गंगाशहर। गंगाशहर की पुण्य धरा पर ष्उत्थान ष् युवती सम्मलेन का शुभारम्भ शंखनाद और शासन श्री साध्वी संयमश्री जी के मुखारविंद से महामंत्रोच्चार के साथ हुआ। ”उत्थान’ का विधिवत उदघाटन अभतेममं के पदाधिकारीगण व् कार्यसमिति के द्वारा उत्थान गीत के साथ हुआ ।गंगाशहर महिला मंडल व कन्या मंडल के सामूहिक गीत के मंगल स्वरों से मंगलमय शुभारम्भ हुआ ।
अभातेममं की चीफ ट्रस्टी श्रीमती सायर बैंगानी ने उत्थान का आह्वान करते हुए कहा कि नारी जाति के उन्नायक आचार्य श्री तुलसी का दिव्याशीष सदैव महिला समाज के साथ है ।आचार्य श्री महाश्रमण जी के आर्शीवाद से हम संघ का , शक्ति का,संस्कारों का ,स्वयं का सार्थक दिशा में उत्थान करें। मातृहृदया महाश्रमणी असाधारण साध्वीप्रमुखा श्री कनक प्रभा जी के मंगल प्रेरणास्पद सन्देश का वाचन ट्रस्टी श्रीमती शांता पुगलिया ने किया। आ.तुलसी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री लूणकरण छाजेड़ ने सम्मेलन में समागत सभी अतिथियों व सुदूर क्षेत्रों से उपस्थित बहनों का शांति प्रतिष्ठान परिवार की तरफ से स्वागत किया । तेममं गंगाशहर अध्यक्ष मंजु आंचलिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष, महामंत्री एवम् पूरी टीम के प्रति स्वागतोद्गार व्यक्त किये । कोयलिया स्वर लहराये मन मधुवन महकाये ,खुशियों की है बिछी बहारें,नया सवेरा है लाएँ ष् गीत के द्वारा गंगाशहर महिला मंडल ने सभी का भावभरा अभिनंदन किया। अभातेममं की कर्मठ व युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कुमुद कच्छारा ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि हमारे भीतर उत्थान का जुनून बना रहे लेकिन वो गुरुदेव श्री तुलसी के सपनों की दिशा में हो ।।आ.तुलसी ने उत्थान की जो राह प्रशस्त की , जो नई राह दिखाई जिस पर चलकर हमने उड़ान भरी है उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने ,श्रद्धा का अर्ध्य चढ़ाने का एक प्रयास है,गंगाशहर की पुण्यधरा पर आयोजित यह सम्मलेन ।जो विश्वास गुरुदेव तुलसी ने नारी जाति पर दिखाया उस पर खरा उतरने के लिए हमें पारिवारिक स्थितियों में परिवर्तन करना होगा ,सम्यक्त्व को पुष्ट करते हुए संस्कारों का उत्थान करना होगा ।
भारतीय स्काउट गाइड की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती बिमला ढुकवाल ने अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुये कहा कि हमें अपनी ऊर्जा का, अपनी शक्ति का संवर्धन करना होगा । योगक्षेम को अपनाना होगा ।महिला सृजन की शक्ति है,जो ऊर्जावान व संस्कारित समाज का सृजन कर सकती है ।साध्वीश्री विनम्रयशा जी ने सा.मानकुमारी जी के मंगल सन्देश का वाचन किया। विशेष अतिथि श्रीमती रचना भाटिया (उपनिर्देशिका,महिला बाल विकास , बीकानेर ) ने अपने मनोगत में कहा कि अंहिसा के द्वारा सृष्टि का उत्थान संभव है । उत्थान का नाद आंतरिक सौंदर्य को प्रस्तुत करता है ,जो आरोहण करने की प्रेरणा देता है ।उत्थान का सफर शुरू हुआ है ,मंजिल अभी बाकी है ।हमें संकल्प के साथ आगे बढऩा होगा । सा.संयमप्रभा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि महिला मण्डल निरंतर अपना बौद्धिक विकास कर रहा है ।इसके साथ सेवा, सौहार्द व सहिष्णुता का त्रिवेणी संगम हो जाए तो अपने जीवन में इंद्रधनुषी रंग भर सकते है । आ.तुलसी के भरोसे पर भरोसा करके ,जितना उत्थान किया है उससे भी ज्यादा आत्मोत्थान की दिशा में अग्रसर होना है ।
इस विशेष सत्र में समणी परिमल प्रज्ञाजी ने विषय के सन्दर्भ में कहा कि जानना अलग बात है और उसे आत्मसात करना अलग बात है । रिश्तों के ऊपर पनपती है जिंदगी । रिश्तों में गलती किसकी यह महत्व पूर्ण नहीं है महत्वपूर्ण है जिंदगी किसकी है। आपका रिश्ता स्वयं के साथ ,रिश्ता दूसरों के साथ ,रिश्ता आत्मा के साथ कैसा हो ।जरुरी है आप अपने अस्तित्व को पहचाने ,खुद से प्यार करना सीखे ,स्वयं को खुश रखें । दूसरों के साथ प्रशंसा ,स्नेह ,आपसी संवाद ,सहिष्णुता का व्यवहार हो जाए तो रिश्तों में मजबूती आएगी । आत्मा के साथ सम्बन्थ मजबूत बनाने के लिए पापभीरुता ,स्वाध्याय आदि की आवश्यकता है । पैनलिस्ट बने समणी निर्देशिका समणी मधुर प्रज्ञा जी ,चीफ ट्रस्टी श्रीमती सायर बैंगानी ,ट्रस्टी व सम्मलेन की निर्देशिका श्रीमती सूरज बरडिया , राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कुमुद कच्छारा ,महामंत्री श्रीमती नीलम सेठिया ,मुख्य अतिथि श्रीमती प्रभा मालू आदि ।इस शो के माध्यम से मॉडरेटर श्रीमती जयश्री बड़ाला ,श्रीमती नीतू ओस्तवाल ने समय प्रबन्धन ,बच्चों को तनाव मुक्त कैसे बनाएं, कैसे भविष्य को सुनहरा बना सकतें हैं आदि विषयों पर सदन के साथ चर्चा -परिचर्चा की । बहनों ने बहुत रूचि व उत्साह के साथ भाग लिया । सभी पैनलिस्ट ने सदन की जिज्ञासाओं का सुन्दर समाधान करते हुए बताया कि हमें न्-ज्नतद लेना है हमारी दैनिक परिचर्या में, खान -पान में पहनावे में , संस्कार निर्माण में ,अध्यात्म के प्रति जागरूक बनने में ,समय नियोजन में । अन्य महिला संस्थाओं से पधारे हुए अतिथियों का साहित्य से सम्मान किया गया ।कार्यक्रम का सुंदर संचालन सहमंत्री श्रीमती विजयलक्ष्मी भूरा ने किया ।
महाप्राण गायन प्रतियोगिता के फाइनल में 12 प्रतिभागी टॉप टेन चयन