संगीतोत्सव में रविवार की शाम भातखंडे संगीत समारोह में वनस्थली के डॉ.सुजीत देवघरिया का वायलिन वादन, राजेन्द्रप्रसाद बनर्जी का हारमिनियम वादन, लखनऊ के शिवार्ग भट्टाचार्य का तबला वादन होगा । इससे पूर्व दिन में ताल वाध्य, स्वर वाध्य, शास्त्रीय गायन, कथक नृत्य की प्रतियोगिताएं होगी ।(PB)