एसकेआरएयू ने मनाया 33वां स्थापना दिवस, प्रो. नाग की स्मृति में व्याख्यान आयोजित

बीकानेर, 1 अगस्त। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का 33वां स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को विश्वविद्यालय के इनडोर स्टेडियम में आयोजित हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो. के. एन. नाग की स्मृति में प्रथम व्याख्यानमाला रखी गई। इसके मुख्य वक्ता भारत सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एस. एस. आचार्य थे।

प्रो. आचार्य ने कहा कि आजादी से आज तक देश के कृषि परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है। आज कृषि क्षेत्र तथा उत्पादन बढ़ा है। वन्यक्षेत्र में भी वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार नीतियां बनाई गई तथा इनका क्रियान्वयन हुआ, जो कृषिक्षेत्र के लिए लाभदायक सिद्ध हुई। उन्होंने कृषि क्षेत्र में आए बदलाव, संसाधनों, मांग एवं आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा, समर्थन मूल्य सहित विभिन्न बिंदुओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थापक कुलपति प्रो. नाग की स्मृति में प्रारम्भ की गई इस श्रृंखला को कृषि विद्यार्थियों के लिए लाभदायक बताया। साथ ही विश्वविद्यालय के विकास में प्रो. नाग के योगदान को अविस्मरणीय बताया।


समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय, प्रदेश के मानचित्र पर मुकुट के समान है। यहां से 13 हजार विद्यार्थी स्नातक, 4 हजार से अधिक अधिस्नातक तथा 832 पीएचइडी की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं तथा ये विद्यार्थी देश-विदेश में विश्वविद्यालय की पताका फहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा मोठ, ग्वार, चना और खजूर पर किए जा रहे अनुसंधान पर पूरे देश की नजर है। यहां अत्याधुनिक फार्म मशीनरी केन्द्र है तथा झुंझुनूं के कृषि विज्ञान केन्द्र की प्रदर्शन क्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।

प्रो. शर्मा ने कहा कि आज कृषि शिक्षा को व्यावसायिक डिग्री का दर्जा मिल गया है। इससे कृषि विद्यार्थियों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। अब विद्यार्थियों को न सिर्फ कृषि एवं कृषक कल्याण के बारे में गंभीरतापूर्वक सोचना पड़ेगा बल्कि कृषि उद्यम क्षेत्र में नवाचार भी करने होंगे।
इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह की शुरूआत की। समारोह संयोजक तथा छात्र कल्याण निदेशक प्रो. वीर सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा की पहल पर पहली बार विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति की स्मृति में व्याख्यानमाला आयोजित की गई है। वहीं पहली बार विश्वविद्यालय की समस्त इकाईयों में स्थापना दिवस मनाया गया है।


ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के संगठन सचिव गोविंद शर्मा ने स्वामी केशवानंद के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी केशवानंद का समूचा जीवन शिक्षा के विकास को समर्पित रहा। उन्होंने गांव-गांव में स्कूल, पुस्तकालय एवं समाज सेवा केन्द्र खुलवाए। सरकार द्वारा विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर किया गया, यह उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एस. पी. पुरोहित ने प्रो. एन. के. नाग के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। कुलसचिव प्रो. राजेश शर्मा ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बृजेन्द्र त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर एसकेआरएयू, राजूवास तथा आईसीएआर संस्थानों के अधिकारी, अशैक्षणिक कार्मिक तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।


खजूर अनुसंधान केन्द्र की गतिविधियों को सराहा
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एस. एस. आचार्य ने विश्वविद्यालय के खजूर अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान की जा रही खजूर की 34 किस्मों की जानकारी ली तथा केन्द्र की गतिविधियों को सराहा। उन्होंने खजूर के मूल्य संवर्धित उत्पादों के बारे में किसानों को प्रेरित करने का सुझाव दिया। अनुसंधान निदेशक प्रो. एस. एल. गोदारा ने बताया कि इस बार केन्द्र पर खजूर की बम्पर पैदावार हुई है। इस दौरान डॉ. एस. पी. पुरोहित, डॉ. रामधन जाट, डॉ. पी. एस. शेखावत, डॉ. ए. आर. नकवी, डॉ. राजेन्द्र सिंह राठौड़ आदि मौजूद रहे। डॉ. आचार्य ने कृषि अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन भी किया।

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