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900 करोड़ रुपये के किलोमीटर स्कीम घोटाले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए : हुड्डा

OmExpress News / हर्षित सैनी / रोहतक / पूर्व सांसद व कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हर साल रोडवेज के बेड़े में 1000 बसें जोड़ने का कोरा वादा करने वाली भाजपा सरकार ने किलोमीटर स्कीम घोटाले के जरिये 10 साल में 900 करोड़ रुपये का घपला करने का इंतजाम कर लिया था। Rohtak Hindi News

उन्होंने कहा कि अब हाईकोर्ट ने चोरी पकड़ ली तो मुख्यमंत्री सारा ठीकरा रोडवेज कर्मचारियों पर फोड़ना चाहते हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने लगातार इस घोटाले के बारे में आवाज़ उठाई लेकिन सरकार अपनी मनमानी करने में जुटी रही।

पूर्व सांसद ने कहा कि इस घोटाले में केवल परिवहन महकमें के अधिकारी ही नहीं बल्कि ऊपर तक के लोग शामिल हैं। अपनी गर्दन बचाने के लिए भाजपा सरकार घोटाले का ठीकरा रोडवेज कर्मचारियों पर फोड़ रही है। दीपेन्द्र ने मांग की है कि इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए।

आज रोहतक के कई कार्यक्रमों में शिरकत करने आए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किलोमीटर स्कीम के विरोध में पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में 18 दिन तक रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल की थी। यह रोडवेज की अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल थी और लगभग 2 लाख कर्मचारी इस योजना के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे। तब मुख्यमंत्री समेत भाजपा सरकार के अधिकांश मंत्री इस योजना को पारदर्शी और फायदेमंद बता कर जल्दबाजी में इसे लागू कराने को आतुर नजर आ रहे थे।

पूर्व कांग्रेसी सांसद ने कहा कि अब सच्चाई सामने आई तो पूरा प्रदेश देख रहा है कि आखिर ये जल्दबाजी किसके लिए फायदेमंद थी! उस समय भी सूबे की सरकार ने एस्मा आदि लगाकर दमनात्मक कार्रवाई करके रोडवेज कर्मचारियों की आवाज़ को दबा दिया था। उनका कहना था कि यदि यह घोटाला पकड़ में नहीं आता तो राज्य के खजाने को हर साल 90 करोड़ रुपए के हिसाब से करीब 900 करोड़ रुपए का चूना लग जाता,क्योंकि इस योजना के तहत निजी बस ऑपरेटरों से मिलीभगत करके 510 बसों के लिए 10 साल का अनुबंध किया गया था।

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दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस करके माना कि इस योजना के तहत 510 बसों की टेंडर प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताएं बरती गई और 510 निजी बसें हायर करने के रेट और बाद में 190 बसों के टेंडर के दौरान आए रेट में भारी अंतर है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के करीब है और यह सरकार दर्जनों घपले-घोटालों में घिरी हुई है। चाहे वह हरियाणा रोडवेज के करनाल, गुरुग्राम और पलवल डिपो में लाखों रुपये के फर्जी टिकट घोटाले की बात हो या फिर ओवरलोडिंग में अवैध वसूली की बात हो या फिर अवैध खनन से जुड़ी काली कमाई की बात हो।

इससे साफ है कि यह सरकार हरियाणा के खजाने को आपसी मिलीभगत कर लूटने में लगी हुई है और जांच के नाम पर पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी का ढोंग करने वाली सरकार का नकाब उतर गया है। सच्चाई हरियाणा की जनता के सामने उजागर हो गयी है।

पूर्व सांसद का कहना था कि भाजपा सरकार ने घपले-घोटाले इस कदर बढ़ चुके हैं कि इनके चलते रोडवेज खस्ताहाल हो गई है और सरकार ने इसे भीतर तक खोखला कर दिया है। पिछले करीब पांच वर्षों में इसके बेड़े में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। Rohtak Hindi News

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि निजी बस ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाने के लिये भाजपा सरकार प्रदेश के हितों की बलि चढ़ा रही है। लेकिन हरियाणा की जनता सब देख रही है और आने वाले विधानसभा चुनाव में पाई-पाई का हिसाब लेगी।

निजी बसें किराए पर देने के मामले में परिवहन मंत्री को पद से बर्खास्त करने की मांग

