ठेकेदार भजनलाल बना अभ्यर्थियों का गारंटर, 100 से ज्यादा अभ्यर्थी व गिरोह भूमिगत
बाड़मेर।रीट भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की आंच अब बाड़मेर तक पहुंचने के बाद तेज होने लगी है। एए क्लास ठेकेदार और महिला अभ्यर्थी को पेपर लीक मामले में एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद बाड़मेर के दर्जनों लोगों के नाम सामने आने के बाद एसओजी दबिश दे रही है, लेकिन संदिग्ध भूमिका वाले अभ्यर्थी और पेपर सप्लायर्स भूमिगत हो गए है। बुधवार को भी एसओजी की टीम ने कई लोगों के घर दबिश दी, लेकिन वे गायब मिले। रीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार जालोर निवासी भजनलाल विश्नोई के बाद रामकृपाल मीणा ने उदाराम और कई लोगों को पेपर सप्लाई करना सामने आया है।
दो दिन पहले एए क्लास ठेकेदार भजनलाल को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। 20 से 24 सितंबर तक रीट का हल किया हुआ पेपर बाड़मेर पहुंचा था और 10-12 लाख रुपए में बेचा गया। इस दौरान कई अभ्यर्थियों को पेपर मिलने के बाद उनकी रकम देने की गारंटी ली थी। भजनलाल से पेपर हजाणियों की ढाणी धोरीमन्ना निवासी सोहनी देवी तक भी पहुंचा था जिसे भी एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है।
रीट के रिजल्ट से पहले ही कई अभ्यर्थियों ने बांटी थी मिठाइयां
सूत्रों की माने तो रीट परीक्षा का पेपर बाड़मेर में भी 10-20 के ग्रुप में सैकड़ों लोगों तक पहुंचा है। इस पेपर लीक में बाड़मेर के कई लोग शामिल है। इसमें वकील और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग भी है। जब 26 सितंबर 2021 को रीट का पेपर हुआ था, जिन लोगों को पेपर मिला और जब परीक्षा में हूबहू पेपर आया तो इसके बाद घर पहुंचने पर कई अभ्यर्थियों ने मिठाई बांट कर जश्न मनाया था। यहां तक लोग 140 नंबर तक आने की तो गारंटी दे रहे थे। पेपर उपलब्ध करवाने वाले गिरोह के लोगों का गुणगान करते हुए नहीं थक रहे थे। अब एसओजी ने दबिश दी है तो ऐसे लोग भी भूमिगत हो गए, जिन्होंने लाखों में डील करके पेपर लीक किया था।
विधायक का करीबी है भजनलाल,सीएम,मंत्री के साथ फोटो वायरल
बाड़मेर के महावीर नगर निवासी एए क्लास ठेकेदार भजनलाल विश्नोई चौहटन विधायक पदमाराम का करीबी बताया जा रहा है। जब एसओजी ने भजनलाल को महावीर नगर मकान से पकड़ा था। इस दौरान कई विधायकों ने भजनलाल को बचाने के लिए अप्रोच लगाई। इसके बाद पंजाब से एक विधायक रवाना भी हो गए थे। एडीजी अशोक राठौड़ के सख्त निर्देश के बाद एसओजी की टीम उसे लेकर जयपुर रवाना हो गई।
जहां उससे पूछताछ में कई अहम राज खुले हैं। इसके बाद अब उसे गिरफ्तार किया गया है। हजाणियों की ढाणी निवासी महिला अभ्यर्थी सोहनी देवी पत्नी रघुनाथराम को भी एसओजी ने गिरफ्तार किया है। एसओजी को सोहनी देवी के घर तक पहुंचने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद जब सोहनी देवी को पेपर लीक में पकड़ा गया तो उसने बताया कि उसकेे 121 नंबर ही आ रहे हैं। आरोपी भजन लाल विश्नोई के सोशल मीडिया पर सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के साथ फोटो वायरल हो रहे हैं।
इंटरनेट बंद था, परीक्षा से पांच दिन पहले ही दर्जनों डोंगल खरीदे, किराए के मकानों में चला नकल रैकेट
शहर से लेकर गांव तक पहुंचा रीट का पेपर
रीट पेपर लीक मामले में बाड़मेर के गिरफ्तार ठेकेदार भजनलाल विश्नोई व सोहनी देवी से पूछताछ में एसओजी को कई महत्वपूर्ण अहम सुराग मिले है। इसके बाद बाड़मेर के एक वकील मनोज विश्नोई की संदिग्ध भूमिका आ रही है। गिरोह में शामिल लोगों को पहले से ही अंदेशा था कि रीट परीक्षा के दिन इंटरनेट बंद रहेगा। ऐसे में गैंग ने 5 दिन पहले ही ब्राॅडबैंड डोंगल खरीद लिए थे। इन डोंगल से वाईफाई कनेक्ट करके 8-10 जगह पर पर 10-20 लोगों का ग्रुप बनाकर हल पेपर उपलब्ध करवाकर नकल करवाई।
ठेकेदार भजनलाल का नजदीकी मनोज भूमिगत
सूत्रों के मुताबिक जयपुर एसओजी मुख्यालय पर भजनलाल से पूछताछ के बाद पेपर लीक में बाड़मेर के वकील मनोज विश्नोई पुत्र गंगाराम निवासी महावीर नगर का नाम सामने आया है। इसके बाद बुधवार को एसओजी की टीम ने महावीर नगर आवास पर दबिश दी तो मनोज वहां से गायब मिला। उसकी लोकेशन भी बाड़मेर में नहीं आ रही है। बाड़मेर पुलिस की मदद से एसओजी की टीम आरोपी मनोज की तलाश कर रही है। भजनलाल ने अपने रिश्तेदार और अन्य लोगों को रीट पेपर उपलब्ध करवाने के बाद उनकी रकम उपलब्ध करवाने की गारंटी ली थी। पूछताछ में कई लेनदेन सामने आएंगे। आने वाले दिनों में एसओजी कई बड़े खुलासे कर सकती है।
परीक्षा से एक दिन पहले ही मिल गया पेपर
बाड़मेर में 26 सितंबर को रीट के एग्जाम थे, जबकि इसके एक दिन पहले ही पेपर बाड़मेर के गिरोह के पास पहुंच गया था। उसने पहले ही लोगों की लिस्ट तैयार कर रखी थी। अगल-अलग जगह किराए के कमरे लिए गए, जहां 8-10 लोगों को सामूहिक बिठाया गया। उनकी पहले तलाशी ली, कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान पास नहीं रखने दिया। इसके बाद रात के 10 से 12 बजे तक पेपर की काॅपी अभ्यर्थियों को दी और इसके बाद वापिस ले ली। इसके लिए पहले से ही प्रिंटर, डोंगल और अन्य सेटअप लगा दिया गया था। वाईफाई से कनेक्ट के बाद गिरोह के लोग व्हाट्सएप से ही कॉलिंग और अन्य सूचनाओं का आदान प्रदान करते थे।