एग्जाम से पहले लीक हुआ पेपर, इंटरनेट बंद के बावजूद नकल; पूरा तंत्र फेल हुवा

जयपुर । एसओजी की जांच में साबित हो चुका है कि REET में पेपर लीक हुआ था। ये भर्ती शुरू से ही विवादों में रही। एग्जाम से एक दिन पहले ही बोर्ड के स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर लीक हो गया था। एग्जाम वाले दिन भी नकल के अलग-अलग तरह के तरीके सामने आए। नकल के लिए एक चप्पल में डिवाइस तक फिट कर दिया गया। हर खुलासे के साथ भास्कर भी आपको अपडेट करता रहा।

इंटरनेट बंद के बावजूद नकल
सरकार ने REET के दौरान इंटरनेट बंद कर दिया, लेकिन नकल नहीं रोक पाई। बीकानेर की एक नकल गैंग ने इंटरनेट का उपयोग किए बिना ही नकल का इंतजाम कर दिया था। गैंग ने सारे सरकारी इंतजामों का तोड़ निकालते हुए दो ऐसे डिवाइस बना डाले, जिनसे नकल की जा सके था। इनमें एक डिवाइस छोटे काले रंग की रिमोट जैसी थी। दूसरी डिवाइस चप्पल में लगाई गई थी। दोनों ही डिवाइस मोबाइल की तरह काम करती थी। इनकी कीमत छह लाख रुपए रखी गई, जो बाजार में आ रहे किसी महंगे मोबाइल से कई गुना ज्यादा थी। 25 लोगों को ये डिवाइस डेढ़ करोड़ रुपए में बेची गई थी।

एग्जाम से पहले पकड़ी गई गैंग

एग्जाम के ठीक एक दिन पहले बाड़मेर पुलिस ने नकल गिरोह का पर्दाफाश किया। दो सरकारी शिक्षकों सुरेश और रमेश विश्नोई को गिरफ़्तार करने के साथ 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस का दावा था कि आरोपियों ने परीक्षा से 4 घंटे पहले अपनी एक्सपर्ट टीम से पेपर हल करवाकर आंसर की डमी कैंडिडेट को देकर एग्जाम सेंटर भेजने की तैयारी कर रखी थी। इस गिरोह में सांचोर ट्रैफिक पुलिस का कॉन्स्टेबल भी शामिल था। जो छुट्‌टी लेकर डमी कैंडिडेट बनकर बैठने के लिए गया था।

पहले मास्टरमाइंड बत्तीलाल को माना गया

पेपर लीक के मामले में सबसे पहले बत्तीलाल की गिरफ्तारी हुई थी। जो 26 सितम्बर को पेपर लीक का खुलासा होने के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में छिपता रहा था। बत्तीलाल के भाई राजेश को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। एसओजी की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ था कि बत्तीलाल ने साढ़े 8 लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था। भजनलाल के साथ कुल 15 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी से पूछताछ में भजनलाल के बारे में जानकारी मिली थी।

40 लाख में खरीदा था पेपर

एक आरोपी पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा था। मास्टरमाइंड पृथ्वीराज को आगरा से गिरफ्तार किया गया था। पृथ्वीराज मनरेगा में जूनियर इंजीनियर (JEN) है। पृथ्वीराज ने 40 लाख में रीट का पेपर खरीदा था। फिर पेपर को दूसरे आरोपी बत्तीलाल को 5 से 10 लाख में बेच दिया था।

रीट का पूरा तंत्र आखिर फेल कैसे हुआ

प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। पेपर लीक और नकल न हो, इसके लिए सरकार ने पूरा मैन पावर झोंक दिया, फिर भी एग्जाम से ढाई घंटे पहल ही पेपर लीक हो गया। आखिर पेपर लीक होने के 15 दिन बाद रविवार को मास्टरमाइंड बत्तीलाल गिरफ्तार हो गया।

REET पेपर जिसको मिला, उसी ने बेचा

26 सितंबर को गंगापुर सिटी में सेंटर से पेपर लीक का खुलासा हुआ था। जिसके बाद से अब तक आरोपियों के पकड़ने का सिलसिला जारी है। दैनिक भास्कर ने अब तक की जांच में पकड़े गए आरोपियों का रिकॉर्ड खंगाला। चौंकाने वाली बात है कि पेपर लीक होने के बाद आगे जान-पहचान के आधार पर आगे बढ़ता ही चला गया। पेपर लीक प्रकरण में किस-किस की क्या भूमिका रही इसका खुलासा किया

वॉट्स ऐप पर पहुंचा पेपर
भजनलाल से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। मास्टरमाइंड भजनलाल ने JEN पृथ्वीलाल मीना से वॉट्स ऐप कॉल के जरिए पहले ही 40 लाख रुपए में डील कर ली थी। 8 दिन पहले डील होने के बाद पता चला कि एग्जाम के दिन इंटरनेट बंद हो सकता है। इस पर भजनलाल ने एक दिन पहले ही गंगापुर सिटी में वॉट्स ऐप पर दोपहर में 3:45 बजे पेपर भेज दिया था। इसके बाद परीक्षा सेंटर में प्रिंटर से प्रिंट लेकर पेपर बांटे गए। इन सेंटर पर पेपर 8 से 10 लाख रुपए में बांट दिए गए।

नकल के मामलों के बाद सरकार का फैसला
रीट व अन्य परीक्षाओं में नकल के मामले सामने आने के बाद गहलोत सरकार कानून में बदलाव करेगी। इसमें भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्त सजा के प्रावधान किए जाएंगे। इसके बाद परीक्षाओं में पेपर लीक करने, नकल करने और नकल करवाने में सहयोग करने पर 7 साल की सजा का प्रावधान होगा। अब तक इस तरह के अपराध के लिए 3 साल की सजा का प्रावधान है। अब भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को संज्ञेय अपराध के साथ ही इसे गैर-जमानती अपराध की श्रेणी ygy में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग में यह फैसला लिया। ​​​​​

7 जिलों के 50 से ज्यादा सेंटरों तक पहुंचा, सवा करोड़ में लीक हुआ पेपर
आखिर रीट पेपर लीक मामले में जयपुर शिक्षा संकुल भी शक में दायरे में आ गया। SOG ने खुलासा किया कि पेपर यहीं के स्ट्रॉन्ग रूम से लीक हुआ था। मामले में भजनलाल की गिरफ्तारी के बाद रोज नए खुलासे हो रहे हैं और पेपर लीक के नए गुनाहगार सामने आ रहे हैं। अब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली और उनके मित्र डॉ. प्रदीप पाराशर भी शक के घेरे में हैं। इधर, REET परीक्षा पर विवाद गहराने के बाद पेपर रद्द होने की आशंकाएं गहराने लगी हैं। कई संगठन इस परीक्षा को रद्द करने और मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। ​​​​​​

डीपी जारौली
जारौली बोले- राजनीतिक संरक्षण में लीक हुआ पेपर
बर्खास्तगी के बाद जारौली ने कहा कि पेपर लीक कांड बिना राजनीतिक संरक्षण के पेपर लीक नहीं हो सकता। हालांकि बर्खास्तगी के फैसले पर उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे कुछ पता नहीं है। सरकार के फैसले के बाद जारौली मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जयपुर रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को जानकारी दूंगा। इधर, बर्खास्तगी का आदेश आने के बाद जारौली पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है…