बीकानेर । नृसिंह जयंती पर शनिवार को शहर में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर नृसिंह लीलाओं का आयोजन हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने व्रत रखा तथा भगवान नृसिंह की पूजा अर्चना की । नृसिंह लीलाओं को देखने के लिए हजूम जमा था ।
सीताराम गेट के अंदर गौरी शंकर महादेव मंदिर परिसर में लगातार 11 वर्ष गौरी शंकर युवा मंडल की ओर से नृसिंह लीला का आयोजन किया गया। “हिरणा कृष्णा गोविंदा प्रहलाद बधे” की धुन के साथ हुई नृसिंह लीला में प्रतीक रूप में अन्यायी हिरणाकश्यप का वध किया गया। त्रिकाल संध्या में नर व सिंह के रूप में बने पात्र नृसिंहजी के साथ हिरण्य कश्यप की तीन झड़पे हुई। तीसरी झड़प में उसका प्रतीक वध किया गया। वध के वक्त नृसिंह लीला स्थल पर पुष्प वर्षा की गई । जयकारों से समूचा स्थल गूंज उठा। नृसिंह लीला में राधेश्याम स्वामी नृसिंह, सीताराम ने हिरण्यकश्यप का तथा भव्य ने भक्त प्रहलाद का स्वरूप धारण किया। लीला स्थल पर पंचामृत व प्रसाद का वितरण किया गया।
नृसिंह चतुर्दशी पर शनिवार को डागा चौक, लखोटियों का चौक, रत्ताणी व्यासों के चौक क्षेत्र में बलावत पुरोहितों की गली, बिनानी चौक में दुजारियों की गली, नत्थूसर गेट के बाहर सहित अनेक स्थानों पर नृसिंह लीलाओं का आयोजन हुआ। नृसिंह मंदिरों में पूजा अर्चना व आरती की गई। बड़ी संध्या में श्रद्धालुओं ने व्रत रखा तथा शाम को पंचामृत, पंजीरी आदि के प्रसाद को ग्रहण कर व्रत का पारणा किया।