Vishnu Dutt Bishnoi

OmExpress News / Jaipur / Om Daiya / राजस्थान में चुरू जिले के राजगढ़ पुलिस थाना अधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने शनिवार अलसुबह अपने सरकारी क्वार्टर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह काफी देर तक उनके क्वार्टर से बाहर नहीं आने पर स्टॉफ ने दरवाजा खोलकर देखा तो विश्नोई के आत्महत्या करने की बात सामने आई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। (Vishnu Dutt Bishnoi Suicide)

घटना की जानकारी मिलते ही बीकानेर रेंज के महानिरीक्षक जोस मोहन व चुरु पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम सहित आला अधिकारी और एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। मौका मुआयना करने के बाद शव को अस्पताल ले जाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें आत्महत्या के लिए माता-पिता से माफी मांगते हुए छोटे भाई से परिवार की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा है।

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पता चला है कि आत्महत्या से एक दिन पहले इंस्पेक्टर विष्णु दत्त ने अपने परिचित सोशल एक्टिविस्ट से वॉट्सएप पर चैटिंग की थी, जिसमें लिखा था कि उन्हें गंदी राजनीति के भंवर में फंसाने की कोशिश हो रही है। ऐसे में वह अब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले है। यहां के ऑफिसर बहुत कमजोर हैं। इस वॉट्सएप चैटिंग के स्क्रीन शॉट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

मामले में डीजीपी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि इसकी जांच करवाई जाएगी। उधर, इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता धरने पर बैठ गए। उधर, थाना अधिकारी की आत्महत्या के बाद स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए और स्थानीय कांग्रेस विधायक के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इनका आरोप है कि विधायक मृतक थाना अधिकारी पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाते थे।

इस मामले में पुलिस कई पहलुओं पर जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही घटना से कारणों का पता चल सकेगा। वहीं, इस घटना के बाद परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है।

आत्महत्या या हत्या?

बीकानेर चूरू राजगढ़ थाना अधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई द्वारा पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने के मामले को लेकर तरह -तरह की बातें निकल कर सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार विष्णुदत्त विश्नोई ने अपनी ईमानदारी के बल पर राजगढ़ थाना क्षेत्र में नई इबारत लिखी थी और इसी ईमानदारी को हजम नहीं करने के कारण कुछ कथित राजनेता उन्हें लगातार परेशान करते चले आ रहे थे। सूत्र यह भी बताते हैं कि विष्णुदत्त विश्नोई ने अपनी परेशानी से वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करवाया था किंतु विगत काफी समय से उनकी कहीं सुनवाई नहीं होने के कारण कथित रूप से प्रताड़ित होकर बिश्नोई ने यह कदम उठाया है।

Vishnu Dutt Bishnoi Suicide Note

इधर विष्णुदत्त विश्नोई द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने का समाचार मिलते ही न केवल संपूर्ण राजगढ़ थाना जार- जार रो रहा है बल्कि राजगढ़ के नागरिक भी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद करके थाने के सामने एकत्र हो गए हैं। और विष्णुदत्त बिश्नोई द्वारा आत्महत्या किए जाने को उनकी हत्या बताते हुए आरोपियों की तलाश कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं ।राजगढ़ के नागरिक थाना के समक्ष “हत्यारों को फांसी दो विष्णुदत्त विश्नोई अमर रहे ” जैसे नारे भी लगा रहे हैं। फिलहाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी राजगढ़ पहुंच रहे हैं और मामले में क्या नया मोड़ आता है यह शाम तक पता चल सकेगा।

Saint Vivekanand Sr. Sec. School Bikaner

यहां यह उल्लेख करना भी उचित है कि विष्णुदत्त विश्नोई जहां कहीं भी रहे उन्होंने सर्वप्रथम उन थानों की रूपरेखा बदल कर आम नागरिकों के लिए सुविधाओं का प्रत्यारोपण किया। विश्नोई को सदैव थाना भवनों के सुधार की तरफ अग्रसर करने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाएगा। बीकानेर रेंज के आईजी जोस मोहन भी मोके पर पहुंच रहे हैं।

चुरू के राजगढ़ सीआई के सुसाइड के मामले में भी होगी लारेंस से पूछताछ

चुरू के राजगढ़ में SHO द्वारा आत्महत्या का मामला में डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा सीआई विष्णुदत्त बिश्नोई बेस्ट पुलिसकर्मचारियों में से एक थे, हर पुलिस अधिकारी उन्हे लेना चाहता था अपनी टीम में, पूरा पुलिस विभाग उनकी मौत से है दुखी है। उन्होंने कहा कि विष्णुदत्त विश्नोई बेस्ट पुलिसकर्मियों में से एक थे, यह पुलिस विभाग के लिए एक बड़ा लॉस है।

सीआई विष्णुदत्त विश्नोई चूरू के राजगढ़ थाने में एसएचओ थे. शुक्रवार को इलाके में हुई एक हत्या के मामले में देर रात तक वह जांच कर रहे थे और उसके बाद में अपने सरकारी क्वार्टर में पहुंचे और वहां पर आत्महत्या कर ली.

