बीकानेर । यहां दो दिन पूर्व हुए साम्प्रदायिक विवाद को लेकर रविवार को भी बाजार एवं गलियां सुनसान रही। हर कोई अपने-अपने घरों में दुबका हुआ था। इस हालात के चलते पुलिस ने भी कस्बे में पूरी दहशत का माहौल कर दिया। किसी को भी घरों से निकलने तक नहीं दिया और न ही सुबह दूध की आपूर्ति होने दी। यहां तक कि घरों में अखबार भी नहीं बांटने दिए। इस बन्द के चलते बाहर से आने वाले यात्रियों एवं मरीजों को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ लोग रेलवे की टिकट होने के बाद भी यात्रा नहीं कर पाए। अस्पतालों में दिखाने आए रोगियों को भी पुलिस ने नहीं बक्शा और उनके साथ मारपीट की।
हालांकि दिन भर कस्बे का माहौल शांति पूर्ण रहा, लेकिन पुलिस की दशहत के कारण बाजार से काफी दूर बसे लोग भी घरों से बाहर नही निकले। पुलिस द्वारा कस्बे की गलियों में लाउड स्पीकर द्वारा घर से बाहर नही निकलने की चेतावनी से लोग सहमे व भयभीत रहे। यहां कस्बे में सुबह से ही मौहल्लों की हर गलियों में घरों से बाहर नही निकलने की चेतावनी पुलिस द्वारा शुरू हो गई। इसके चलते घरों में दूध नही पहुंचने से लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। इससे छोटे बच्चों को काफी परेशानी भोगनी पड़ी। चप्पे-चप्पे पर खड़ी पुलिस ने लोगों को एक दूसरे के घरों तक नही जाने दिया। वहीं अपने ही घरों के आगे खड़े लोगों को घर के अन्दर ही दुबकने को मजबूर कर दिया। लोग अपने घरों के दरवाजे भी नहीं खोल सके। अस्पतालों में मरीजों को भी बाहर भगा दिया। पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से लोगों में भारी रोष बना रहा।
गौरतलब रहे की शुक्रवार रात कों डीजे के साथ पैदल जा रहे सालासर पैदल यात्रियों के साथ विवाद हो जाने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई। इसको लेकर स्टेशन रोड पर दो समुदायों के लोग एकत्रित हो गए। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और फ्लैग मार्च किया। उप अधीक्षक बनेसिंह एवं थानाधिकारी निकेत पारीक भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।
तहसील क्षेत्र के गुसांईसर बड़ा गांव से पैदल रवाना हुआ सालासर संघ शुक्रवार रात को करीब साढ़े नौ बजे एक धार्मिक स्थल के पास से गुजरा तो संघ के साथ जा रहे डीजे को दूसरे पक्ष के लोगों ने बन्द करने को कहा।
बाद में पैदल यात्रा में शामिल दो-तीन जनों के साथ दूसरे पक्ष के युवकों ने लाठियों से मारपीट करनी शुरू कर दी। इससे एक जने के चोटे भी आई है। जिसको यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाया गया। इस विवाद को देख दोनों पक्षों के लोग अपने अपने घरों से बाहर आ गए और सड़क पर एकत्रित हो गए।