अनूप कुमार सैनी /  वामपंथी पार्टियों सीपीआई और सीपीआई (एम) की संयुक्त मीटिंग वरिष्ठ माकपा नेता इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में आज यहां स्थानीय जसबीर स्मारक में हुई इस मीटिंग में सीपीआई (एम) के सुरेंद्र सिंह, इंद्रजीत सिंह, वीरेंद्र मलिक और सीपीआई के दरियाव सिंह कश्यप और तिलक राज ने भाग लिया।

मीटिंग के बाद प्रेस के नाम जारी बयान में माकपा राज्य सचिव सुरेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों पार्टियों द्वारा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में दबंगों द्वारा 10 आदिवासियों को निर्ममता से कत्ल किए जाने की घोर निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ पीड़ित परिवार को 25-25 लाख रुपए मुआवजे की मांग की।

उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद दबंग गुंडा तत्वों के हौसले सातवें आसमान पर हैं और देश में हर रोज दलितों,आदिवासियों,अल्पसंख्यक, महिलाओं व गरीब लोगों पर हमले किए जा रहे हैं। ऐसी गुंडागर्दी की घटनाओं से भाजपा का जनविरोधी चरित्र पूरी तरह से बेनकाब हो जाता है।

माकपा के राज्य सचिव ने कहा कि वामपंथी पार्टियों ने नोट किया कि भाजपा की मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने पर देशी विदेशी बड़ी पूंजी को देश के प्राकृतिक संसाधन तथा रेलवे, बैंक बीमा, बी एस एन एल, हवाई अड्डे और नवरत्न सार्वजनिक संस्थान निजीकरण द्वारा लूट के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही उन्हें टैक्स में बड़ी बड़ी छूट दी जा रही है।

वहीं दूसरी ओर आम जनता पर पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाकर, मनरेगा, शिक्षा व स्वास्थ्य पर बजट कम करके व श्रम कानूनों में मालिक परस्त बदलाव करके नए-नए आर्थिक बोझ लादे जा रहे हैं। जीरो बजट प्राकृतिक खेती के नाम पर कृषि क्षेत्र में सरकारी निवेश को घटाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। सूचना का अधिकार कानून में भी नकारात्मक संशोधन किया गया है।

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में भी भाजपा सरकार बड़ी कॉर्पोरेट पूंजी को लाभ पहुंचाने के मॉडल पर ही चल रही है। सरकारी परिवहन में निजी बसें किराए पर लेने में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। गौरतलब है कि रोडवेज कर्मचारियों ने इसी मुद्दे पर बड़ा आंदोलन किया था। लेकिन सरकार ने अब स्वीकार किया है। Rohtak Hindi News

माकपा नेता ने कहा है कि यह इतना बड़ा घपला सरकार की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है। सरकार अभी भी निजी बसें किराए पर लेने की नीति से पीछे हटने को तैयार नहीं है। उन्होंने मांग की है कि इस घपले के लिए परिवहन मंत्री को पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। इसी प्रकार शिक्षा,स्वास्थ्य,समेत तमाम सार्वजनिक सेवाओं को भाजपा सरकार निजी पूंजी के हवाले करने की नीति पर चल रही है।

वामपंथी पार्टियों ने मांग की है कि सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को सरकार द्वारा नियमित भर्ती से भरा जाए तथा सिर्फ फार्म भरवा कर व अंतिम तिथि बदलकर बेरोजगार नौजवानों को भरमाए नही। सरकारी कर्मचारियों से मुख्यमंत्री की बातचीत भी सिर्फ लीपापोती ही है और कोई गंभीर मुद्दा हल नहीं किया गया है।

का. सुरेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल रहा है। अपहरण, फिरौती, हत्या, बलात्कार, नशाखोरी आदि रोजमर्रा की घटनाएं हो गई हैं, जिससे जनता में गहरी असुरक्षा व्यापत हो रही है।

मीटिंग में दोनों पार्टियों ने तय किया है कि आने वाले समय में प्रदेश की भाजपा सरकार की निजीकरण, सांप्रदायिक और जातिवादी धुर्वीकरण की नीतियों के खिलाफ रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने व आवास आदि के मुद्दों पर वैकल्पिक नीतियों के पक्ष में प्रदेश भर में संयुक्त अभियान चलाएंगे।

