नोखा। दीन दुखियों के साथ साथ गाय की सेवा करना भी हिन्दू धर्म आवश्यक है साथ ही जीवन में हमेशा गाय के दूध व घी का ही सेवन करना चाहिए। यह कहना था यहां मूलवास सीलवा में गौ सेवी पद्माराम कुलरिया की ढाणी पदम पैलेस में पिछले सात दिनों से चल रही श्रीराम कथा में कथा वाचक संत श्रीमुरलीधर जी महाराज का। मुरलीधर महाराज ने शुक्रवार को गोपाष्टमी के अवसर पर कहा कि अभी गौ नवरात्री चल रही और आज गोपाष्टमी भी है तो इस अवसर पर गाय का पूजन अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय का पूजन केवल महिलाएं ही नही बल्कि सभी को करना चाहिए। भगवान ने दुर्लभ मनुष्य जीवन दिया है तो दूसरों की सेवा में लगा देना चाहिए तभी सही मायने में मनुष्य जीवन जीना होगा।

शुक्रवार को कथा के सातवें दिन की कथा के प्रसंग में लक्ष्मण और परशुराम संवाद के साथ राम लक्ष्मण के साथ भरत व शत्रुघन के विवाह की कथा का प्रसंग सुनाया साथ ही सीता जी के विदाई के मंगल गीत भी सुनाए। ऋषिकेश के संत चिंदानद सरस्वती ने गौसेवी पदमाराम कु लरिया को दी संत की उपाधी शुक्रवार को मूलवास के पदम पैलेस में संतों का समागम रहा जिसमें ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन के संत चिदानंद सरस्वती मुनि जी महाराज ने यहां हजारों की सं या में खचाखच भरे पांडाल में गौ सेवी पदमाराम कुलरिया को अपनी भगवी चादर ओढ़ाकर व माला पहनाकर उन्हें संत की उपाधी से नवाजा गया। इस अवसर पर चिदानंद मुनी जी ने कहा कि जो व्यक्ति सब कुछ छोड़कर अपना जीवन समाज सेवा में लगा दे और समाज व गायों व पर्यावरण के लिए जिए वो ही संत है।

उन्हंोंने कहा कि संत पदमाराम कुलरिया भी राजस्थान को हरा भरा बनाने के लिए 81 हजार पेड़ लगाने के कार्य में लगे हैं वो एक संत ही कर सकता है। साथ गायों की सेवा करना भी संतो के गुण है। ऐसे में आज से पदमाराम कुलरिया भी संत बन गए है। वो अब गौ सेवी संत पदमाराम
कुलरिया होगें। इस अवसर पर चिंदानंद मुनी ने हजारो की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को जनवरी में कुंभ मेले के लिए आमंत्रण दिया।


पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाऐं – चिदानंद सरस्वती संत श्री पदमाराम कुलरिया की ढाणी में शुक्रवार को ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन के संत श्री चिदानंद सरस्वती जी ने कहा राजस्थान में हरियाली कम है यहां वर्षा भी कम होती है ऐसे में सभी को संकल्प लेना चाहिए कि वो अपने जीवन के वर्ष हो उतने पेड़ लगाकर पर्यावरण की रक्षा करे जिससे आने वाले समय में राजस्थान भी हरियाला राजस्थान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में आने वाले समय में पीने के पानी की समस्या हो जायेगी जिससे आने वाली पीढी खतरे में पड़ सकती है इसलिए आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए पेड़ जरूर लगाने चाहिए। इस अवसर उन्होंने हजारों की संख्या में उपस्थित पांडाल में श्रद्धालुओं पेड़ लगाने की शपथ भी दिलाई।


