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आईएसओ चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली के सभी कॉलेज/यूनिवर्सिटीज में 5 से 20 सितम्बर तक चलाएगी सदस्यता अभियान : चौटाला

OmExpress News / अनूप कुमार सैनी / रोहतक / इंडियन नेशनल लोकदल के छात्र संगठन आईएसओ के राष्ट्रीय प्रभारी अर्जुन चौटाला ने यहां जारी एक बयान में कहा कि आईएसओ चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली के सभी कॉलेज/यूनिवर्सिटीज में 5 से 20 सितम्बर तक सदस्यता अभियान चलाएगी। Rohtak News 4 September

उन्होंने बताया कि आईएसओ में ज्यादा से ज्यादा छात्रों को जोड़ कर संगठन को और ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा। इस बारे आईएसओ नेताओं ने चंडीगढ़ में होने वाले छात्र चुनावों को लेकर आईएसओ प्रदेशाध्यक्ष रामबीर बडाला के साथ मीटिंग कर चुनाव बारे विशेष चर्चा की। बैठक में हरियाणा सरकार से जल्द ही हरियाणा में आगामी छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष रूप से ही करवाने की मांग की गई। उनका कहना था कि अगर सरकार ने छात्र संघ के चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाने का प्रयास किया तो इनेलो छात्र संगठन इन चुनावों का कड़ा विरोध करेगा।

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प्रदेशाध्यक्ष रामबीर बडाला ने राष्ट्रीय प्रभारी से सलाह मश्विरा कर एडवोकेट रमन ढाका और अरविंद गोस्वामी को संगठन का प्रवक्ता नियुक्त किया है। उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह इस संगठन के लिए जिला कार्यकारिणी का भी गठन किया जाएगा। Rohtak News 4 September

हुड्डा के सामने झुका कांग्रेस आलाकमान, चुनाव कमेटी और विधायक दल की कमान दी, शैलजा बनीं अध्यक्ष

हर्षित सैनी / कांग्रेस के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले हरियाणा के पूर्व सीएम और दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने पार्टी झुक गई है। हुड्डा की मांग को मानते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक तवंर को प्रदेशाध्यक्ष से पद से हटा दिया है। इसके साथ ही पार्टी आलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। हालांकि राज्य में अध्यक्ष पद की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के हाथ में दी गई है। Rohtak News 4 September

यह घोषणा कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने की। उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस की नई अध्‍यक्ष होंगी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव कमेटी के प्रधान और कांग्रेस विधायक दल के नेता होेंगे। इसके साथ ही हुडडा हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष भी होंगे। इससे पहले बुधवार को दोपहर बाद हुड्डा की सोनिया गांधी के साथ बैठक हुई। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। इसके बाद हरियाणा कांग्रेस में बदलाव का ऐलान किया गया।

जानकारी के अनुसार हुड्डा और सोनिया गांधी की मुलाकात नई दिल्‍ली में दस जनपथ पर हुई। इस दौरान हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद सहित कई वरिष्‍ठ नेता भी मौजूद थे। बता दें कि कुमारी सैलजा कांग्रेस के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व की करीबी मानी जाती हैं। पार्टी ने राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव के दौरान उनको वहां की अहम जिम्‍मेदारी दी थी। Rohtak News 4 September

कांग्रेस के इस कदम से पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष अशोक तंवर को कड़ा झटका लगा है। हुड्डा खेमा किसी भी कीमत पर तंवर को हटाना चाहता था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसके लिए आलाकमान पर काफी समय से दबाव बना रहे थे। उन्‍होंने इसके लिए बागी तेवर भी दिखाए थे। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि पार्टी में कुछ कार्यकारी अध्‍यक्ष भी हो सकते हैं। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता कुलदीप बिश्‍नोई, अजय सिंह यादव और किरण चौधरी को भी अहम जिम्‍मेदारी दिए जाने की संभावना है।

हरियाणा में लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य पार्टी अध्यक्ष अशोक तवंर के खिलाफ मोर्चा खोल कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी थी। कुछ दिन पहले हुड्डा ने रोहतक में एक रैली करते हुए पार्टी में बने रहने और छोड़ने को लेकर एक कमेटी बनाई थी। हुड्डा ने इस रैली में पार्टी के कश्मीर पर लिए गए स्टैंड का भी विरोध किया था।  Rohtak News 4 September

