बीकानेर । मांड कोकिला पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई की स्मृति में दो दिवसीय मांड समारोह रेल्वे प्रेक्षागृह में प्रदेश के प्रमुख लोकगायकों की रंगारंग मांड प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ । समारोह में पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई के प्रिय मांड गायकी को सुनकर श्रोताओं की आंखें छलछला आयी । उत्तर पश्चिमी रेल्वे सांस्कृतिक एवं ललित कला संस्थान, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर, संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, श्री संगीत भारती्र के सहयोग से आयोजित मुख्य समारोह स्वरांजलि में मण्डल रेल प्रबन्धक ए.के. दुबे, श्रीमती मीरा दुबे मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। अल्लाह जिलाई बाई मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान के प्रबन्ध निदेशक डा. अजीज अहमद सुलेमानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान की मांड गायकी को विष्व स्तर तक पहुंचाना है । उन्होने कहा कि मांड सर्वव्यापी मधुर राग है जो राजस्थान के जन जन में व्याप्त है ।
लेखक अशफ ाक कादरी ने ऐतिहासिक जूनागढ, लालगढ पेलेस से रेल्वे प्रेक्षागृह तक समारोह की गत 26 वर्षो की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम में डा. हनुमान सिंह कस्वां, फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी, लोकगायिका श्रीमती राजकुमारी मारू, मोहनलाल मारू सखा संगम अध्यक्ष एन. डी. रंगा, चन्द्रशेखर जोशी, ंडा. एस. एन हर्ष, बसन्ती हर्ष ने भी स्व. अल्लाह जिलाई बाई को अपनी खिराजे अकीदत पेश की ।
्रमुख्य समारोह स्वरांजलि में लोक कलाकारों ने मांड के स्वर बिखेरे स्व. अल्लाह जिलाई बाई की 26 वीं पुण्यतिथि 3 नवम्बर शनिवार की शाम रेल्वे प्रेक्षागृह में मुख्य समारोह स्वरांजलि में पष्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर की ओर से जयपुर के डा0 हनुमान सहाय ने मांड में केसरिया बालम, चतुरंग जाओ जाओ श्याम तथा राग मांड में सादरा राम धनु तोरयो सुनाकर भावविभोर करदिया । इनके साथ डा. गरिमा कुमावत, तबले पर परमेष्वर जबडा ने संगत की । कार्यकम में मेडता रोड की लक्ष्मण भांड एण्ड पार्टी ने अपने क्षेत्रों की मांड सुनायी । इनके साथ इमामुदीन खां, प्रकाश, विजय ने साजों पर संगत की ।केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली की ओर से उदयपुर की नेहा चारण ने मांड राग में करणी माता, भैरूजी की भक्ति रचनाऐ सुनाई । समारोह में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार बाडमेर के समदर खां एण्ड पार्टी, ने मांड में सूफी संगीत प्रस्तुत कर स्व. जिलाई बाई को अपनी स्वरांजलि पेश की । कार्यक्रम में जयपुर के सांवरमल कत्थक ने मांड की विलुप्तप्राय रचनाएं सुनायी । कार्यक्रम में नगर के मांड गायकों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया । इससे पूर्व प्रात: 8.00 बजे स्व जिलाई बाई के मजार पर कुरानखानी एवं पुष्पांजलि अर्पित कर दुआ मांगी गयी ।(PB)