OmExpress News / Jaipur / बीते पांच दिन से राजस्थान की राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। कांग्रेस-भाजपा नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। ट्वीट के जरिए भी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इन सबके के बीच पूरे प्रकरण पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की खामोशी सुर्खियों में है। वसुंधरा राजे अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट तो कर रही हैं, मगर उनमें राजस्थान की राजनीति के बारे में कोई जिक्र नहीं है। (Hanuman Beniwal)
गहलोत सरकार बचाने का पुरजोर प्रयास
वसुंधरा राजे की खामोशी को लेकर 16 जुलाई 2020 को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने बड़ा आरोप लगाया है। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लगातार अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही हैं। वो लगातर कांग्रेस पार्टी में उनके नजदीकी विधायकों से बात भी कर रही हैं।
जाट विधायकों को किए फोन, गहलोत का साथ देने की कही बात
बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया है कि वसुंधरा राजे ने दूरभाष पर सीकर तथा नागौर जिले के सत्ताधारी दल के एक-एक जाट विधायक को फोन करके इस राजनीतिक घटनाक्रम में सचिन पायलट से दूरी बनाकर अशोक गहलोत का साथ देने की बात कही है और वो विधायक मध्य रास्ते से वापस आ गए।
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने @INCRajasthan में उनके करीबी विधायको से दूरभाष पर बात करके उन्हें @ashokgehlot51 का साथ देने की बात कही,सीकर व नागौर जिले के एक एक जाट विधायको को राजे ने खुद इस मामले में बात करके @SachinPilot से दूरी बनाने को कहा जिसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास है !
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) July 16, 2020
बेनीवाल ने इस आरोप के संबंध में खुद के पास के पुख्ता प्रमाण होने की बात कहते हुए कहा है कि अशोक गहलोत तथा वसुंधरा राजे एक ही है। उनके बीच सत्ता को लेकर गठजोड़ है। प्रदेश व देश की जनता वसुंधरा-गहलोत के आंतरिक गठजोड़ की कहानी को समझ चुकी है। दोनों नेता एक दूसरे के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं।
पायलट बनने वाले थे सीएम
बेनीवाल ने यह भी कहा कि राजस्थान विधानसभा 2018 की जीत के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की संभावना थी, लेकिन अशोक गहलोत के द्वारा आलाकमान के सामने चमचागिरी करके मुख्यमंत्री का पद हथिया लिया गया, परिणाम यह हुआ कि राजस्थान अपराध की राजधानी बन गया है।