बाड़मेर। खरतरगच्छ की राजधानी बाड़मेर नगर की धन्यधारा पर परम पूज्य गणाधीश पन्यास प्रवर विनयकुशलमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी बाड़मेर द्वारा आयोजित अद्वितीय वर्षावास 2019 के अंतर्गत पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व में कल्पसूत्र वांचन के तहत भगवान महावीर स्वामी का जन्म वांचन गणाधीश भगवंत के मुखारविंद से किया गया।
परम पूज्य गणाधीश पन्यास प्रवर विनयकुशलमुनिजी म.सा. ने स्थानीय जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में उपस्थित अपार जनभेदनी के समक्ष जन्म वांचन करते हुए ओर भगवान महावीर का जन्म की विशेषताएँ बताते हुए कहा कि परमात्मा के जन्म के समय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य तथा बुध दोनों कभी भी एक साथ उच्च स्थान में नहीं हो सकते, किंतु विश्व के समस्त जीवों के प्रति करुणा के प्रभाव से भगवान के जन्म समय यह चमत्कार होता है कि वेदनीय कर्मों के उदय के प्रभाव से नारकी के जीव को कभी शाता का अनुभव नहीं होता, किंतु प्रभुजी के जन्म के प्रभाव से इन जीवों को क्षणमात्र के लिए परम साता का अनुभव होता है।
शुभ लग्न बेला जब सात ग्रह उच्च स्थान पर आ जाते है एवं जब सब जीव सुख में मग्न थे और जब समस्त दिशाएं दिग्दाहादि दोषों से रहित होकर निर्मल हुई तब, एवं जब प्रदक्षिणावर्त, सुगंधित ओर पृथ्वी की तरफ फैलता पवन शीतल मन्द मन्द लहरों से अनुकूल बहने लगा, जब धूलिकण बैठ जाने के कारण दिशाएं अंधकार रहित बनीं, क्योंकि भगवान के जन्म के समय सर्वत्र उद्योत होता है। कौए, उल्लूक, श्याम चिडिय़ाँ इत्यादि पक्षियों का जयघोष सर्वत्र अति उत्तम शगुन का सूचक करने लगे, पृथ्वी धन धान्य से निष्पन्न थी, जिससे देश के लोग सुखी थे और हर्षित हुए लोग प्रसन्न होकर रास-गीत इत्यादि आनन्द मना रहे थे, तब ठीक मध्यरात्रि के समय उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में चंद्र का योग हुआ तब आरोग्य से युक्त त्रिशला माता ने भगवान महावीर को जन्म दिया।
गुरु मुख से जन्म वांचन सुनकर उपस्थित हर्षोल्लास व उमंग के साथ नाचने-झूमने लगे और परमात्मा को स्वर्ण ओर रजत के अक्षत व नारियल से बधाया गया व जन्म वांचन की खुशी में साधर्मिक भाइयों व बहनो का मुंह मीठा करवाया गया। इस दौरान भगवान महावीर स्वामी को श्रीफल के रूप में चांदी के पालने में विराजमान कर महिलाओं द्वारा हालरिया गायन करते हुए प्रभु को झूला झुलाया। कार्यक्रम में माता त्रिशला महारानी ने जो 14 स्वप्न देखे उसे लाभार्थी परिवार द्वारा उतारा गया। इसके बाद स्वप्नों की बोली लगा, माला पहना उनकी पधरावनी की गई। बालिका मंडल की बालिकाओं द्वारा चोदह स्वप्न पर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। साथ ही जैन सकल संघ की ओर से उनका अक्षत द्वारा वधामणा भी किया गया।
खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के बाबूलाल धारीवाल व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि पर्वाधिराज पर्युषण पर्व की आराधना के अन्तर्गत शुक्रवार को कल्पसूत्र की वांचन के साथ स्वप्नावतरण व भगवान महावीर जन्म वांचन किया गया। परमात्मा का पालना जी घर पर ले जाकर भक्ति आदि करवाने का लाभ रमेश कुमार मुल्तानमल पारख परिवार ने लिया। जन्म वांचन के पश्चात पालना जी को सकल संघ के साथ गाजते-बाजते पारख परिवार के निवास स्थान पर ले जाया गया। रात्रि पालना के लाभार्थी परिवार के पालना जी की भक्ति का आयोजन किया गया। वं चैत्य परिपाटी के तहत खागल मौहल्ला स्थित गौडी पाश्र्वनाथ जिनालय के चतुर्विध संघ के साथ दर्शन किए जायेगें तत्पश्चात् वही पर भक्तामर का पाठ होगा।
परमात्मा की की गई भव्य अंगरचना- दोपहर में आराधना भवन में परमात्मा की भव्य अंगरचना की गई जिसमें सुरेश संखलेचा, अंकित बोथरा, भूरेश बोथरा, मोनिका भंसाली, दीपिका मालू, चेतना मालू, करिश्मा सिंघवी, लक्ष्मी मालू, अशोक संखलेचा ‘भूणिया, उदय गुरूजी, चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने सहयोग दिया महोपाध्याय देवचन्द्रजी महाराज की स्र्वगारोहण दिवस मनाया गया- गणाधीश पन्यास प्रवर विनयकुशलमुनिजी म.सा. ने महोपाध्याय देवचन्द्रजी महाराज की 264वीं पुण्यतिथि निमित गुणानुवाद करते हुए उनके जीवन चरित्र से संबंधित जानकारी दी।