बीकानेर। बसंतोत्सव एवं नागरी भंडार के 112 वें स्थापना दिवस पर श्री संगीत भारती की प्राचार्य डॉ.कल्पना शर्मा के निर्देशन में कलाकारों ने संगीत सुरों की गंगा प्रवाहित कर बसंतोत्सव का आगाज किया । आरुषी धानुका, भूमिका पंवार ने सरस्वती वन्दना कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । सुकृति, परी, मनस्वी, नन्दिका, धान्या और लावण्या ने निरतत ढंग रुपक प्रस्तुत कर तालियां बटोरी ।

मोनिका प्रजापत ने राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत किया । नन्ही बालिका सुकृति आहूजा ने बंगाली नृत्य प्रस्तुत किया । लोपामुद्रा आचार्य ने सरस्वतीकुमार की रचना जिसे संगीत बद्ध डॉ.मुरारी शर्मा ने किया “चुपचाप सितारे” प्रस्तुत कर तालियां बटोरी । नरेन्द्रसिंह ने रागेश्वरी में छोटा खयाल, तोलाराम ने भुपाली में छोटा खयाल, सिद्धार्थ ने राग काफी में छोटा खयाल “आज खेलूं श्याम संग होरी सुनाकर वाह वाही लूंटी । लता मलघट, नूतन सुराणा, मानसी तिवाडी, मधु तिवाडी, कशिश आचार्य, महक कोचर ज्योति वधवा गीता सोनी ने भजन सुनाए ।

कथक शेली झपताल में देवमयूर घई ने नृत्य प्रस्तुत कर तालियां बटोरी । राजस्थान की प्रसिद्ध लोक गायिका राजकुमारी मारु ने लोक रचना प्रस्तुत की । हारमोनियम पर पुखराज शर्मा, ज्ञानेश्वर सोनी, तबले पर डॉ.अशोक शर्मा, देवेश शर्मा ने संगत की । केविन बिनॉय ने ऑर्गन वादन किया ।

राजस्थानी गीत “धरती धोरां री” पर सुमन गान्धी, लोपामुद्रा, देवमयूर घई ने नृत्य किया । तीन ताल में नृत्य रचना “कान्हा रे” राग केदार तराना छोटा खयाल में भूमिका पंवार, आरुषी धानुका, मोनिका प्रजापत ने नृत्य किया । कार्यक्रम का संचालन कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने किया । समारोह में गिरिजाशंकर शर्मा, विध्यासागर आचार्य, राजेन्द्र जोशी, नन्दकिशोर सोलंकी ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया ।


कार्यक्रम में बाबुलाल छंगाणी, प्रभा भार्गव, सुरेन्द्र खत्री, चिरंजीलाल शर्मा, श्रीगोपाल स्वर्णकार, ऋषिकुमार अग्रवाल, तुलसीराम मोदी, शिवाजी आहूजा, आत्माराम भाटी, मोहनलाल मारु, गौरीशंकर सोनी, आदि की साक्षी रही ।
रविवार (आज) 10 फरवरी को कवि सम्मेलन सायं 4.30 बजे
रविवार 4.30 बजे नागरी भंडार प्रांगण में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया है जिसमें हिन्दी, उर्दू एवं राज्स्थानी के यशस्वी कवि एवं शायर अपनी रचनाएं एवं कलाम प्रस्तुत करेंगे ।
11 फरवरी सोमवार को सम्मान समारोह एवं समापन
11 फररी को सायं 4.30 बजे नरेन्द्रसिंह ऑडिटॉरियम में ख्यातनाम साहित्यकार डॉ.अशोक मेत्रेय (हापूड), शाइरा श्रीमती मलका नसीम (जयपुर), व डॉ.बी.एल.माली अशांत(जयपुर) का काव्यपाठ होने के पश्चात सम्मान किया जाएगा ।

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