एसकेआरएयू: राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न
बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत ‘किसानों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के लिए कृषि में उद्यमशीलता तथा नवाचार’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का बुधवार को सम्पन्न हुई। दो दिनों तक आयोजित विभिन्न सत्रों में देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों, विद्यार्थियों एवं युवा उद्यमियों ने कृषि क्षेत्र में उद्यमशीलता और नवाचारों की संभावनाओं का मंथन किया।
समापन सत्र विश्वविद्यालय के इनडोर स्टेडियम में आयोजित हुआ। सत्र के मुख्य अतिथि केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. पी. एल. सरोज ने कहा कि कृषि क्षेत्र के युवा एंटरप्रेन्योरर ‘टीम भावना’ के साथ कार्य करें, जिससे कृषि और किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक चिंतन की आवश्यकता जताई। अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक, विद्यार्थी तथा किसान एक मंच पर बैठकर वैचारिक आदान-प्रदान कर सकें, ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होने चाहिए। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. आर. के. सावल ने कहा कि युवा उद्यमी, उत्पादों के मूल्य संवर्धन तथा मार्केटिंग की दिशा में योजना बनाएं तथा क्रियान्वयन करें।
राजुवास के पूर्व कुलपति प्रो. ए. के. गहलोतन ने मरूस्थलीय क्षेत्र में दूध, उद्यानिकी, वनस्पतीय औषधियों, ऊन आदि में औद्योगिक नवाचारों की संभावनाओं के बारे में बताया। इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन के साथ सत्र की शुरूआत की। दो दिनों तक आयोजित विभिन्न सत्रों के बारे में समीक्षात्मक टिप्पणियां विशेषज्ञों प्रस्तुत की गई। डॉ. मंजू कंवर राठौड़ ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस दौरान सर्वश्रेष्ठ पत्रवाचन तथा पोस्टर के लिए पुरस्कार दिए गए। कृषि महाविद्यालय के तृतीय वर्ष के छात्रों द्वारा प्रारम्भ उद्यम ‘गार्डनिकाÓ को ‘बेस्ट एंटरप्रेन्योरÓ पुरस्कार दिया गया। डॉ. नरेन्द्र पारीक ने आभार जताया।
इस दौरान आयोजन सचिव प्रो. एन. के. शर्मा तथा समन्वयक डॉ. आई. पी. सिंह भी बतौर अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चित्रा हैनरी और डॉ. ममता सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. संजिता शर्मा सहित डीन-डायरेक्टर, स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।