नोखा। नोखा के समीप सीलवा मूलवास में गौ सेवी पदमाराम कुलरिया की ढाणी पदम पैलेस में पिछले तीन दिनो से चल रही श्रीराम कथा में सोमवार को योग गुरू बाबा रामदेव जी महाराज यहां पंहुचे और कथा पांडाल में हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को योग के गुरू सिखाए और कहा प्रतिदिन सुबह योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है साथ ही आयु की वृद्धि होती है। बाबा रामदेव ने कहा कि भगवान राम, कृष्ण, सीता व हनुमान भी योगी थे इसलिए हम सब योगियों की संतान है तो हमेशा योग करने का यहां रामकथा के पांडाल में प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा मनुष्य को अपनी मर्यादा नहीं छोडऩी चाहिए मार्यादाओं पर अतिक्रमण नही करने देना चाहिए। उन्होंने माता सीता जी द्वारा मर्यादा छोडऩे का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने लक्ष्मण रेखा पार की उसका परिणाम युद्ध हुआ। इसलिए अपनी मार्यादाओं को कभी नहीं छोडऩा चाहिए।

बाबा रामदेवजी ने कहा जीवन जीना है तो मर्यादित होकर जीवन जीओ तो जीवन में कभी कठिनाई नहीं आयेगी। उन्होने उपस्थित श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा इस धर्म सभा के पांडल में एक कसम और लेलो की जीवन में किसी भी प्रकार का नशा नहीं करोगें। उन्होने कहा कि मदिरा के हाथ भी नहीं लगाओं यह शरीर भगवान मंदिर है इसे मदीरालय मत बनाओ। बाबा रामदेवजी ने कहा अपने जीवन में अ यास करना चाहिए किसी जीवन में एक भी गलत नहीं हो, कर्म को कभी खराब मत करना चाहिए। बाबा रामदेव ने स्वदेशी वस्तुओ के इस्तेमाल करने पर जोर देते हुए कहा कि स्वदेशी अपनाने से देश का पैसा देश के ही काम आयेगा।

इस अवसर पर बाबा रामदेव ने पंाडाल में योग के गुरू भी बताए। बाबा रामदेव हेलीकॉप्टर से पदमाराम कुलरिया की ढाणी पदम पैलेस में सुबह करीब दस बजे पंहुचे जिनका हेलीपेड जो पदम पैलेस में ही बना है वंहा रामकथा वाचक संत मुरलीधर महाराज, गौ सेवी पदमाराम कुलरिया, कानाराम, शंकर व धर्म कुलरिया ने अगुवाई करते हुए उनका स्वागत किया। बाद में मंच पर कुलरिया परिवार की और से भी बाबा रामदेव कुलरिया परिवार ने राजस्थानी शाफा पहनाकर व शॉल ओढाकर स्वागत किया। सोमवार को कथा के तीसरे दिन शंकर पार्वती के विवाह की कथा का विस्तार प्रसंग सुनाया गया।

इस अवसर पर मुरलीधर महाराज ने कहा मनुष्य को अपना जीवन परोपक ार में न्यौछावर कर देना चाहिए। उन्होने कहा जो अपना जीवन परोपकार में न्यौछावर कर देता है तो संत उनकी प्रसंसा करते है। उन्होने कहा जैसे योग गुरू बाबा रामदेव ने अपना जीवन पर्माथ के लिए न्यौछावर कर दिया है उन्होने कहा कि परोपकार करने वालो का नाम लोग आदिअनादिकाल तक लेते है। सोमवार को कथा में कामदेव को शंकर भगवान को जीतने व कामदेव को शंकर जी द्वारा भस्म करने की कथा प्रसंग सुनाया।
रामचरित मानस का किया पूजन रविवार को कथा प्रारंभ से पूर्व रामचरित मानस का पूजन गौसेवी पदमाराम कुलरिया, उगमाराम, देवाराम, मघाराम, कानाराम, शंकर, धर्म, सुरेश, नरेश, पुखराज, पुष्पा, लक्ष्मी व मुन्नी आदि ने रामचरित मानस का पूजन किया।


इनका हुआ समान कथा के तीसरे दिन के विश्राम के बाद रोड़ा पीठाधीश्वर भंवरदास जी महाराज, शास्त्री पं.मखन लाल व्यास, बल्लभदास व्यास, अशोक महाराज, संत चुनाराम आदि का स्वागत कानाराम कुलरिया शॉल ओढाकर स्वागत किया। अतिथियों को संत मुरलीधर महाराज ने दुपटा पहनाकर समान किया जिसमें- हीरालाल माकड़ श्रीबालाजी, हनुमान सुथार, किसन लाल बाडसर, भंवरलाल बाडसर, हनुमान श्रीबालाजी, मोहनलाल धामू, रामचंद्र जांगीड़, श्याम जांगीड़, मोहित जांगीड़, रामवतार वैष्णव, गिरधारी सोनी, सत्यनारायण नागल, मूलचंद नागल, नाथूराम नागल, रामेश्वर लाल कुचौर, अशोक सुथार, श्याम सुथार, हनुमान राम, रामूलाल कुचौर, हनुमान काकड़ा, मोहनलाल गांधीधाम, तुलछाराम कुलरिया, जेपी जांगीड़ गुलाबचंद आदि उपस्थित रहे।(PB)