सीआई विष्णुदत्त विश्नोई ने दो सुसाइड नोट भी लिखे हैं।एक में एसपी को संबोधित करते हुए उन्होंने तनाव और अपने ऊपर बढ़ता दबाव आत्महत्या का कारण बताया. वहीं उन्होंने यह भी लिखा कि वह कायर नहीं हैं, लेकिन मजबूरी के चलते यह कदम उठाना पड़ रहा है. वहीं, दूसरा पत्र उन्होंने अपने माता-पिता को संबोधित करते हुए लिखा हालांकि उन्होंने किसी पर भी आरोप नहीं लगाया ।

आत्महत्या की घटना के बाद में एक सोशल एक्टिविस्ट ने एक दिन पहले व्हाट्सएप पर हुई चैट वायरल की, जिसमें लिखा था कि विष्णु दत्त दबाव में है और वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं. सोशल एक्टिविस्ट का आरोप है कि विष्णुदत्त ने दबाव में आकर आत्महत्या की है, जिसकी जांच की जानी चाहिए. घटना के बाद में राजगढ थाने के बाहर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ भी जमा हो गई, जिन्होंने मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की।

डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विष्णुदत्त बिश्नोई बेस्ट पुलिसकर्मियों में से एक थे. प्रदेश का हर पुलिस अधिकारी उन्हें अपनी टीम में लेना चाहता था।पूरा पुलिस विभाग उनकी मौत से दुखी है।हालांकि कुछ लोग सीआई की मौत पर विवाद भी खड़ा कर रहे हैं। डीजीपी ने साफ किया कि सीआई को पुलिस अधिकारियों ने किसी भी तरह का नोटिस नहीं दिया था, बल्कि हर कोई उनके अच्छे काम की तारीफ ही करता था।

डीजीपी ने बताया कि आईजी रेंज और प्रभारी एडीजी राजीव शर्मा मौके पर गए हैं. वहीं, मामले की जांच क्राइम ब्रांच को दी गई है. क्राइम ब्रांच की ओर से एसपी विकास शर्मा जांच के लिए जयपुर से रवाना हो गए हैं. जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही मामले की स्थिति साफ हो पाएगी. क्राइम ब्रांच एडीजी बीएल सोनी मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

एडवोकेट गोवर्धन सिंह पहुंच रहे राजगढ़, दरअसल 1 दिन पहले की चैट गोवर्धन सिंह ने ही की थी शेयर, विश्नोई के परिजन भी बताए जा रहे सम्पर्क में।

पूर्व CM राजे ने संवेदनाएं प्रकट

पूर्व CM राजे ने ट्वीट कर संवेदना प्रकट की. ट्वीट कर उन्होंने बोला कि “चूरू जिले के राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई जी की आत्महत्या का मामला बेहद दुःखद है।

इस घटना ने कांग्रेस सरकार के सिस्टम पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। राज्य सरकार तुरंत मामले की जांच करवाकर घटना के पीछे की हकीकत से पर्दा हटाए।

शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

 

बिश्नोई की मौत की उच्च स्तरीय हो जांच : रांका

राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई की मौत की सूचना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका ने सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। रांका ने कहा कि पुलिस विभाग के गौरव विष्णुदत्त बिश्नोई जिस थाने में भी रहे वहां आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय वाली पहचान कायम की। स्व. बिश्नोई द्वारा बीकानेर में लम्बे समय से विभिन्न थानों में पोस्टिंग के दौरान श्रेष्ठ कार्य किए गए। पूर्व चैयरमेन रांका ने बताया कि बिश्नोई जैसा जांबाज पुलिस अधिकारी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता। इसलिए हर हाल में सीबीआई जांच करवाई जाए।

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विष्णु दत्त की ईमानदारी पड़ी महंगी : सुराणा

भारतीय जनता पार्टी शहर जिला महामंत्री मोहन सुराणा ने ,सादुलपुर थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा राजस्थान पुलिस के जांबाज इंस्पेक्टर राजगढ़ में कार्यरत विष्णुदत्त विश्नोई ने आत्महत्या की खबर से अचंभित हूं एक ईमानदार अधिकारी का यूँ चला जाना शक के दायरे में है, ईमानदार थानाधिकारी के साथ कहीं ना कहीं गलत हुआ है, बाकी पता जांच में चलेगा, इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।

भाजपा जिला प्रवक्ता मनीष सोनी ने कहा विष्णुदत्त विश्नोई से बीकानेर पोस्टिंग के दौरान व्यक्तिगत जानने का मौका मिला बहुत ही ईमानदार, सवेदनशील ओर बिना किसी दबाव में आकर सच्चाई के साथ हर व्यक्ति को न्याय दिलाने के साथ अपने कर्तव्य का पालन करते थे, विष्णुदत्त बिश्नोई जी की मौत दिखने में आत्महत्या हो सकती है लेकिन यह आत्महत्या नहीं सोच समझ कर की गई हत्या है मेरा सरकार से आग्रह है कि इस मामले की सीबीआई जांच बीना किसी राजनीति और प्रशासनिक दबाव के हो ताकि भ्रष्ट तंत्र का खुलासा हो सके सीबीआई से कम जाँच हुई तो हमारे सामने सच्चाई कभी नहीं आयेगी ।

वे सदैव युवा वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे : पृथ्वी सिंह बैनीवाल

राजगढ़ के थानाधिकारी विष्णु दत्त विश्नोई के असामयिक निधन पर अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा की हरियाणा कार्यकारिणी ने गहरा शोक जताया है। शोक जताते हुए जीव रक्षा बिश्नोई सभा के हरियाणा मीडिया प्रभारी पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने कहा कि राजस्थान पुलिस के दबंग और ईमानदार पुलिस अधिकारी बिश्नोई के निधन से देश और समाज को एक बड़ी क्षति पहुंची है, जिसकी भरपाई करना नामुमकिन है। श्री विष्णुदत्त एक ईमानदार नेकदिल इंसान थे। वे सदैव युवा वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे।

साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। मांग करते हुए बैनिवाल ने कहा कि एक जांबाज पुलिस अधिकारी की आत्महत्या मौजूदा पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर करारा तमाचा है। आत्महत्या के कारक बने राजनीतिज्ञ, पुलिस अधिकारी का चेहरा बेनकाब कर सभी अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और विष्णुदत्त के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और आश्रितों को नौकरी दें।