हुड्डा चाहते थे कि तंवर को हटाकर उनको हरियाणा कांग्रेस की कमान दे दी जाए। कांग्रेस आलाकमान ने हुड्ड की मांग नहीं मानी तो उन्‍होंने बागी तेवर भी दिखाए और 18 अगस्‍त को राेहतक में महा परिवर्तन रैली की कांग्रेस से अलग राह अपनाने के भी संकेत दिए थे।

हुड्डा और अशोक तवंर के बीच पिछले काफी वक्त से लड़ाई चल रही थी। अशोक तवंर को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और हुड्डा समर्थक लगातार अपनी अनदेखी होने का आरोप लगा रहे थे। अशोक तवंर को 2014 लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी की कमान दी गई थी लेकिन उसके बाद वह एक भी चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए।

दो महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में अशोक तवंर को पद से हटाया जाना हुड्डा के लिए पार्टी के भीतर किसी बड़ी जीत से कम नहीं है। चुनावी प्रबंधन समिति की कमान मिलने से भी साफ है कि विधानसभा चुनाव को लेकर हुड्डा की भूमिका काफी अहम होने वाली है। विधायक दल के नेता के तौर पर हुड्डा किरण चौधरी की जगह लेंगे।

मुश्किल दौर से गुजर रही है कांग्रेस

इस फैसले के बाद भी राज्य में कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और कांग्रेस के पास सिर्फ 17 विधायक हैं। इसके अलावा भी पार्टी के अंदर की गुटबाजी समय-समय पर दिखाई देती रहती है। हुड्डा खेमा राज्य में सबसे मजबूत नज़र आता है। जब उन्होंने बगावती तेवर अख्तियार किए, उस वक्त 13 विधायक और कई पूर्व मंत्री उनके साथ थे। Rohtak News 4 September

हुड्डा के अलावा राज्य में शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी, अशोक तवंर बड़े चेहरे हैं. ये सभी चेहरे एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी को सभी 10 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें हुड्डा और शैलजा भी शामिल थे।

नई शिक्षा नीति पूरी तरह से छात्र विरोधी और छात्रों के हक में नहीं : सुरेन्द्र

नई शिक्षा नीति पूरी तरह से छात्र विरोधी और छात्रों के हक में नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना है। आज जो फीस है, उसमें कॉलेजों में बच्चे मुश्किल से पढ़ पाते हैं। अगर कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू होगी तो फीस कई फीसदी तक बढ़ेगी, जिससे बहुत अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। यह कहना था एसएफआई के राज्य सचिव सुरेंद्र का। वे आज पंड़ित नेकीराम शर्मा महाविद्यालय में एसएफआई द्वारा नई शिक्षा नीति पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।

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उनका कहना था कि अगर नई शिक्षा नीति को देखा जाए तो यह शिक्षा पर एक जोरदार हमला है। इसमें शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। सरकार नई शिक्षा नीति के नाम पर कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है, जिससे न केवल देश की शिक्षा प्रभावित होगी बल्कि देश का भविष्य भी प्रभावित होगा। Rohtak News 4 September

एसएफआई कॉलेज सचिव मोहित ने बताया कि आज पंड़ित नेकीराम शर्मा महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति को लेकर सेमिनार किया गया, जिसमें लगभग 40 से 50 के करीब विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और इस सेमिनार में मुख्य वक्ता एसएफआई के राज्य सचिव सुरेंद्र मौजूद थे।

छात्र नेता अनूप ने बताया कि केंद्र सरकार को छात्रों के हक की नीति बनानी चाहिए और उन्हें लागू करना चाहिए। छात्र नेता रिशु ने बताया कि एसएफआई नई शिक्षा नीति का बहिष्कार करती है और आगे आने वाले समय में एसएफआई नई शिक्षा नीति को लेकर एक बड़ा आंदोलन पूरे देश में खड़ा करेगी।

इस सेमिनार में छात्र नेता रिशु, अंजलि, इंदु, प्रीति, हिमांशी, कीर्ति, सुशील, सुमित, रवि, अनुज, अनूप, अरुण आदि मौजूद थे।