बीकानेर। विधानसभा, पंचायतराज चुनावों में कुम्हार समाज के लोगों को टिकट मिले तथा समाज के पिछड़ेपन के लिए सरकार विशेष कदम उठाए। यह बात रविवार को श्री कुम्हार महासभा के राजनैतिक जागृति एवं स्वाभिमान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष पप्पू लखेसर ने कही। लखेसर ने कहा कि कुम्हार समाज के लिए में देश और प्रदेश में रही दोनों राजनेतिक पार्टियां भाजपा और कांग्रेस की नियत ठीक नहीं रही है।

ओ.बी.सी. आरक्षण पर दोनों पार्टियों की जाति विशेष को नष्ट करने की नीति के कारण कुम्हार समाज सहित मूल ओ.बी.सी. की अन्य जातियों को अपने हक और अधिकार से वंचित होना पड़ा है। चाहे सरकारी नौकरियां हो या पंचायतराज के चुनाव सभी जगह जाति विशेष का कब्जा हो रखा है। मूल ओ.बी.सी. की वास्तविक पिछड़ी जातियों की सत्ता में भागीदारी नहीं बन पा रही है जिस कारण कुम्हार समाज के हालात दयनीय हैं।

किशन प्रजापत ने बताया कि माखनभोग में आयोजित इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि पंथमेडा से पधारे संत गोविन्द वल्लभ जी रहे तथा नोखा, श्रीडूंगरगढ, कोलायत, खाजूवाला, लूणकरणसर तहसीलों से समाज के सभी पंच, सरपंच, पार्षद, पं.स.सदस्य, अलग-अलग राजनैतिक दलों के पदाधिकारी, सामाजिक संस्थाओ के पदाधिकारी और सभी गणमान्यजन शामिल हुए। महासभा के महामंत्री बद्री जाजपुरा ने बताया कि सम्मेलन में दोनों पार्टियों से मांग की है की ओ.बी.सी. आरक्षण का वर्गीकरण किया जाये, आगामी विधानसभा चुनाव में कुम्हार समाज को टिकट दिया जाये तथा अगले वर्ष होने वाले प्रधान, प्रमुख, निकाय चुनाव में कुम्हार समाज को बीकानेर जिले में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाये। दोनों मुख्य पार्टियों में से जो समाज की उपरोक्त मांग पर सकारात्मक पहल करेगा, समाज उसका साथ देगा। अन्यथा विधानसभा चुनाव में कुम्हार समाज दोनों ही पार्टियों से किनारा कर मूल ओ.बी.सी. की अन्य जातियों को साथ लेकर अपने खुद के प्रत्याशी विधान सभा में उतारेगी।

आगामी तीन नवंबर को श्री कुम्हार महासभा मीटिंग आयोजित कर अपनी आगामी रणनीति की घोषणा करेगी। सम्मेलन में भाजपा देहात उपाध्यक्ष चम्पालाल गेदर, शहर भाजपा उपाध्यक्ष अशोक बोबरवाल, माटीकला बोर्ड के सदस्य सोहनलाल प्रजापत, पुरखाराम गेदर, लक्ष्मीनारायण माहर, बंशीलाल प्रजापत, नथमल गेदर, पार्वती भोभारिया, लक्ष्मण गुरिया, सत्यनारायण बासनीवाल, दिलीप जलन्द्रा, हुलसीराम प्रजापत, मूलचंद बोरावड, भैराराम भूटिया, हस्ताराम गेदर, नारायणराम मंडावरा, मघाराम मारोठिया, हरुराम गेदर, लक्ष्मीनारायण गेदर, आशुराम भूटिया देवकिशन गेदर संतोष प्रजापत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।(PB)