बीकानेर। बुधवार को बीकानेर आए राज्य के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी को प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) द्वारा गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की समस्याओं के समाधान के संबंध में ज्ञापन दिया गया। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल, रमेश बालेचा और अशोक उपाध्याय के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा न केवल राज्य में अपितु संपूर्ण देश में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए अत्यंत ही सराहनीय और बहुत ही बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। मगर शिक्षा विभाग एवं सरकार द्वारा इन संस्थाओं के महत्वपूर्ण योगदान को दरकिनार करते हुए लगातार उपेक्षा की जा रही है। अत: इन संस्थाओं के सामाजिक सरोकारों के प्रति जागरूक हो कर इन संस्थाओं की अत्यंत ही वाजिब समस्याओं के त्वरित निराकरण किया जाना आवश्यक हो गया है। खैरीवाल ने इस मौके पर शिक्षामंत्री से स्मरण करवाया कि गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की इन वाजिब समस्याओं के समाधान के लिए आप से और शिक्षा विभाग से पूर्व में भी अनेक बार पैपा एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के विभिन्न संगठनों द्वारा निवेदन किया जा चुका है, लेकिन अब तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
अतिशीघ्र ही इन समस्याओं के उचित निस्तारण की कार्यवाही अमल में लाई जाए ताकि इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों को किसी भी प्रकार से कोई आंदोलनात्मक कदम नहीं उठाना पड़े।उन्होंने शिक्षामंत्री से आग्रह किया कि कृपया त्वरित कार्यवाही का संपादन करवाने के निर्देश आप अपने अधीनस्थ विभाग को जारी करावें। इस दौरान पैपा के शिष्टमंडल ने शिक्षामंत्री से अपील की कि यदि आगामी तीस दिनों में इन समस्याओं का वाजिब निस्तारण नहीं किया जाएगा तो संस्था द्वारा संवैधानिक रूप से अपने अधिकारों की लड़ाई लडऩे के लिए आंदोलनात्मक कार्य किए जाएंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी आपकी और शिक्षा विभाग की होगी।
खैरीवाल ने बताया कि इस ज्ञापन की प्रतिलिपि राज्यमंत्री डॉ विश्वनाथ मेघवाल और भारतीय जनता पार्टी के शहर जिला अध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश आचार्य को भी देकर उनसे भी गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की वाजिब समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक सहयोग की मांग की। शिक्षामंत्री देवनानी, राज्यमंत्री डॉ विश्वनाथ मेघवाल और शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश आचार्य ने पूरा पूरा आश्वासन दिया कि अतिशीघ्र गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के वाजिब समस्याओं के समाधान के संबंध में सकारात्मक रूप से क्रियान्वयन किया जाएगा।
पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि ज्ञापन में अव्यावहारिक फीस एक्ट को वापस लिये जाने और सरकार स्वयं ही न्यूनतम और अधिकतम फीस संरचना स्कूल कैडर के मुताबिक निर्धारित करने, गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के स्टाफ के पुलिस वेरीफिकेशन और मनोवैज्ञानिक टेस्ट की बाध्यता समाप्त करने, बात – बात पर मान्यता समाप्त की धमकी दी जानी बंद किए जाने, सरकारी स्कूलों और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों में भेदभाव समाप्त कर प्राईवेट स्कूलों के बच्चों को भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाले समस्त प्रोत्साहन दिए जाने, आरटीई का पुनर्भुगतान वर्तमान सत्र की फीस के तहत किए जाने, आरटीई के गत 5 सत्रों की बकाया राशि का एरियर तुरंत दिये जाने, आरटीई संबंधी वाजिब समस्याओं का समाधान तुरंत प्रभाव से किए जाने, एक देश – एक पाठ्यक्रम (हृष्टश्वक्रञ्ज) लागू किये जाने, 5 वीं और 8 वीं बोर्ड परीक्षाओं का औचित्य समझाए जाने, बोर्ड परीक्षाओं में समानता, निष्पक्षता और पारदर्शिता लागू किए जाने, बोर्ड परीक्षाओं में सरकारी और निजी स्कूलों के टीचर्स की समान ड्यूटी (50:50) लगाई जाने, सरकारी शिक्षण संस्थाओं में निजी शिक्षण संस्थाओं के टीचर्स की ड्यूटी तथा निजी शिक्षण संस्थाओं में सरकारी टीचर्स की ड्यूटी लगाई जाने, बोर्ड मैरिट पुन: शुरू किए जाने, बोर्ड परीक्षाओं में केंद्रीय मूल्यांकन (टेबल चैकिंग) प्रणाली लागू किए जाने, बोर्ड परीक्षाओं में फर्नीचर की अनिवार्यता हटाई जाने, बोर्ड के साथ साथ सभी स्थानों (कमेटियों – राज्य /संभांग /जिला) में गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों को नियमानुसार प्रतिनिधित्व दिये जाने, भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र की वैधता पांच साल तक की जाकर पुराने पैटर्न पर ही भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र जारी किये जाने, डाटा एंट्री पोर्टल में रही खामियों को दुरस्त किए जाने तथा बगैर टीसी प्रवेश प्रक्रिया बंद तुरंत ही बंद किए जाने की मांग की गई है।