बीकानेर । विरासत संरक्षण और लोक-संस्कृति को समर्पित लोकायन संस्थान और बीकानेर पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में ‘राजस्थान कबीर यात्रा 2016’ का आगाज बीकानेर से 11 नवंबर, 2016 को होने जा रहा है।
छ दिनों के इस भ्रमणशील संगीत उत्सव के पहले दिन वेटरिनेरी विश्वविद्यालय परिसर स्थित दीवाने आम में सांयकाल 5:30 बजे जहां उद्घाटन संध्या में दिल्ली के प्रख्यात उर्दू दास्तानगो अंकित चढ्ढा संत कबीर के व्यक्तित्व-कृतित्व पर आधारित ‘दास्तान ढाई आखर की’ शीर्षक से दास्तानगोई पेश करेगें, वहीं बीकानेर के मुख्त्यार अली, मालवा (मध्यप्रदेश) के कालूराम बामनिया और बीकानेर की गवरा देवी सरीखे विख्यात लोक गायक कबीर और अन्य सूफी संतों की रचनाओं की संगीतमयी प्रस्तुति देंगे। उद्घाटन दिवस को सवेरे 11:00 बजे समारंभ सत्र में जाने माने राजस्थानी साहित्यकार पद्मश्री चन्द्रप्रकाश देवल ‘राजस्थानी लोक में कबीर की व्याप्ति’ विषयक व्याख्यान देंगे। व्याख्यान के बाद एक संवाद सत्र भी होगा जिसमें डा. देवल श्रोताओं की जिज्ञासाओं का समाधान प्रस्तुत करेंगे।
राजस्थान कबीर यात्रा के संरक्षक तथा बीकानेर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि आम तौर पर पुलिस की भूमिका को कानून की पालना करवाने वाली या रक्षात्मक उपायों के लिए उत्तरदायी एक एजेन्सी के बतौर लिया जाता है, लेकिन बीकानेर पुलिस थोड़ा लीक से हटकर राजस्थान कबीर यात्रा जैसी सर्जनात्मक गतिविधि के साथ इसलिए जुड़ रही है ताकि इस अवसर का लाभ पुलिस और जनसाधारण के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में उठा सके। डा. कपूर ने कहा कि समान उद्देश्य से पंचायत समिति स्तर पर पहले से गठित सामुदायिक सम्पर्क समूह (सी.एल.जी.) इस आयोजन में महती भूमिका निभाने जा रहे हैं।
लोकायन संस्थान के संस्थापक कृष्णचन्द्र शर्मा ने बताया कि संस्थान द्वारा फरवरी 2012 के दौरान आयोजित राजस्थान कबीर यात्रा का पहला संस्करण बेहद लोकप्रिय और आम जन मानस पर प्रभावशाली रहा था। बीकानेर पुलिस ने इसी अनुभव के व्यापक अध्ययन के बाद इस वर्ष की कबीर यात्रा के साथ जुड़ने की पहल की है।
शर्मा ने बताया कि 11 से 16 नवंबर 2016 तक आयोज्य इस वर्ष की कबीर यात्रा 11 नवंबर को बीकानेर से प्रारंभ होकर 12 नवंबर को श्री डूंगरगढ़, 13 नवम्बर को राववाला, 14 नवम्बर को श्री कोलायत और 15 नवंबर को नोखा के मूलवास गांव पहुंचेगी। यात्रा के अंतिम दिन 16 नवम्बर को बीकानेर में जूनागढ़ किले के मुक्ताकाशी मंच पर सुविख्यात शास्त्रीय भजन गायक पद्मश्री मधुप मुद्गल और पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्या के लोक गायन के साथ इस वर्ष की कबीर यात्रा का समापन होगा। शर्मा ने यात्रा में जन-साधारण की अधिकाधिक सहभागिता का आह्वान करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी आयोजन का मुख्य उद्देश्य बीकानेर क्षेत्र की लुप्त होती सत्संग और वाणी गायन की परंपरा को पुनर्जीवित करना है।
राजस्थान कबीर यात्रा के सहभागी राजस्थान पर्यटन विभाग, बीकानेर की सहायक निदेशिका भारती नैथानी ने जानकारी दी कि पर्यटन विभाग 14 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के मेले पर श्री कोलायत में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले सांस्कृतिक समारोह को इस वर्ष की कबीर यात्रा के साथ जोड़कर आयोजित करेगा। नैथानी ने बताया कि इस वर्ष के सांस्कृतिक समारोह में कबीर यात्रा में आमंत्रित अन्तरराष्ट्रीय कलाकारों के अलावा स्थानीय कलाकार भी अपनी संगीतमय प्रस्तुतियां देंगे।
लोकायन संस्थान के अध्यक्ष विश्वविख्यात मिनिएचर चित्रकार महावीर स्वामी ने कहा कि प्रस्तावित राजस्थान कबीर यात्रा का आयोजन जहां मूलवास, नोखा के संत श्री दुलाराम कुलरिया के पुत्र भंवर, नरसी और पूनम कुलरिया के आर्थिक सौजन्य से हो रहा है. इसके अलावा आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान, बीकानेर और अहमदाबाद की आशा किरण ट्रस्ट इस आयोजन के सहयोगी हैं.
राजस्थान कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह चौहान के अनुसार इस कबीर यात्रा में मालवा (मध्यप्रदेश) के प्रसिद्ध कबीर गायक पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्या और कालूराम बामनिया, दिल्ली के सूफी गायक मदनगोपाल सिंह, उर्दू दास्तानगो कलाकार अंकित चढ्ढा, हरप्रीत सिंह, जैसलमेर के लोक गायक महेशाराम, चैन्नई से बिन्दु मालिनी और वेदान्त भारद्वाज, कच्छ (गुजरात) के मावजी भाई और भारमल वागा, बैंगलोर से शबनम विरमानी और विपुल रिखि जैसे नामचीन गायक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। बाहर से आने वाले इन कलाकारों के अलावा बीकानेर में निर्गुण वाणी गायन की परंपरा के संवाहक शिवजी-बद्री सुथार के साथ साथ गवरा देवी, ओमप्रकाश नायक, मुख्त्यार अली जैसे लोक गायक भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। चौहान ने यह भी जानकारी दी कि इस वर्ष की कबीर यात्रा हाल ही में स्वर्गवासी हुई बीकानेर क्षेत्र की लोक विख्यात वाणी गायिका जमाली बाई की स्मृतियों को समर्पित की जाती है।
कबीर यात्रा के समन्वयक जयदीप उपाध्याय ने जानकारी दी कि यात्रा के विभिन्न स्थलों पर बीकानेर नगर और बाहर के कलाकारों की फोटोग्राफी और चित्रकला की प्रदर्शनियां भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इण्डस राईडर्स नामक विख्यात मोटर साइकल सवार समूह इस यात्रा के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए बीकानेर आएगा।