बीकानेर । सालों से संघर्ष कर रही राजस्थानी फिल्मों को इस बार होने वाल तीसरे राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया जयेगा। कई अंतराष्ट्रीय फिल्मों के साथ-साथ 14 जनवरी से 18 जनवरी तक चलने वाले राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में राजस्थानी फिल्मों को भी जगह गई हैं । विजय सुथार निर्देशित ‘तावड़ो’ एक राजस्थानी गांव की कहानी है जो सामाज के ऊपरी और निचले वर्ग को दर्शाती है। निचले वर्ग की एक महिला दो बच्चो की मदद करती है जो एक सुनसान जगह में अपनी राह भटक जाते है। दो बच्चों के प्राण बचाने पर भी उसके साथ हुए अन्याय की गाथा निर्देशक ने खुबसूरती से दिखाया हैं। मोहब्बतें, आवारा पागल दीवाना और कई फिल्मों मे काम कर चुकी प्रीति झींगियानी ने इस फिल्म मे अभिनय किया हैं। प्रीति ने तमिल फिल्मों मे भी अभिनय कर शौहरत हासिल की है। इस फिल्म का संगीत प. ललीत ने दिया है। फीचर फिल्म कंगना एक परिवारिक कहानी हैं जिसमें महिला सशक्तिकरण, भू्रण हत्या और लड़कीयों से छेड़खानी जेसै 3 प्रमुख सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला गया हैं । कहानी में एक राजनीतिक पृष्ठभूमि से फिल्म में नाटक को बढ़ावा मिलता है। शिवेंद्र ओम सानीयोल(मि. ग्लैडरैग्स) ने इस फिल्म मे लीड रोल से डेब्यू किया हैं जबकि रूही चतुर्वेदी फीमेल लीड रोल में होंगीं। इस फिल्म के मधुर गीत मशहूर बॉलीवुड गायक विनोद राठौड़, राजा हसन और जयश्री द्वारा गाये गये है। इस फिल्म मे महिला आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा ने भी अपने अभिनय का जलवा बिखेरा है। श्री सौमेन्द्र हर्ष, राजस्थान इंटरनॅशनल फिल्म महोत्सव के संस्थापक कहते हैं, श्फिल्म महोत्सव में राजस्थानी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। हमने देखा है कि क्षेत्रीय फिल्मों को आजकल बढ़ावा मिल रहा हैं। गुजराती, पंजाबी और भोजपुरी फिल्मों का बाजार विकसित हो रहा हैं, तो हम अपने राजस्थानी फिल्मों का प्रचार क्यों न करें ? हमारा प्रयास है की इन फिल्मों को प्रदर्शित करना दर्शकों को आकर्षित करेगा । राजस्थानी फिल्मों के इतिहास मे एक दौर ऐसा भी रहा है जब फिल्में सिल्वर जुबली सप्ताह मनाया करती थी। उस दौर मे नीलू,उपासना सिंह, गजेन्द्र चौहान, आलोक नाथ इत्यादि कलाकारों ने इन फिल्मों मे अपनी अभिनय कला का प्रदर्शन किया था । बाई चाली सासरीये, नानी बाई रो मायरो, म्हारी प्यारी चांदना फिल्में हाउसफुल रहा करती थी ।