अनुबंधित कर्मचारी संगठन की कुलपति के साथ बैठक में कई मांगों पर बनी सहमति

हर्षित सैनी / रोहतक / पीजीआईएमएस अनुबंधित कर्मचारी संगठन की एक अहम बैठक आज इंटक यूनियन के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य महावीर मलिक की अध्यक्षता में पीजीआईएमएस के कुलपति डॉ. ओ.पी. कालरा के साथ हुई। जिसमें अनुबंधित कर्मचारियों के समक्ष आ रही समस्याओं एवं मांगों के बारे में पुरजोर पैरवी की गई।

बैठक में कुलपति ने कुछ मांगों को मानने तथा कुछ समस्याओं को सरकार के समक्ष रखने की बात कही। इस अवसर पर महावीर मलिक ने कहा कि अनुबंधित कर्मचारियों की मांगे प्रशासन जल्द पूरी करे। Rohtak Hindi News

प्रधान कलावती कांगड़ा ने बताया कि अनुबंधित कर्मचारी संगठन की ओर से पीजीआईएमएस के कुलपति डॉ. ओ.पी. कालरा को 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। जिसमें मांग की गई कि पीजीआईएमएस में कार्यरत सभी अनुबन्ध कर्मचारियों को आऊटसोर्सिंग पोलिसी पार्ट-1 के तहत आकस्मिक अवकाश, मैडिकल अवकाश तथा राजपत्रित अवकाश प्रदान किए जाएं।

उन्होंने मांग की है कि सभी कर्मचारियों को ड्रेस कोड के तहत कम्पनी से वर्दी मुहैया कराई जाए या भत्ता दिलवाया जाए। अनुबंधित कर्मचारियों का वेतन महीने की 7 तारीख तक कर्मचारियों के खातों में हस्तांतरित करवाया जाए। 2009 से 2016 तक का बढ़े हुए डीसी रेट के एरियर का भुगतान जल्द किया जाए, बिना किसी कारण से हटाए गए अनुबंधित कर्मचारियों को तुरन्त प्रभाव से काम पर वापिस लिया जाए आदि मांगे प्रमुख रूप से थी।

कलावती कांगड़ा के अनुसार कुलपति ओ.पी. कालरा ने संगठन के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि 10 मैडिकल लीव, 7 कैजुअल लीव व राजपत्रित छुट्टियों का लाभ अनुबंध कर्मचारियों को हरियाणा सरकार की हिदायत अनुसार दिया जाएगा। इसके अलावा वेतन को 10 तारीख तक हर कर्मचारियों के खातों में डलवाना सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 26 जुलाई को सभी कम्पनी प्रबन्धन की बैठक होगी और उसमें सभी कम्पनियों को सख्त हिदायत दी जाएगी कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 10 तारीख से पहले वेतन देना सुनिश्चित करें वरना कंपनी पर 2 प्रतिशित प्रतिदिन के हिसाब से कुल वेतन का जुर्माना लगाया जाएगा। हटाए गए कर्मचारियों किस कर्मचारी को किस कंपनी ने कब हटाया है, उसका डाटा तैयार करके एक सप्ताह के अंदर तैयार करवाया जाएगा।

कलावती कांगड़ा ने बताया कि नगर निगम के अनुबंधित कर्मचारियों की तर्ज पर वेतन के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा। हरियाणा सरकार की हिदायतों के अनुसार यदि कोई कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रित को उचित मुआवजा दिया जाएगा और उसके एक आश्रित को अनुबंधित आधार पर संस्थान में सेवा पर लिया जाएगा। Rohtak Hindi News

इससे पूर्व सभी पदाधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए यूथ इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गाबा ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें काफी समय से लम्बित हैं। इन मांगों को लेकर आज एक प्रतिनिधिमंडल संजय गाबा की अध्यक्षता में उप श्रम आयुक्त के कार्यालय में मिला तथा सभी मांगों पर चर्चा करने के बाद उप श्रम आयुक्त ने आश्वासन दिया कि यदि समय रहते पीजीआई प्रशासन इन कर्मचारियों की मांगों को लागू नहीं करता तो श्रम विभाग इस पर कार्यवाही करेगा और अनुबंधित कर्मचारियों को न्याय प्रदान करेगा।

बैठक में मुख्य रूप से प्रधान कलावती कांगड़ा, सचिव अजमेर, उपप्रधान जितेन्द्र, जयभगवान, कोषाध्यक्ष सतीश बोहत, यूथ इंटक के राष्ट्रीय सचिव रामकर्ण हुड्डा, आशा, राजबीर, गीता, सुशीला, अनीता, रमेश आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।