बीकानेर। सरहा नथानियान गोचर भूमि के संरक्षण किए जाने की मांग को लेकर साधू-संतों और गो सेवकों ने आज रैली निकाली और कलक्टर कार्यालय के सामने धरना लगाया। धरनार्थियों ने अपनी मांगों का मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन कलक्टर डॉ. एनके गुप्ता को सौंपा। एमएम ग्राउंड से शुरू हुई यह रैली कलक्टर कार्यालय के सामने पहुंची और वहां कर्मचारी मैदान पर धरने के रूप में तब्दील हुई। धरना स्थल पर शिवबाड़ी मठ के महन्त संवित सोमगिरि महाराज भी मौजूद थे। धरने पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण की वजह से गोचर भूमि भी नहीं बच रही है।
सरकार और प्रशासन को गोचर के संरक्षण के लिए व्यापक प्रयास करने होंगे। धरना संयोजक बृजनारायण किराडू ने बताया कि गायों के संरक्षण को लेकर बीकानेर रियासत के तत्कालीन राजा कर्णसिंह व सेठ नथमल नथाणी ने श्रीगंगानगर रोड से जैसलमेर रोड तक की 27205 बीघा 18 बिस्वा जमीन गोचर भूमि के लिए छोड़ी थी। जिसे उस दौरान सरहा नथानियान गोचर का नाम दिया गया था। आजादी के बाद से ही ये गोचर भूमि कम होती गई। प्रदेश में सत्ता में रही सरकारों ने अपने मुताबिक इस भूमि पर सरकारी कार्यालय व अन्य उपक्रमों का निर्माण करवा दिया। वर्तमान में सरहा नथानियान पर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, ट्रीटमेन्ट प्लांट, मुरलीधर व्यास कॉलोनी, पुलिस फायरिंग रेंज, पीडब्ल्यूडी लेबोरेट्री के भवन बने हुए हैं और कईयों के लिए जमीन आवंटित की गई है।
वहीं प्रशासन की उदासीनता की वजह से गोचर भूमि पर लोगों ने कब्जे कर लिए हैं। जिसकी वजह से गायों का संरक्षण नहीं हो पा रहा है। कुल मिला कर सरहा नथानियान गोचर भूमि अब बहुत कम रह गई है। अगर सरकार और प्रशासन ने अभी भी इस ओर भी ध्यान नहीं दिया तो यह गोचर बिल्कुल खत्म हो जाएगी। जब गोचर भूमि ही नहीं रहेगी तो गायों को किस प्रकार संरक्षित किया जा सकेगा। इसलिए आज साधू-संतों और गो सेवकों ने धरना लगाकर सरकार और प्रशासन का ध्यान इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आकर्षित करने की कोशिश की है। धरना स्थल पर हुई सभा को विजय कोचर सहित कई लोगों ने सम्बोधित किया। रैली व धरने में बहुत से साधू-संत और गो सेवकों के साथ आमजन शामिल रहे।