बाड़मेर । तप और त्याग की महान भूमि बाड़मेर में आयोजित हो रहे पांच दिवसीय मंगलकारी दीक्षा महोत्सव में गुरूवार को अचलगच्छाधिपति प.पू. आचार्य भगवन्त तपस्वी रत्न गुणोदयसागर सूरिश्वर म.सा., आचार्य भगवन्त कलाप्रभसागर सूरिश्वर म.सा., आचार्य भगवन्त वीरभद्रसागर सूरिश्वर म.सा. आदि साधु-साध्वी भगवन्तों की पावन निश्रा में तपवधावणा, पूज्य कला-कवि-वीर सूरि संयम सुवर्ण वर्ष निमित संयमवधावणा, जीव-दया-कल्याण कार्यक्रम, वर्धमान शक्रस्तव महाभिषेक, केसर रंगोत्सव का भव्य व रंगारंग कार्यक्रम गुरूवार को सम्पन्न हुआ ।
प्रचार संयोजक मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि बाड़मेर की धर्म-धरा के लाल मुमुक्षु मनोज श्रीश्रीमाल की भगवती दीक्षा निमित हो रहे पांच दिवसीय दीक्षा महोत्सव में गुरूवार को प्रात: में गोलेच्छा-डूंगरवाल मैदान में अचलगच्छाधिपति प.पू. आचार्य भगवन्त तपस्वी रत्न गुणोदयसागर सूरिश्वर म.सा.के तपश्चर्या निमित तपवधावणा, पूज्य कला-कवि-वीर सूरि संयम सुवर्ण वर्ष निमित संयमवधावणा, जीव-दया-कल्याण कार्यक्रम, वर्धमान शक्रस्तव महाभिषेक, केसर रंगोत्सव का भव्य व रंगारंग कार्यक्रम का संगीत की सुमधुर लहरियों पर आयोजन हुआ ।
इस दौरान वकील नेमीचन्द वड़ेरा परिवार ने गुरूदेव अचलगच्छाधिपति प.पू. आचार्य भगवन्त तपस्वी रत्न गुणोदयसागर सूरिश्वर म.सा. की सोने की मोहरों ने नवांगी पूजा कर गुरूभक्ति का लाभ लिया । वहीं इस दौरान गुरू भगवन्तो के तपवधावणा व संयमवधावणा में बड़ी संख्या में गुरूभक्तों ने लाभ लेते हुए गुरूपूजन किया । कार्यक्रम में गुरूदेव अचलगच्छाधिपति प.पू. आचार्य भगवन्त तपस्वी रत्न गुणोदयसागर सूरिश्वर म.सा. ने आनन्द भाव में कहा कि धरा पर गुरू भगवान का साक्षात् रूप है । जो हमें संसार के त्रि:दुखों से पार लगाकर मुक्ति का पथ प्रशस्त करता है ।
महोत्सव समिति के संयोजक बाबुलाल श्रीश्रीमाल ने बताया कि कार्यक्रम में मुमुक्षु मनोज श्रीश्रीमाल के नूतन वस्त्रों को केसर से रंगने को लेकर रंगोत्सव का आयोजन हुआ । जिसमें मुमुक्षु मनोज श्रीश्रीमाल के नूतन वस्त्रों को केसर से भव्यता के साथ रंगा गया । मुमुक्षु मनोज श्रीश्रीमाल के रंगोत्सव में जैन समाज की बालिकाओं एवं नन्हें-मुन्हें बच्चों ने जहां एक से बढ़कर एक सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किए वहीं सुप्रसिद्ध संगीतकार विनीत गेमावत एण्ड पार्टी ने भी हर्ष और उल्लास के गीतों का सुन्दर प्रस्तुतिकरण किया ।
महोत्सव समिति के संयोजक बाबुलाल श्रीश्रीमाल ने बताया कि इसी कड़ी में जीव-दया-कल्याण कार्यक्रम के तहत् मुमुक्षु को सिक्कों, गुड़ एवं मिश्री से मौला गया । जिसमें जैन समाज के लोगों ने श्रद्धा अनुसार योग करते हुए मुमुक्षु का बहुमान किया । वहीं इस क्रम में वर्धमान शक्रस्तव महाभिषेक आदि रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ । गोलेच्छा-डूंगरवाल मैदान में दीक्षा निमित आयोजित उत्सव में सैंकड़ों की संख्या में जैन समाज की महिलाओं, बालिकाओं एवं भाई-बन्धुओं ने भाग लिया । गुरूवार के भव्य व रंगारंग महोत्स्व में जैन समाज के गणमान्य नागरिकों, माताओं-बहिनों के उत्साह व संख्या को देखते हुए एक बारगी गोलेच्छा-डूंगरवाल मैदान छोटा लगने लगा ।