बीकानेर। मुक्ति संस्थान बीकानेर के तत्वावधान में युवा कवि-कथाकार डॉ. रेणुका व्यास के प्रथम काव्य संग्रह ‘उडऩे को तैयार मनÓ का लोकार्पण स्थानीय धरणीधर रंगमंच पर आयोजित हुआ। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं सम्पादक भवानीशंकर व्यास ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं केन्द्रीय साहित्य अकादेमी के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य थे तथा विशिष्ठ अतिथि महारानी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.उमाकांत गुप्त एवं कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थे। समारोह के स्वागताध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉ.उमाशंकर व्यास थे।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ने कहा कि डॉ. रेणुका व्यास की कविताएं मानवीय संवेदनाओं को अभिव्यक्त करती हुई नए आयाम स्थापित करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाली हैं। ये कविताएं धरातल से जोड़ती हैं, किसी विचारधारा से प्रभावित नहीं है।

मुख्य अतिथि केन्द्रीय साहित्य अकादेमी, राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक, वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य ने कहा कि इन कविताओं में मानवीय मूल्यों की सांगोपांग पड़ताल की हुई है जो नई जमीन तोड़ती दिखती है। कवयित्री का यह पहला प्रयास सराहनीय है। विशिष्ठ अतिथि कवि-आलोचक डॉ.उमाकांत गुप्त ने कहा कि शब्दों की संरचना अपने-आप में एक अद्वितीय काम है जिसमें लेखिका सफल हुई है।

विशिष्ठ अतिथि कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि शब्दों का रचाव ही मन मस्तिष्क का सात्विक भोजन है। जोशी ने कहा डॉ.रेणुका ने कविता को नया स्वर देने का काम किया है। वे नारेबाजी व सपाट बयानी से बचती हुई अपनी कविताओं के माध्यम से पाठक के समक्ष प्रश्न खड़े करती है तथा संवेदनाओं को उभारकर वर्तमान समय की मांग को पूरा करती है। वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ.उमाशंकर व्यास, साहित्य विदुषी डॉ.चंचला पाठक ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर कवयित्री डॉ. रेणुका व्यास ने अपने रचनाकर्म पर प्रकाश डालते हुए लोकार्पित संग्रह से चुनिन्दा कविताओं का वाचन किया। कार्यक्रम में कवयित्री का विभिन्न संस्थाओं की तरफ से सम्मान किया गया जिनमें शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के भवानीशंकर व्यास, राजाराम स्वर्णकार, बी.एल.नवीन, बाबूलाल छंगाणी, हनुमान कच्छावा आदि ने शॉल एवं सम्मान पट्टिका भेंटकर सम्मान किया। सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी रंगा, चन्द्रशेखर जोशी, पार्षद प्रेमरतन जोशी, नागेश्वर जोशी, ब्रजगोपाल जोशी, गिरिराज जोशी, शब्दश्री संस्थान से कवयित्री प्रमिला गंगल, मोनिका गौड़, सुधा आचार्य, ऑसो मित्र मंडली, डॉ.प्रकाश वर्मा, कृष्णा वर्मा, मधुरिमासिंह, डॉ.एस एन. हर्ष, डॉ.बसंती हर्ष आदि ने पुष्पमालाएं, शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह आदि भेंटकर कवयित्री के सृजन का सम्मान किया गया।

सभी अतिथियों को संस्थान की तरफ से स्मृतिचिन्ह अर्पित किए, संस्थान की ओर से सम्पादक, व्यंग्यकार अजय जोशी, ज्ञानेश्वर सोनी एवं संजय आचार्य का माला, शॉल, स्मृति चिन्ह अर्पित कर सम्मान किया गया। कवयित्री ने ‘उडने को तैयार मनÓ काव्य संग्रह की प्रति कवि-आलोचक डॉ.नन्दकिशोर आचार्य, अपने पति शिवशंकर व्यास, कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकर, व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा, चन्द्रशेखर जोशी, कमला शर्मा, कमल रंगा को भेंट की। कार्यक्रम में पूर्व सरपंच रामकिशन आचार्य, पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास, सरल विशारद, बिशन मतवाला, महेन्द्र जैन, पूर्णमल राखेचा, नदीम अहमद, नवनीत पांडे, नीरज दइया, प्रमोदकुमार चमौली, प्रेमनारायण व्यास, उमाशंकर आचार्य, हरीश बी.शर्मा, विजय जोशी, गौरीशंकर व्यास, भवानीशंकर व्यास, अरविन्द उभा, उषा मोहता, जब्बार अली, डॉ.ब्रजरतन जोशी, हरिकिशन जोशी, सोहनलाल जोशी, दिनेश चावड़ा, रमेश आचार्य, मइनूदीन कोहरी, इसरार हसन कादरी, जाकिर अदीब, गायत्री शर्मा, गायत्री जोशी, नगेन्द्रनारायण किराडू, दयानन्द शर्मा, संगीता शर्मा, सन्नू हर्ष, अनिल व्यास, चन्द्रशेखर आचार्य, गिरिराज पारीक आदि उपस्थित थे।