जैन समाज की प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

 

बीकानेर। जैन महासभा द्वारा रविवार को आषीर्वाद भवन में जैन समाज की प्रतिभाओं का सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सम्मानित अतिथिगण डॉ. धनपत कोचर एवं विषिष्टि अतिथि डॉ. साधना जैन, महापौर नारायण चौपड़ा, नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका मंच पर उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता जैन महासभा के अध्यक्ष जयचन्दलाल डागा ने की। कार्यक्रम की विधिवत् शुरूआत मुख्य अतिथियों द्वारा भगवान महावीर स्वामी के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित करके हुई। कार्यक्रम का शुभारम्भ नमस्कार महामंत्र के उच्चारण व महिला मण्डल द्वारा मंगलाचरण के संगान से किया गया। कार्यक्रम के दौरान जैन महासभा, बीकानेर के अध्यक्ष जयचन्दलाल डागा ने स्वागत भाषण में सम्बोधित करते हुए कहा कि लगातार तीन वर्षों से जैन समाज की प्रतिभाओं का सम्मान किया जा रहा है। समाज की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए यह सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस तरह के सम्मान समारोह से प्रतिभाओं को प्रेरणा मिलती है। जैन समाज के प्रतिभाषाली बच्चों को उच्च स्थान प्राप्त हो यह हमारा लक्ष्य है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. धनपत जैन ने कहा कि जैन समाज अल्पसंख्यक होते हुए भी अग्रणी है। अभी युवा वर्ग शिक्षा के क्षेत्र में समाज का नाम रोशन कर रहे है लेकिन वह उचित मार्गदर्शन के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने परिजनों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों का मार्गदर्शक बने ताकि वे अपने भविष्य के लिए प्रेेरित हो। इससे समाज का नाम रोशन होगा।


विशिष्ट अतिथि डॉ. साधना जैन ने कहा कि जैन समाज की प्रतिभाओं का सम्मान करने से युवा विद्यार्थियों को आगे बढऩे का अवसर मिलेगा। आज ÓÓकॅरियर काउंसिलिंगÓÓ की आवश्यकता जैन समाज के युवावर्ग को देनी बहुत जरूरी हो गई है। इससे विद्यार्थियों में बौद्धिक विकास होगा जिससे छात्रवर्ग आजकल के व्हाट्सअप युनिवर्सिटी, इन्टरनेट युनिवर्सिटी से बाहर निकल सकता है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व महामंत्री जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि जैन महासभा का लक्ष्य है कि जैन समाज की प्रतिभाओं को तलाष कर तराषा जाए ताकि उन प्रतिभाओं को आगे बढऩे का अवसर मिले। छाजेड़ ने कहा कि जैन समाज में प्रतिभाओं की कमी नहीं है न ही षिक्षा की। जैन समाज में आज करीब 80 प्रतिषत लोग उच्च षिक्षित है लेकिन फिर भी आज जैन समाज आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसका कारण है प्रतिभाओं को उचित मार्ग दर्षन न मिलना। समाज की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में जैन समाज के भामाषाहों को आगे आना होगा। जिससे समाज की प्रतिभाओं का व्यक्तित्व विकास किया जा सके।


कार्यक्रम के संयोजक डॉ. पी.सी. तातेड़ ने बताया कि सम्मान समारोह के लिए जैन समाज के 124 आवेदन प्राप्त किये है। जिसमें निर्णायक कमेटी ने 108 फार्म का ही सलेक्षन किया गया। इन प्रतिभाओं में 10वीं, 12वीं, सी.ए., डॉक्टर, वकील के साथ-साथ खेल, सांस्कृतिक व अन्य गतिविधियों में भी श्रेष्ठतम रहने वाले जैन समाज के प्रतिभाओं का चयन किया गया। डॉ. तातेड़ ने कहा कि यह जैन समाज का प्रतिभाओं का सम्मान समारोह नहीं है बल्कि प्रतिभाओं का प्रेरित करने का मुख्य अवसर है।
कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि जैन समाज में प्रतिभाओं की कमी नहीं है कमी है तो केवल चयन करने की। आज जैन समाज आर्थिक व षिक्षा की दृष्टि से बहुत ही आगे बढ़ गया है। अनुषासन की दृष्टि से पहले नम्बर पर है लेकिन फिर भी अल्पसंख्यक की गिनती में आते हैं। हमें आगे बढऩे के लिए चिन्तन की बहुत आवष्यक है। महापौर चौपड़ा ने कहा कि षिक्षा के क्षेत्र में जैन समाज के विद्यार्थी सीए बनकर भी वह अपना व्यवसाय ही संभालते है। अपनी षिक्षा केवल मात्र व्यापार और गृहस्थी के अलावा अन्य कोई उपयोग नहीं लेते। जैन समाज को अब आगे बढ़कर राजनैतिक, प्रषासनिक स्तर पर आगे आना होगा।
नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका ने कहा कि जैन समाज को हर क्षेत्र जैसे षिक्षा, राजनैतिक, खेलकूद, कला-संस्कृति, गायन आदि में आगे बढऩे की जरूरत है। आज जैन समाज केवल कॉमर्स के अलावा किसी भी विषय में षिक्षा ग्रहण नहीं करते। हमें यह सोच बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि समाज के विद्यार्थी किसी भी विषय में कमजोर नहीं है बस उन्हें उचित मार्गदर्षन की जरूरत है।
प्रोफेसर टी.के. जैन ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जैन समाज का युवा जो भी बनेगा, जो भी करेगा वह हमेशा सर्वश्रेष्ठ होगा। युवावर्ग को जीवन में हमेशा सबसे पहले लक्ष्य निर्धारण करना चाहिए और इसमें उनके परिजनों को सहयोग होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज जैन समाज देष में नई ऊंच्चाइयों को छू रहा है। युवा अपने लक्ष्य का निर्धारण कर उसे सकारात्मक काम में अग्रसर करें तभी देश व समाज का नाम रोशन होगा। आर्थिक व षिक्षा की दृष्टि से जैन समाज हमेषा अग्रसर रहे यही मेरी कामना रहेगी।
सुरेन्द्र बद्धाणी ने जैन महासभा की गतिविधियों के बारे में बताते हुए कहा कि जैन महासभा सामाजिक क्षेत्र में अनेक कार्य करवाती रहती है। महावीर कल्याणक, 21 व्यंजन सीमा, तप अभिनन्दन, प्रतिभा सम्मारोह जैसे अनेक सामाजिक कार्यों में महासभा हमेशा अग्रणी रही है। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि सामाजिक, शिक्षा आदि क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की सहायता जैन महासभा करने के लिए हमेशा तैयार रहेगी। उन्होंने कहा कि सम्मान समारोह से प्रतिभाओं को आगे बढऩे की प्रेरणा मिलती है।
समारोह में डॉ. जी.सी. जैन, अमरचन्द सोनी, इन्द्रमल सुराणा, चम्पकमल सुराणा, विजय कोचर, विनोद बाफना, निर्मल धारीवाल, केशरीचन्द सेठिया, कन्हैयालाल बोथरा, निहालचन्द कोचर, हेमन्त सिंगी, जतन संचेती, कन्हैयालाल रामपुरिया, विनीत बोथरा आदि समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सम्मानित अतिथियों द्वारा जैन समाज की 108 प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह, पताका व माला पहनाकर सम्मान किया गया। प्रतिभाओं को उनके परिजनों के साथ मंच पर आमंत्रित करके सम्मानित करने से प्रतिभाओं का सीना गर्व से फूल रहा था। कार्यक्रम का सफल संचालन जैन लूणकरण छाजेड़ ने किया।(PB)