जोधपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदेशाध्यक्ष उम्मेद सिंह चंपावत ने कहा कि कांग्रेस से सम्मानजनक समझौता होता है तो ठीक अन्यथा एनसीपी प्रदेश की 200 सीटों पर विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगी लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पंवार ने कांग्रेस को नुकसान किए बिना अपना राजनीतिक वजूद खड़ा करने के निर्देश दिए हैं। इसलिए हम महाभारत के पांडवों की तरह कांग्रेस के पांच गांव यानी 25 सीटें चाहते हैं। यदि उन्हें इतनी भी नहीं मिलती है तो उनके लिए सभी विकल्प खुले हैं।
गुजरात में कांग्रेस व एनसीपी के रिश्तों में आए उतार-चढ़ाव का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हो चुका है। यहीं कारण है कि अहमदाबाद नगर पालिका के बाद गुजरात की सत्ता के करीब पहुंचकर फिसल गई। इसलिए एनसीपी को उम्मीद है कि कांग्रेस अब यह गलती नहीं दोहराएगी। उन्होंने यह बात बनाड़ रोड स्थित होटल द उम्मेद में गुरुवार को पत्रकारों से रूबरू होकर कही। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में प्रदेश का कछुआ चाल विकास हुआ है। प्रदेश आज भी पूरी तरह से पिछड़ा हुआ है। बाड़मेर में रिफाइनरी लग जाती तो प्रदेश का विकास अरब देशों जैसा हो सकता था। लेकिन अभी तक इस सपने को पंख नहीं लग पाए हैं।
रिफाइनरी में देरी भाजपा सरकार की नाकामी है। उन्होंने यह भी कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव वे ठोस मुद्दों के आधार पर लड़ेंगे। पार्टी का उद्देश्य प्रदेश को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना, हर तबके को मजबूत करना ताकि सब सौहार्द के साथ सिर उठाकर चल सके।
चंपावत ने कहा कि राजस्थान की राजनीति जातिवाद पर निर्भर है लेकिन सरकार इन जातियों को एकसूत्र में नहीं बांध पाई। इसका खामियाजा इनको आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा। अभी सरकार से सबसे ज्यादा नाराज राजपूत समाज चल रहा है। रावणा राजपूत समाज भी आनंदपाल व चतुर सिंह एनकाउंटर के बाद सरकार के खिलाफ पहले से ही मैदान में उतर चुका है। एससी एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों की भाजपा से नाराजगी एनसीपी के लिए बड़े फायदे का कारण बन सकती है। राजपूत, ब्राह्मण, जाट व ओबीसी की कई जातियां भाजपा से तो नाराज है ही सीधे कांग्रेस के पक्ष में जाने से बच रहे हैं। ऐसे में एनसीपी उनके लिए नया विकल्प बन सकती है। प्रदेश महासचिव अरविंद कुमार व्यास ने कहा कि प्रदेश में आज भी सड़क, शिक्षा, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। प्रदेश का यह चुनाव हम ठोस मुद्दों और भावी योजनाओं को ध्यान में रखकर लड़ेंगे।(PB)