बीकानेर। आज के प्रतिस्पर्धी युग में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो अपने कौशल में निरंतर कुशलता भी लानी होगी। इसके लिए हमें अपने लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में निरंतर कर्मशील रहना होगा। ये उद्बोधन डॉ.श्रीलाल मेाहता, अध्यक्ष, बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति, बीकानेर ने बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति द्वारा संचालित किए जा रहे आशुलिपि (शौर्टहैण्ड) प्रशिक्षण के प्रमाण-पत्रा वितरण एवं नए बैच के शुभारंभ समारोह के अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवद्र्धन करते हुए व्यक्त किए।
डॉ. मोहता ने कहा कि आज की युवा शक्ति अपने कैरियर निर्माण के प्रति बहुत जागरूक है, लेकिन सफलता उसी को मिलती है जो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर नया सीखता रहता है। समारोह के मुख्य अतिथि श्री शैलेन्द्र देवड़ा, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, शहर, बीकानेर ने कहा कि सफलता प्राप्ति की राह में निरंतर परिश्रम करना पड़ेगा। सफलता के लिए परिश्रम का कोई शॉर्टकट या अन्य विकल्प नहीं होता। वर्तमान की मांग को देखते हमें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें मल्टीस्किल बनना होगा। इसलिए संकल्पित मन और समर्पित भाव से प्रशिक्षण प्राप्त करें। समारोह में समिति के मानद सचिव डॉ. ओम कुवेरा ने अपनी बात में कहा कि सफलता के दो मुख्य आधार होते हैं एक अपने क्षेत्रा में सर्वश्रेष्ठ बनना और दूसरा मन,कर्म और वचन में आध्यात्मिक शुद्धता रखना। कार्यक्रम के प्रारंभ में आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था के व्यवस्था सचिव श्री अविनाश भार्गव ने समिति की कार्यगतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि हमें शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल प्राप्त करना होगा।(PB)