हमारी संस्कृति व परपराएं पावन हैं- बालकृष्ण
पदम पैलेस की राम कथा में पंतजली हरिद्वार के बालकृष्ण ने कहा कि भारतीय संस्कृति व परपराएं पावन व पवित्र है। उन्होंने कहा भारत जैसी संस्कृति दुनिया के किसी भी देश में नहीं है। यहां की संस्कृति में गायो की सेवा करना, धर्म पुण्य कार्य करना, संतो का आदर, गुरूजनों का समान कहीं पर नहीं मिलेगा। भाग्य के लिए पहले कर्म की अग्रि को प्रज्जवलित करना पड़ेगा-संवित सोमगिरी जी महाराज श्रीरामकथा में संवित सोमगिरी जी महाराज ने कहा कि भाग्य के लिए कर्म करते रहो फल अपने आप मिलेगा। उन्होंने कहा भाग्य के लिए पहले कर्म की अग्रि को प्रज्जवलित करना पड़ेगा। गौ सेवा को लेकर पर्यावरण को लेकर जागृत बोध को जागृत होना चाहिए। उन्होंने कहा जब तक मनुष्य पर देवऋण, ऋिषी ऋण, पितृ ऋण व मनुष्य ऋण रहेंगे तब तक भक्ति प्रकट नही होगी। सोमगिरी जी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश में हिन्दू धर्म सनातन धर्म पर आक्रमण पर आक्रमण हो रहे हैं। देश में अल्पसंख्यकों के लिए अलग कानून यों है देश में समान नागरिकता होनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गौसेवी पदमाराम कुलरिया को चिंदानंद मुनी ने संत की उपाधी उनके कर्म को देखते हुए प्रदान की है तो मैं गौसेवी संत पदमाराम कुलरिया को पदमश्री की उपाधि प्रदान करता हूं।
रामचरित मानस का किया पूजन शुक्रवार को श्रीरामकथा प्रारभ से पूर्व रामचरित मानस का पूजन गौसेवी पदमाराम कुलरिया, उगमाराम, देवाराम, मघाराम, कानाराम, भंवरलाल, शंकर,धर्म, सुरेश, नरेश, पुखराज, मोहनलाल, मोटाराम, मूलाराम, पुष्पा, लक्ष्मी व मुन्नी आदि के साथ कुलरिया परिवार के सदस्यों रामचरित मानस का पूजन किया। इसके अलावा अश्विनी भाई, सज्जन कुमार जांगीड़ व दुर्गाराम जांगीड़ मस्कट ओमान से कथा में पंहुचे।


इन संतों का हुआ स्वागत सीलवा में श्रीराम कथा शुक्रवार को चिदानंद सरस्वती, बालकृष्ण,संवित सोमगिरी जी महाराज महाराज के अन्य संतो को शॉल ओढ़ाकर गौसेवी पदमाराम कुलरिया, देवाराम, उगमाराम, मघाराम, भंवरलाल, कानाराम, शंकरलाल व धर्म कुलरिया ने शॉल ओढ़ाकर कर स्वागत किया। इसके अलावा दूर दराज से आए गणमान्यो का स्वागत व समान किया गया
बच्चो का हुआ समान गौसेवी पदमाराम कुलरिया द्वारा रामचरित मानस की चौपाइयों पर आधारित प्रकाशित पुस्तक- मर्यादा और संयम से परिवार कैसे रहे पर इस पुस्तक का तहसील की विभिन्न स्कूलों में वितरण कर परीक्षा करवाई गई थी जिसमें जिसमें सफल रहे विद्यार्थियों में नोखा की एश्वर्या झंवर जैन स्कूल, करूणा प्रजापत सुथारो का बास नोखा, ममता सुथार व आरती सुथार हीराबाई गट्टाणी स्कूल नोखा का मंच पर उपस्थित चिंदानंद सरस्वती, बालकृष्ण, संवित सोमगिरी जी महाराज पर गौसेवी पदमाराम कुलरिया व उनके पुत्र कानाराम, शंकर व धर्म कुलरिया द्वारा समान किया गया। इस पुस्तक के संकलन संपादन जयकरण चारण ने किया इस अवसर पर उनका भी समान किया गया।(PB)