बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की नर्सरी में लगभग सवा लाख पौधे विक्रय के लिए तैयार हैं। यह पौधे आमजन को उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
भू-सदृश्यता एवं राजस्व सृजन निदेशालय के निदेशक प्रो. सुभाष चंद्र ने बताया कि नर्सरी में 40 हजार फलदार, 60 हजार छायादार, 20 हजार अलंकृत तथा लगभग 2 हजार 500 औषधीय पौधे तैयार किए गए हैं।

यह पौधे बागवानी विशेषज्ञों की देखरेख में तैयार किए गए हैं। कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा के निर्देशानुसार इन विशेषज्ञों द्वारा किसानों और बागवानी में रूचि रखने वालों को उचित सलाह, खाद व उर्वरक प्रबंधन तथा जल बचत के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन व इसके उचित इस्तेमाल के बारे में बताया जा रहा है।

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तैयार हैं यह पौधे
बागवानी सलाहकार प्रो. इंद्रमोहन वर्मा ने बताया कि फलदार पौधों में नींबू, बेर, खेजड़ी, अनार, पपीता, फालसा, जामुन एवं अंगूर के पौधे तैयार हैं। वहीं छायादार पौधों में विश्वविद्यालय द्वारा नीम, शीशम, शहतूत तथा अलंकृत पौधों में अशोक, बकायन, अरोकेरिया, चायना पाम, क्लोरोडेनडोरन, बोगनविला, क्रोटोन, गुड़हल तथा मोगरा के पौधे तैयार किए गए हैं। वहीं आमजन नर्सरी से अश्वगंधा, निरगुंदी, तुलसी, वज्रदंती तथा अर्जुन जैसे पौधे भी प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि जहां पानी की ज्यादा कमी हो तथा भूमि लवणीय या क्षारीय हो तो वहां 50 से 80 प्रतिशत पानी की बचत के लिए घड़ा सिंचाई पद्धति उपयोग में ली जानी चाहिए।