नाथद्वारा। साहित्य, कला एवं संस्कृति संस्थान, नाथद्वारा एवं राजस्थान साहित्य अकादमी,उदयपुर, महाराणा प्रताप संग्रहालय, हल्दीघाटी के सहभागित्व में हल्दीघाटी में रविवार को पंचम राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान हिन्दी और राजस्थानी के प्रतिष्ठित साहित्यकार राजेन्द्र जोशी को नंद चतुर्वेदी सम्मान अर्पित कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. इन्दुशेखर तत्पुरूष ने की तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजमेर के डॉ . संदीप अवस्थी थें। संस्थान के सचिव प्रमोद सनाढ्य ने राजेन्द्र जोशी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर बोलते हुए कहा कि राजेन्द्र जोशी की हिन्दी- राजस्थानी भाषा में अनेक पुस्तकें लिखी जिनमें जोशी की कविता संग्रह मौन से बतकही एवं कहानी संग्रह अगाड़ी बहुत चर्चित रही है।
उन्होंने बताया कि जोशी के अब तक दो कहानी संग्रह अगाड़ी के बाद जुम्मै री नमाज और राजस्थानी कविता संग्रह कद आवैला खरूंट एवं अन्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है, उन्होंने बताया कि जोशी के तीन हिन्दी कविता संग्रह भी प्रकाशित हुई है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ . संदीप अवस्थी ने कहा कि इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रमों से जहाँ जनमानस में वर्तमान समय के साहित्य को समझने और पढऩे वाले का अपने नजरिये बदलते है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ .इन्दुशेखर तत्पुरूष ने कहा कि साहित्यिक कार्यक्रमों में साहित्यकारों के सम्मान से और अधिक लिखने की प्रेरणा तो मिलती है साथ ही जिम्मेदारी भी बढ़ती है। उन्होंने कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी को नंद चतुर्वेदी सम्मान अर्पित करते हुए कहा कि राजेन्द्र जोशी को और उनके साहित्य से परिचित हूँ जोशी हमारे समय के महत्वपूर्ण राजस्थानी- हिन्दी के साहित्यकार है। वरिष्ठ साहित्यकार माधव नागदा ने कहा कि राजेन्द्र जोशी की रचनाओं में बिम्ब, प्रतीक के साथ ही पीडि़त और शोषित वर्ग के लिए समुचित स्थान है। उन्होंने कहा कि जोशी की रचनाएँ आधी आबादी के लिए बेहतरीन पक्ष प्रस्तुत करती हैं।
उन्होंने जोशी को आम आदमी का प्रतिनिधित्व करने वाला लेखक बताते हुए कहा कि नंद चतुर्वेदी की परम्परा को आगे बढ़ाने का काम राजेन्द्र जोशी करते है । संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव डॉ .एम.डी.कनेरिया ने कहा कि नंद चतुर्वेदी की परम्परा के लेखक राजेन्द्र जोशी को नंद चतुर्वेदी सम्मान अर्पित कर संस्था स्वयं गौरवान्वित हैं।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ज्योति पुंज, जोधपुर के डॉ .नरेन्द्र मिश्र , इतिहासकार डॉ . श्रीकृष्ण जुगनु , सम्पादक डॉ .नवीन नन्दवाना, संग्रहालय के अध्यक्ष मनोहर श्रीमाली ने भी विचार व्यक्त किये।(PB)